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Electricity Amendment Bill 2021: अगर आप बिजली सेवाएं देने वाली मौजूदा कंपनी से खुश नहीं हैं, तो बहुत जल्द आपके पास ये अधिकार होगा कि आप पुरानी कंपनी को छोड़कर दूसरी मनचाही बिजली कंपनी को पावर सप्लाई के लिए चुन सकेंगे. ये ठीक वैसे ही काम करेगा जैसे कि आप किसी टेलीकॉम कंपनी की सेवाओं से नाखुश हैं तो दूसरी टेलीकॉम कंपनी पर पोर्ट कर जाते हैं.
पावर एंड रीन्यूएबल एनर्जी मिनिस्टर आर के सिंह ने कहा है कि सरकार Electricity Amendment Bill 2021 को जुलाई में शुरू होने वाले मॉनसून सत्र में पेश कर सकती है. अगर ऐसा हुआ तो ये पावर डिस्ट्रीब्यूशन के क्षेत्र में एक बड़ा रिफॉर्म होगा, जो उपभोक्ताओं को एक बड़ी ताकत देगा.जनवरी में Electricity Amendment Bill 2021 का एक प्रस्ताव कैबिनेट की मंजूरी के लिए जारी किया गया था.
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बिजली मंत्री ने एक इवेंट में कहा कि हमने बिजली उत्पादन की तरह इसके वितरण को भी डीलाइसेंस करने का प्रस्ताव दिया है. इसे लेकर कैबिनेट एक कैबिनेट नोट जारी किया गया था जिसे सभी मंत्रालयों ने मंजूर कर लिया है लेकिन कानून मंत्रालय की एक-दो सवाल है. उन्होंने कहा कि इसे जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा और संसद के अगले सत्र में पेश करके पास कराने की कोशिश की होगी. मॉनसून सत्र 19 जुलाई से शुरू हो सकता है और 13 अगस्त तक चल सकता है.
इस बिल के आने के बाद निजी कंपनियों के लिए बिजली वितरण के क्षेत्र में आने का रास्ता खुल जाएगा, क्योंकि लाइसेंस लेने की जरूरत खत्म हो जाएगी, इससे प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेगी. इसका सीधा फायदा बिजली उपभोक्ताओं को होगा, क्योंकि उनके पास चुनने के लिए कई सर्विस प्रोवाइडर्स होंगे. मौजूदा वक्त में कुछ सरकारी और निजी कंपनियों का ही बिजली वितरण के क्षेत्र में दबदबा है.
बिजली उपभोक्ताओं के पास भी उनके क्षेत्र में सेवाएं दे रही इन्हीं में से कोई एक कंपनी को चुनने के अलावा दूसरा रास्ता नहीं होता है. प्रस्तावित बिल के आने के बाद मौजूदा वितरण कंपनियां अपनी सेवाएं जारी रखेंगी, लेकिन उसी क्षेत्र में दूसरी बिजली वितरण कंपनियां भी पावर सप्लाई का बिजनेस कर सकेंगी. ऐसे में उपभोक्ताओं के पास कई सारी बिजली कंपनियों में से चुनाव करने का विकल्प होगा.
इस बिल में उपभोक्ताओं को ज्यादा ताकतवर बनाया गया है, अगर कोई कंपनी बिना बताए बिजली काटती है तो उसे उपभोक्ताओं को हर्जाना देना होगा. बिजली कंपनी को बिजली काटने से पहले उपभोक्ता को इसकी जानकारी देनी होगी. निश्चित समयसीमा से ज्यादा बिजली कटौती हुई तो भी हर्जाना देने का प्रावधान किया गया है.
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ऐसी कंपनियां जो बिजली वितरण के कारोबार में उतरना चाहती हैं, उन्हें केंद्र सरकार योग्यता शर्तों का पालन करना होगा और बिजली वितरण शुरू करने से पहले खुद को वाजिब कमीशन के साथ रजिस्टर्ड करना होगा, कमीशन को भी कंपनी को 60 दिन के अंदर रजिस्टर्ड करना होगा. कमीशन रजिस्ट्रेशन को रद्द भी कर सकता है, अगर कंपनी योग्यता शर्तों पर खरा नहीं उतरती है.
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