जेट एयरवेज के इंजीनियरों का कहना है कि सैलरी नहीं मिलने की वजह से मनोवैज्ञानिक स्थिति पर बुरा प्रभाव पड़ा उड़ान भरने वाले विमानों की सुरक्षा जोखिम पर है.
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नई दिल्ली: जेट एयरवेज का अपने विमानों को उड़ान भरने से रोकने और उड़ानों को रद्द करने का सिलसिला जारी है. इसी बीच कंपनी के विमान रख रखाव इंजीनियरों के संघ ने विमानन क्षेत्र के नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को मंगलवार को सूचना दी कि उन्हें तीन महीने से सैलरी नहीं मिली है और उड़ानों की सुरक्षा जोखिम में है. जेट एयरक्राफ्ट इंजीनियर्स वेलफेयर एसोसिएशन (JAMEWA) ने डीजीसीए को एक पत्र में लिखा है, ' हमारे लिए अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करना मुश्किल हो गया है. इसके परिणामस्वरूप विमान इंजीनियरों की मनोवैज्ञानिक स्थिति पर बुरा प्रभाव पड़ा है और यह उनके काम को भी प्रभावित करता है. और ऐसे में देश और विदेश में उड़ान भरने वाले जेट एयरवेज के विमानों की सुरक्षा जोखिम पर है.'
इस बीच एविएशन मिनिस्टर सुरेश प्रभु ने विमानन मंत्रालय के सचिव से कहा कि वे Jet Airways मामले को लेकर एक इमरजेंसी बैठक आयोजित करें. जेट के 41 विमान ग्राउंड हो चुके हैं, जिसकी वजह से लगातार फ्लाइट कैंसिल की जा रही है. कैंसिलेशन, रीफंड और एडवांस बुकिंग की समस्याएं गंभीर होती जा रही है, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी हो रही है. सुरेश प्रभु ने विमान मंत्रालय के सचिव से कहा कि वे इस पूरे मामले पर गंभीरता से विचार करते हुए इमरजेंसी बैठक बुलाएं और इस बाबत DGCA की रिपोर्ट तलब करें.
Directed Secretary, @MoCA_GoI to hold an emergency meeting on grounding of flights by Jet Airways, Advance bookings, Cancellation, Refunds and Safety issues, if any. Asked him to get a report on Jet compliance issues immediately from DGCA. @jayantsinha
— Chowkidar Suresh Prabhu (@sureshpprabhu) 19 March 2019
चिट्ठी में कहा गया है कि एक तरफ वरिष्ठ प्रबंधन कारोबार में समाधान के तौर-तरीके खोज रहे हैं. हम इंजीनियर पिछले सात माह से समय से वेतन नहीं मिलने से बहुत दबाव में हैं और विशेष तौर पर तीन महीने से तो हमें वेतन मिला ही नहीं है. हम विमानों की जांच करते हैं, उनकी मरम्मत करते हैं और यह प्रमाणित करते हैं कि विमान उड़ने लायक है या नहीं.'
नकदी संकट से जूझ रही जेट एयरवेज ने सोमवार को अपने चार और विमानों को उड़ान भरने से रोक दिया था. पट्टे पर लिए विमानों का किराया नहीं चुकाए जाने के चलते उसके परिचालन से बाहर हुए कुल विमानों की संख्या 41 हो गयी है. जेएएमईडब्ल्यूए ने इस मामले में डीजीसीए से हस्तक्षेप की मांग की है.