एरिक्सन मामले में अवमानना के दोषी रिलायंस कम्युनिकेशन (Rcom) के चेयरमैन अनिल अंबानी चार हफ्ते के अंदर कंपनी को 453 करोड़ रुपये का भुगतान करना है.
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नई दिल्ली : एरिक्सन मामले में अवमानना के दोषी रिलायंस कम्युनिकेशन (Rcom) के चेयरमैन अनिल अंबानी चार हफ्ते के अंदर कंपनी को 453 करोड़ रुपये का भुगतान करना है. सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बुधवार को एरिक्सन मामले में आदेश दिया गया. यदि अनिल अंबानी अदालत के आदेश का पालन नहीं करते तो उन्हें तीन महीने की जेल हो सकती है. इससे पहले 12 फरवरी को अनिल अंबानी एरिक्सन इंडिया की तरफ से दायर की गई अदालत की अवमानना संबंधी याचिका के मामले में सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए थे. अदालत ने इस पर सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था.
यह है पूरा मामला
दरअसल पूरा मामला स्वीडिश टेलीकॉम उपकरण बनाने वाली कंपनी एरिक्सन इंडिया और रिलायंस कम्युनिकेशन (RCom) से जुड़ा हुआ है. एरिक्सन इंडिया का आरकॉम पर बकाया है. कंपनी ने बकाया के भुगतान के लिए सुप्रीम कोर्ट की शरण ली. पूरे मामले की सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने आरकॉम को भुगतान करने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया था. तय समय पर रिलायंस कम्युनिकेशन की तरफ से बकाया नहीं दिए जाने पर एरिक्सन ने फिर से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
23 अक्टूबर को दिया था आदेश
इस बार अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए 23 अक्टूबर 2018 को रिलायंस कम्युनिकेशन को आदेश दिया कि एरिक्सन इंडिया का बकाया 15 दिसंबर तक क्लीयर किया जाए. साथ ही यह भी कहा कि देरी से भुगतान पर 12 प्रतिशत की दर से ब्याज भी दें. इसके बाद भी आरकॉम की तरफ से भुगतान नहीं किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने आरकॉम को आंशिक भुगतान का निर्देश दिया था. इसका पालन करते हुए आरकॉम न्यायालय की रजिस्ट्री में 131 करोड़ रुपये जमा किए.
जब एरिक्सन ने स्वीकार नहीं कि राशि
एरिक्सन के वकील ने यह राशि स्वीकार करने से इनकार कर दिया. यह राशि जमा करते हुए रिलायंस कम्युनिकेशन के प्रवक्ता ने कहा कि आरकॉम ने अपने परिचालन के लिए रखे धन में से यह रकम जमा की है. एरिक्सन की तरफ से इस राशि को स्वीकार नहीं किए जाने पर पीठ ने आरकॉम को रजिस्ट्री में इस राशि का डिमांड ड्राफ्ट जमा कराने के लिए कहा. साथ ही एरिक्सन की तरफ से याचिका दायर कर अनिल अंबानी और दो अन्य के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू करने की मांग के साथ ही बकाया भुगतान करने तक सिविल जेल में हिरासत की मांग की गई.
अवमानना संबंधी याचिका के मामले में अनिल अंबानी 12 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए. अदालत ने इस मामले की सुनवाई करते हुए 13 फरवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया. उसके बाद अदालत ने 20 फरवरी को अवमानना का दोषी करार देते हुए बकाया 453 करोड़ रुपये का चार हफ्ते में भुगतान करने का आदेश दिया है. एरिक्सन ने इस दौरान कहा कि आरकॉम ने रिलायंस जियो को संपत्ति बेचने के बावजूद भी उसका 550 करोड़ का भुगतान नहीं किया.