Air India के चेयरमैन प्रदीप सिंह खरोला बनाए गए नए नागर विमानन सचिव
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Air India के चेयरमैन प्रदीप सिंह खरोला बनाए गए नए नागर विमानन सचिव

खरोला को नवंबर 2017 में एयर इंडिया का चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) बनाया गया था.

(फोटो साभार फेसबुक)

नई दिल्ली: एयर इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक प्रदीप सिंह खरोला को बुधवार को नागर विमानन सचिव नियुक्त किया गया. एक सरकारी आदेश में इसकी जानकारी दी गई. खरोला 1985 के कर्नाटक काडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी हैं. उन्हें नवंबर 2017 में एयर इंडिया का चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) बनाया गया था. पूर्व सचिव राजीव नयन चौबे के 31 जनवरी को सेवानिवृत्त होने के बाद से यह पद रिक्त था. चौबे को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) का सदस्य बनाया गया है.

इस बीच घाटे में चल रही एयर इंडिया को बेचने के लिए सरकार की तरफ से एक बार फिर से कदम बढ़ाया जा सकता है. सूत्रों के हवाले से आ रही खबर के अनुसार महाराजा में सरकार 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर रही है. सूत्रों का कहना है कि साल की दूसरे छमाही में सरकार एयर लाइन को बेचने की तैयारी कर रही है. इससे पहले भी सरकार की तरफ से एयर इंडिया को बेचने के लिए कोशिश हो जा चुकी है, लेकिन कर्ज के कारण इसे खरीदार नहीं मिल सका.

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बेचने की पहली कोशिश हुई थी नाकाम
सूत्रों का कहना है कि इस बार सरकार दूसरी कोशिश में एयर इंडिया को बेचने के लिए पहले की असफलता से सबक लेते हुए कई बड़े और अहम बदलाव भी कर सकती है. इस बार सरकार एयर इंडिया विनिवेश को लेकर सरकार की तरफ से दो बड़े बदलाव किए जा सकते हैं. पहला यह कि एयर इंडिया 74 फीसदी नहीं बल्कि 100 फीसदी हिस्सेदारी को बेचा जा सकता है. माना जा रहा है पिछली बार एयर इंडिया को बेचने की कोशिश में असफलता का सबसे बड़ा कारण यह था कि सरकार खुद 26 प्रतिशत हिस्सेदारी रखना था जिसके चलते कोई भी बड़ा खरीदार आगे नहीं आया.

25 हजार करोड़ का कर्ज
दूसरा बड़ा कदम सरकार की तरफ से यह उठाया जा सकता है कि फिलहाल एयर इंडिया पर 25 हजार करोड़ का कर्ज है उसका बड़ा हिस्सा स्पेशल पर्पज व्हीकल (SPV)की तरफ डायवर्ट कर दिया जाए. इसके पहले जब एयर इंडिया पर तकरीबन 55 हजार करोड़ रुपये का कर्ज था तब बोझ को कम करने के लिए सरकार ने करीब 29 हजार करोड़ रुपये एसपीवी में डाले थे. जानकारों का मानना है कि एयर इंडिया पर 25 हजार करोड़ का कर्ज एक बड़ा कारण हो सकता है, जिसकी वजह से कोई भी खरीदार आगे नहीं आ रहा.

(इनपुट-भाषा)

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