2 हजार नहीं किसानों के खाते में चुनाव से पहले आएंगे 4 हजार, सरकार ने बदला प्लान
Advertisement
trendingNow1498685

2 हजार नहीं किसानों के खाते में चुनाव से पहले आएंगे 4 हजार, सरकार ने बदला प्लान

केंद्र सरकार लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले हाल में घोषित योजना प्रधानमंत्री पीएम-किसान योजना के तहत पात्र किसानों को दो किस्तों का भुगतान करने की तैयारी कर रही है.

2 हजार नहीं किसानों के खाते में चुनाव से पहले आएंगे 4 हजार, सरकार ने बदला प्लान

नई दिल्ली : केंद्र सरकार लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले हाल में घोषित योजना प्रधानमंत्री पीएम-किसान योजना के तहत पात्र किसानों को दो किस्तों का भुगतान करने की तैयारी कर रही है. इससे किसानों के खाते में सीधे 4,000 रुपये आएगा. कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बारे में जानकारी दी. अंतरिम-बजट में, वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) नामक प्रत्यक्ष आय सहायता योजना की घोषणा की. जिसके तहत करीब 12 करोड़ लघु एवं सीमांत किसानों को प्रति वर्ष 6000 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा. यह धन सीधे उनके बैंक खातों में तीन किश्तों में दिए जाएंगे.

1 दिसंबर 2018 से हुई योजना की शुरुआत
नियम के अनुसार दो हेक्टेयर तक की जोत वाले किसान इसके हकदार होंगे. गोयल ने यह भी कहा था कि यह योजना इसी वित्तीय वर्ष में 1 दिसंबर 2018 से शुरू की जाएगी और मार्च 2019 तक आय सहायता की पहली 2,000 रुपये की किस्त का भुगतान कर दिया जाएगा. अधिकारी ने बताया, 'राज्य सरकारें पात्र किसानों की पहचान करने की प्रक्रिया में हैं. उम्मीद है लाभार्थियों की प्रारंभिक सूची जल्द ही तैयार हो जाएगी.'

कई राज्यों में भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल किया
अधिकारी ने कहा कि कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे कई राज्यों ने भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल कर दिया है. तेलंगाना, ओडिशा और झारखंड के पास भी आंकड़े हैं क्योंकि इन राज्यों ने भी इसी तरह की योजनाओं की घोषणा की है. यह पूछे जाने पर कि क्या लोकसभा चुनाव से पहले दो किस्तें दी जाएंगी, अधिकारी ने कहा, 'हम इसके लिए तैयारी कर रहे हैं. हम लोकसभा चुनाव से पहले दो किस्त किसानों के खाते में ट्रांसफर होने की उम्मीद करते हैं. यह राशि 4,000 रुपये होगी.'

अधिकारी ने कहा कि चूंकि इस योजना को चालू वित्त वर्ष में लागू किया जा रहा है, इसलिए अगले महीने किसी भी समय आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद भी इसका क्रियान्वयन प्रभावित नहीं होगा. अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होने हैं. प्रधानमंत्री-किसान के दिशा-निर्देशों के अनुसार, सभी संस्थागत भूमि धारक, संवैधानिक पद रखने वाले, सभी सेवारत या रिटायर्ड अधिकारी, केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों के साथ-साथ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू), 10,000 रुपये से अधिक मासिक पेंशन पाने वाले सभी सेवानिवृत्त पेंशनभोगी, आयकर दाताओं और डॉक्टर एवं इंजीनियरों जैसे पेशेवरों को योजना से बाहर रखा गया है.

सरकार ने योजना के तहत लाभार्थियों की पात्रता का निर्धारण करने के लिए समय सीमा 1 फरवरी, 2019 को निर्धारित किया है और इसके बाद अगले पांच वर्षों के लिए योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. 1 दिसंबर, 2018 और 31 जनवरी, 2019 के बीच स्थानांतरित की गई भूमि का स्वामित्व रखने वाले लोग इस योजना के तहत लाभ के प्राप्त करने के पात्र होंगे. हालांकि पहली किस्त हस्तांतरण की तारीख से आनुपातिक रूप से दी जाएगी.

Trending news