अब चेक क्लियर होने में नहीं होगी देरी, RBI बदलने जा रहा है नियम
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अब चेक क्लियर होने में नहीं होगी देरी, RBI बदलने जा रहा है नियम

 ग्राहकों की सुविधा के लिहाज से आरबीआई ने बहुत बड़ा फैसला किया है. आरबीआई ने Cheque Clearance के नियमों में बदलाव किया है जिसके बाद अब पहले के मुकाबले और जल्दी कैश हो जाएंगे. सितंबर से नए नियम लागू हो जाएंगे. कुल मिलाकर चेक पेमेंट में गड़बड़ी और देरी रोकने के लिए आरबीआई ने ये कदम उठाया है.

और जल्दी क्लियर होगा आपका चेक

दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने Cheque Clearance के नियमों में बदलाव करने का फैसला किया है. इसका असर ये होगा कि गड़बड़ी की सभी संभावनाएं भी खत्म हो जाएंगी और चेक पहले के मुकाबले और जल्दी कैश हो जाएंगे. जानकारी के मुताबिक इसी साल सितंबर से नए नियम लागू हो जाएंगे.

  1. और जल्दी क्लियर होगा आपका चेक
  2. आरबीआई ने बदल दिए हैं नियम
  3. सितंबर से लागू होंगे नए नियम

CTS का दायरा बढ़ेगा

RBI ने भुगतान और निपटान प्रणाली को अधिक बेहतर, तेज और सटीक बनाने के लिए सभी शेष 18,000 शाखाओं को अपडेट करने का फैसला किया है.  जो भी शाखाएं केंद्रीकृत समाशोधन प्रणाली ‘चेक ट्रंकेशन सिस्टम’(Cheque Truncation System) के तहत नहीं हैं, उन्हें सितंबर तक सीटीएस (CTS) के दायरे में लाया जाएगा. CTS का इस्तेमाल 2010 से किया जा रहा है और इसके दायरे में लगभग 1 लाख 50 हजार बैंक शाखाएं हैं.

धोखाधड़ी भी रुकेगी

रिजर्व बैंक ने यह भी कहा है कि वह धोखाधड़ी और चालबाजी के खिलाफ डिजिटल भुगतान सेवाओं के लिए एक लगातार चालू रहने वाली एक हेल्पलाइन स्थापित करेगा. इसके अलावा ये भी तय हो गया है कि जल्द ही बैंकिंग, एनबीएफसी और कार्ड जारी करने वाली कंपनियों के खिलाफ शिकायत एक ही जगह की जा सकेगी. One Nation One Ombudsman पॉलिसी के तहत शिकायत सेंटर शुरू किए जाएंगे और ग्राहकों को एक ही जगह शिकायत करने की सुविधा मिल जाएगी. इससे सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि ग्राहकों की समस्या का जल्द से जल्द समाधान हो जाएगा और उन्हें बड़ी राहत मिल जाएगी. इस योजना के तहत जिन ग्राहकों को शिकायत होगी वो फोन, ऑनलाइन, मेल, पोस्ट के जरिए शिकायत दर्ज करा सकेंगे.

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ग्राहकों की परेशानी क्या है

लोन लेने वाले ज्यादातर ग्राहकों को ये शिकायत होती है कि लोन देने वाले संस्थान पूरी जानकारी दिए बिना उनकी लोन की अवधि बढ़ा देते हैं या फिर ईएमआई में इजाफा कर देते हैं. हालांकि लोन टर्म या फिर ईएमआई की राशि में बदलाव ब्याज दर बदलने पर ही होता है. रेपो रेट में बदलाव की वजह से भी लोन की शर्तों पर असर पड़ता है. 5 फरवरी को ही आरबीआई ने मौद्रिक नीति का ऐलान किया है. 3 दिन की Monetary Policy Committee की बैठक के बाद रेपो रेट नहीं  बदलने का फैसला किया है.

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