Direct Tax Collection: अर्थशास्त्री सुरजीत भल्ला के सुझाव को यदि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मान लिया तो यह टैक्स पेयर्स की बल्ले-बल्ले हो जाएगी. मशहूर अर्थशास्त्री सुरजीत भल्ला ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे अमीर देश नहीं है.
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Income Tax Collection: अगर आप भी हर साल इनकम टैक्स पे (Income Tax Pay) करते हैं तो यह खबर आपको खुश कर सकती है. जी हां, जानेमाने अर्थशास्त्री सुरजीत भल्ला के सुझाव को यदि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मान लिया तो यह टैक्स पेयर्स की बल्ले-बल्ले हो जाएगी. मशहूर अर्थशास्त्री सुरजीत भल्ला ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे अमीर देश नहीं है, लेकिन यहां टैक्स कलेक्शन काफी ज्यादा है और ऐसे में इनकम टैक्स की दर को मौजूदा करीब 40 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत किया जाना चाहिए.
भारत की इकोनॉमी बहुत ज्यादा ग्लोबलाइज्ड
उन्होंने बताया कि इकोनॉमिक ग्रोथ (Economic Growth) को तेज करने के लिए टैक्स की दर में कमी करना जरूरी है. भल्ला ने कहा, 'हम दुनिया में बहुत ज्यादा ग्लोबलाइज्ड इकोनॉमी हैं. यदि आप देश में टैक्स स्ट्रक्चर को देखते हैं, तो टैक्स कलेक्शन काफी ज्यादा है, जबकि हम दुनिया के सबसे धनी अर्थव्यवस्था नहीं हैं.' उन्होंने कहा कि राज्य, केंद्र और स्थानीय निकायों का टैक्स कलेकन देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का करीब 19 प्रतिशत है.
कुल टैक्स की दर 25 प्रतिशत करने का सुझाव
सुरजीत भल्ला ने यह भी कहा कि 'हमें इसे 2 प्रतिशत कम करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए. जहां तक प्रत्यक्ष करों का संबंध है, मुझे लगता है कि कुल टैक्स की दर 25 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. अभी यह सेस मिलाकर 40 प्रतिशत के करीब है. हमारी कॉरपोरेट टैक्स की दर 25 प्रतिशत है, यही हमारी इनकम टैक्स की दर होनी चाहिए.' इस समय देश में इनकम टैक्स की अधिकतम दर 39 प्रतिशत है.
भल्ला ने यह भी कहा कि समाज के एक चुनिंदा वर्ग को लाभ पहुंचाने की जगह टैक्स को सभी के लिए कम करने की जरूरत है. आपको बता दें फाइनेंशियल ईयर 2022-23 के दौरान भारत का सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 20 प्रतिशत से ज्यादा बढ़कर 19.68 लाख करोड़ रुपये हो गया. टैक्स कलेक्शन बढ़ने के बाद आयकर दाता बजट में टैक्स स्लैब घटने की उम्मीद कर रहे थे. बाद में वित्त मंत्री ने न्यू टैक्स रिजीम में बदलाव करके मिडिल क्लॉस को राहत दी. (भाषा)