सबसे तेज चलने वाली बुलेट ट्रेन का ट्रायल शुरू, जानिए 10 खासियत
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सबसे तेज चलने वाली बुलेट ट्रेन का ट्रायल शुरू, जानिए 10 खासियत

भारत में मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है. देश में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को 15 अगस्त 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा. हाई स्पीड बुलेट ट्रेन के लिए दुनियाभर में पहचान बनाने वाले जापान ने अपनी एक हाई स्पीड एडवांस ट्रेन का ट्रायल शुरू कर दिया है.

सबसे तेज चलने वाली बुलेट ट्रेन का ट्रायल शुरू, जानिए 10 खासियत

नई दिल्ली : भारत में मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है. देश में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को 15 अगस्त 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा. हाई स्पीड बुलेट ट्रेन के लिए दुनियाभर में पहचान बनाने वाले जापान ने अपनी एक हाई स्पीड एडवांस ट्रेन का ट्रायल शुरू कर दिया है. नए मॉडल वाली बुलेट ट्रेन टोक्यो ओलंपिक से लाने की योजना है. इस हाई स्पीड बुलेट ट्रेन ने ट्रायल के दौरान 360 किमी प्रति घंटा (224 मील) की रफ्तार से दूरी तय की. इस बारे में ऑपरेटर जेआर सेंट्रल की तरफ से जानकारी दी गई.

सबसे बिजी रूट के लिए तैयार किया गया
एन700एस (N700s) 'सुप्रीम' बुलेट ट्रेन को जापान के सबसे बिजी रूट के लिए तैयार किया गया है. इस रूट पर इसके आने वाले समय में चलने की उम्मीद है. यह ट्रेन मौजूदा बुलेट ट्रेन से वजन में हल्की है, इस कारण इसमें बिजली की खपत भी कम होगी. साथ ही इस ट्रेन में सेफ्टी फीचर्स भी पहले से ज्यादा हैं. ट्रेन को भूकंप में ध्यान में रखकर तैयार किया गया है. ट्रेन का ट्रायल शुक्रवार को शुरू हुआ है. ऐसी उम्मीद है कि यह ट्रेन रफ्तार के मामले में चीन को पीछे छोड़ देगी.

फुक्सिंग से 10 किमी प्रति घंटा ज्यादा है रफ्तार
इस ट्रेन की चीन की अभी तक की सबसे तेज ट्रेन फुक्सिंग से 10 किलोमीटर प्रति घंटा ज्यादा रफ्तार होगी. ट्रेन का ट्रायल रात में हफ्ते के दो दिन सेनडाई और ओमोरी स्टेशन के बीच किया जाएगा. इसका तीन साल तक ट्रायल होगा. फिलहाल सबसे तेज बुलेट ट्रेन चीन में है, जिसे मैग्लेव बुलेट ट्रेन के नाम से जाना जाता है.

ये होंगी ट्रेन की खासियत
- यह बुलेट ट्रेन 360 किमी प्रति घंटा या इससे भी तेजी रफ्तार से दौड़ने में सक्षम है.
- यह ट्रेन मौजूदा बुलेट ट्रेन से वजन में हल्की है, इस कारण यह तेज गति से दौड़ सकेगी.
- वजन में हल्की होने के कारण इसमें इलेक्ट्रिसिटी की खपत भी कम होगी.
- इस ट्रेन में ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जिससे इसे भूकंप के दौरान भी दौड़ाया जा सकेगा.
- सुरंग में हवा से आने वाली रुकावट से निपटने के लिए इसमें विशेष तकनीक का इस्तेमाल किया गया है.
- सप्ताह में दो-दो बार तीन से ज्यादा साल तक इस ट्रेन का ट्रायल रन होगा.
- ट्रेन का ट्रायल रन उत्तर-पूर्वी जापान के सेनडाई और ओमोरी शहरों के बीच किया जाएगा.
- ट्रेन की छत पर एयर ब्रेक होगे.
- ट्रेन की गति को धीमा करने के लिए परंपरागत ब्रेक के साथ साथ मैग्नेटिक प्लेट्स होंगी.
- इसमें बैलेंस और कंफर्ट के लिए डैंपर और एयर सस्पेंशन होंगे.

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