रेल मंत्रालय ने सभी जीएम को कहा है कि वह जरूरत के लिहाज से तय करें कि कहां कितने रिजर्वेशन काउंटर खोलना है.
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नई दिल्ली: रेलवे ने टिकट बुकिंग काउंटर खोलने को हरी झंडी दे दी है. इसके साथ ही, कॉमन सर्विस सेंटर और एजेंट को टिकट बुक करने की अनुमति दे दी है. रेल मंत्रालय ने एक आदेश जारी करके शुक्रवार से सभी जोनों के जीएम को बुकिंग काउंटर खोलने को कहा है. रेल मंत्रालय ने सभी जीएम को कहा है कि वह जरूरत के लिहाज से तय करें कि कहां कितने रिजर्वेशन काउंटर खोलना है. हालांकि, रेलवे ने यह साफ किया है कि श्रमिक ट्रेनों के यात्रियों का कंट्रोल अभी भी संबंधित राज्यों के हाथ में रहेगा.
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि देशभर के करीब 1.7 लाख 'कॉमन सर्विस सेंटरों' पर ट्रेन टिकटों की बुकिंग शुक्रवार से बहाल होगी. 'कॉमन सर्विस सेंटर' ग्रामीण और दूरस्थ स्थानों पर सरकार की ई-सेवाओं को उपलब्ध कराने वाले केंद्र हैं. ये सेंटर उन स्थानों पर होते हैं जहां कम्प्यूटरों और इंटरनेट की उपलब्धता बहुत कम है या नहीं है. मंत्री ने यह भी कहा कि अगले दो से तीन दिनों में कुछ स्टेशनों में काउंटरों पर भी बुकिंग शुरू होगी.
Railways has decided to open Counters for booking reserved tickets in a phased manner
To start with, counters at major stations will be opened from Tomorrow, 22nd May
Measures for social distancing will be implemented . Hygiene & sanitation of the booking offices will be ensured— SouthWestern Railway (@SWRRLY) May 21, 2020
सामान्य स्थिति की और ले जाना होगा
गोयल ने कहा कि हमें भारत को सामान्य स्थिति की और ले जाना होगा. हम उन स्टेशनों की पहचान करने का प्रोटोकॉल बना रहे हैं जहां काउंटरों को खोला जा सकता है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि काउंटरों पर टिकट बुक कराने के लिए बड़ी संख्या में लोग एकत्रित न हों इसलिए हम स्थिति का आकलन कर रहे हैं और इसके लिए प्रोटोकॉल बना रहे हैं.
गोयल ने कहा, "हम और ट्रेनों को चलाने की जल्द ही घोषणा करेंगे."
उन्होंने कहा कि एक मई से श्रमिक विशेष ट्रेनें शुरू करने के साथ रेलवे ने तब से ऐसी 2,050 ट्रेनें चलाईं जिनमें करीब 30 लाख प्रवासियों, छात्रों और अन्य फंसे हुए लोगों को ले जाया गया. रेल मंत्री ने श्रमिक विशेष ट्रेनों को चलाने में रेलवे का सहयोग करने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की भी प्रशंसा की तथा सहयोग न करने के लिए पश्चिम बंगाल और झारखंड की आलोचना की. उन्होंने कहा कि अभी तक रेलवे पश्चिम बंगाल में केवल 27 ट्रेनें ही चला सका है और आठ-नौ मई तक केवल दो ट्रेनें वहां पहुंच पाईं। झारखंड में केवल 96 ट्रेनें चलाई गईं जबकि राजस्थान में अभी तक 35 ट्रेनें गई हैं.
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रेल मंत्री ने कहा, "हमने ट्रेन चलाने के लिए अनुमति मांगी और यहां तक कि गृह मंत्री ने भी एक पत्र लिखा फिर भी पश्चिम बंगाल से आठ ट्रेनों की सूची मिली. मैं उम्मीद करता हूं कि सभी राज्य लोगों को अपने घरों तक आने की अनुमति दें और उन्हें ट्रेनों से लाने में हमारी मदद करें."