चीन को झटका! मोदी सरकार ने खरीद के नियमों को बदला, ऐसे होगा पड़ोसी मुल्क को नुकसान
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चीन को झटका! मोदी सरकार ने खरीद के नियमों को बदला, ऐसे होगा पड़ोसी मुल्क को नुकसान

भारत सरकार सामान्य वित्तीय नियम, 2017 (General Finance Rule) को संशोधित किया है ताकि उन देशों के बोलीदाताओं पर नियंत्रण लगाया जा सके जिनकी सीमा भारत से लगती हैं. देश की रक्षा और सुरक्षा से जुड़े मामलों को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है. 

चीन को झटका! मोदी सरकार ने खरीद के नियमों को बदला, ऐसे होगा पड़ोसी मुल्क को नुकसान

नई दिल्ली: सीमा पर मौजूदा तनाव के लिए मोदी सरकार (Modi Govt) ने चीन को घरेलू बाजार में भी झटका देने वाला कदम उठा लिया है. सरकार ने चीन (China) समेत उन देशों से सार्वजनिक खरीद पर नियंत्रण लगा दिए हैं जिनकी सीमाएं भारत से लगती हैं. इन देशों का कोई फर्म सुरक्षा मंजूरी (Security Clearance) और एक विशेष समिति के पास पंजीकरण के बाद ही टेंडर भर सकेगी. बताते चलें कि चीन के साथ सीमा विवाद के बीच यह कदम उठाया गया है.

  1. चीन को मोदी सरकार ने दिया एक और झटका
  2. सभी तरह के सरकारी खरीद पर लगाई रोक
  3. चीन समेत सीमा से सटे सभी पड़ोसी देशों पर होगा नियम लागू

मौजूदा नियमों में हो गया है बदलाव
बृहस्पतिवार को एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि भारत सरकार सामान्य वित्तीय नियम, 2017 (General Finance Rule) को संशोधित किया है ताकि उन देशों के बोलीदाताओं पर नियंत्रण लगाया जा सके जिनकी सीमा भारत से लगती हैं. देश की रक्षा और सुरक्षा से जुड़े मामलों को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है. व्यय विभाग ने देश की रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा (National Securtiy) को सुदृढ़ करने के इरादे से नियम के तहत सार्वजनिक खरीद पर विस्तृत आदेश जारी किया.

आदेश के तहत भारत की सीमा से लगे देशों का कोई भी आपूर्तिकर्ता भारत में सार्वजनिक परियोजनाओं के लिए वस्तुओं , सेवाओं (परामर्श और गैर-परामर्श समेत)की आपूर्ति के अनुबंध या परियोजना कार्यों (टर्न-की परियोजना समेत) के लिये तभी बोली लगा सकेगा जब वह उचित प्राधिकरण के पास पंजीकृत होगा.

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इसमें कहा गया है कि पंजीकरण के लिये उचित प्राधिकरण उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा गठित पंजीकरण समिति होगी. इसके लिये विदेश और गृह मंत्रालय से राजनीतिक और सुरक्षा संबंधी मजूरी अनिवार्य होगा.

आदेश के दायरे में में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों, स्वायत्त निकायों, केंद्रीय लोक उपक्रमों, सार्वजनिक-निजी भागीदारी वाली परियोजनाओं को भी लिया गया है जो सरकार या उसके अंतर्गत आने वाली इकाइयों से वित्तीय समर्थन लेती हैं.

इसमें कहा गया है कि देश की रक्षा और सुरक्षा में राज्य सरकारों की अहम भूमिका है. इसको देखते हुए भारत सरकार ने राज्य सरकारों और राज्य उपक्रमों आदि द्वारा खरीद के मामले में इस आदेश के क्रियान्वयन को लेकर संविधान के अनुच्छेद 257 (1) का उपयोग करते हुए राज्य सरकारों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखा है.

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राज्य सरकारों की खरीद के मामले में उचित प्राधिकरण का गठन राज्य करेंगे लेकिन राजनीतिक और सुरक्षा मंजूरी अनिवार्य बनी रहेगी. कुछ मामलों में छूट दी गयी है. इसमें कोविड-19 वैश्विक महामारी की रोकथाम के लिये 31 दिसंबर तक चिकित्सा सामानों की आपूर्ति के लिये खरीद शामिल हैं.

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