किराया नहीं चुका पाने की वजह से जेट एयरवेज के 32 से ज्यादा विमान ग्राउंड हो चुके हैं.
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नई दिल्ली: जेट एयरवेज के ऊपर छाए मुश्किलों के बादल हटने का नाम नहीं ले रही है. किराये का भुगतान नहीं करने की वजह से कंपनी के 32 से ज्यादा विमान ग्राउंड हो चुके हैं. ऐसे में जिन कंपनियों ने जेट एयरवेज को विमान लीज पर दिए हैं, वे डील को तोड़ते हुए दूसरे एयरलाइंस को विमान लीज पर देने के बारे में विचार कर रही हैं. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से इसकी जानकारी दी है.
एजेंसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि Jet Airways को लीज पर देने वाली दो कंपनियों ने DGCA से कहा है कि वह पांच प्लेन को डी-रजिस्टर करे जिनका संचालन वर्तमान में एयरलाइंस द्वारा किया जा रहा है. जेट एयरवेज पर कर्ज का भारी बोझ है. आर्थिक संकट से गुजर रहे एयरलाइंस ने कई महीने से अपने पायलट और ग्राउंड स्टॉफ को सैलरी तक नहीं दी है. कंपनी डिफॉल्ट हो चुकी है. आंकड़ों के मुताबिक, जेट एयरवेज पर करीब 7000 करोड़ रुपये का कर्ज है.
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रॉयटर्स के सूत्रों के मुताबिक लीज पर देने वाली कंपनियां- GE Capital Aviation Services, Aercap Holdings और BOC Aviation ने कई विमानों को वापस भी ले लिया है. एयरलाइंस के पास 119 विमानों का बेड़ा है, जिनमें से लगभग एक तिहाई ग्राउंड हो चुके हैं. सूत्रों के मुताबिक, तीन विमान DGCA से डी-रजिस्टर हो चुके हैं. इनमें दो विमान चीन और एक विमान आयरलैंड भेजे गए हैं.
सूत्रों के हवाले से ये भी खबर है कि ये कंपनियां SpiceJet के साथ बातचीत कर रही हैं. लीज पर देने वाली ये कंपनियां चाहती हैं कि स्पाइस जेट Boeing 737 नेक्स्ट जेनरेशन एयरक्राफ्ट का परिचालन करे, जो फिलहाल जेट एयरवेज के बेड़े में शामिल थी. इथोपिया विमान हादसे के बाद पूरे विश्व में बोइंग के 737 मैक्स विमानों को ग्राउंड कर दिया गया. स्पाइसजेट के पास 13 ऐसे विमान थे जो फिलहाल ग्राउंड हो चुके हैं.