पोते-पोतियों के साथ खेलने से बेहतर हो सकती है बुजुर्गों की मेंटल हेल्थ?
Advertisement
trendingNow12394948

पोते-पोतियों के साथ खेलने से बेहतर हो सकती है बुजुर्गों की मेंटल हेल्थ?

How to Improov Mental Health: एक रिसर्च में पाया गया कि पोते-पोतियों के साथ खेलने से बुजुर्गों की मानसिक सेहत में सुधार हो सकता है. हालांकि,उम्र बढ़ने के साथ ही डिमेंशिया और अल्जाइमर जैसी अन्य नर्व संबंधी बीमारियों का सबसे बड़ा जोखिम बढ़ जाता है.

पोते-पोतियों के साथ खेलने से बेहतर हो सकती है बुजुर्गों की मेंटल हेल्थ?

Mental Health Tips: एक रिसर्च में पाया गया कि पोते-पोतियों के साथ खेलने से बुजुर्गों की मानसिक सेहत में सुधार हो सकता है. हालांकि,उम्र बढ़ने के साथ ही डिमेंशिया और अल्जाइमर जैसी अन्य तंत्रिका संबंधी बीमारियों का सबसे बड़ा जोखिम बढ़ जाता है. साल 2050 तक दुनिया भर में 60 साल से ज्यादा आयु वालों की संख्या दोगुना तथा 80 साल से ज्यादा उम्र के लोगों की संख्या तिगुना होने की उम्मीद है. स्टडी के मुताबिक, विश्व की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है.

कैनबरा यूनिवर्सिटी (यूसी) और साउथ ऑस्ट्रेलिया यूनिवर्सिटी (यूनिसा) के रिसर्चर्स ने विशेष रूप से बच्चों और वयस्कों के लिए बनाए गए खेल के मैदानों में खेल के फायदों का अध्ययन किया है. युवा बच्चे और बूढ़े लोग जब अंतर-पीढ़ी के गेम्स में शामिल होते हैं, तो वह खेल, कहानी सुनाना और खेल के मैदान के इक्विपमेंट समेत क्रिएटिव और एंटरटेनिंग एक्टिविटीज में हिस्सा ले सकते हैं.

दक्षिण ऑस्ट्रेलिया यूनिवर्सिटी में ऑस्ट्रेलियाई रिसर्च सेंटर के इंटरैक्टिव और वर्चुअल एनवायरनमेंट (IVE) के एसोसिएट प्रोफेसर और उप निदेशक फैंके पेंग ने कहा, "युवा और बूढ़े लोगों के बीच एक सामाजिक विभाजन है, जो घर और स्कूल के बाहर सार्थक बातचीत को मुश्किल बनाता है."

पेंग ने कहा, "बूढ़ों में, यह आयु-आधारित अलगाव सामाजिक वियोग और अलगाव की भावनाओं को जन्म देता है, जिसके कारण बाद में डिप्रेशन, चिंता, आत्महत्या के विचार और संज्ञानात्मक गिरावट का कारण बन सकता है. बच्चों के साथ-साथ उनके माता-पिता और दादा-दादी के लिए एक खेल का मैदान बनाना अंतर-पीढ़ी के खेल को प्रोत्साहित करेगा और मेंटल हेल्थ रिजल्ट में सुधार करेगा."

Sana Ganguly Education: कहां से और कितनी पढ़ी लिखी हैं 'दादा' सौरभ गांगुली की बेटी सना गांगुली?

रिसर्चर्स द्वारा आयोजित प्ले स्पेस को-डिजाइन वर्कशॉप में, 65 साल और उससे ज्यादा आयु के प्रतिभागियों ने बच्चों के साथ समय बिताने के फायदों पर चर्चा की और कल्पना की कि उनकी कम्युनिटी में एक साझा स्थान कैसा दिख सकता है.

बैंक में करनी है सरकारी नौकरी, तो आपके लिए है ये मौका; चेक कर लीजिए पूरी डिटेल

इसके अलावा, इसमें हिस्सा लेने वालों ने इस बात पर चर्चा की कि उन्हें अंतर-पीढ़ी के प्ले ग्राउंड में उनके पसंदीदा खेल के समय के साथ उन्हें और क्या चाहिए? बच्चों और बूढ़ों के बीच अंतर-पीढ़ी के खेल के लिए जगह डिजाइन करना मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को दूर करने और पीढ़ियों के बीच बातचीत को प्रोत्साहित करने के लिए जरूरी है.  रिसर्च में कहा गया है कि इसमें सामाजिक भेदभाव को खत्म करना और साझा स्थान बनाना शामिल है जो बूढ़ों की जरूरतों को पूरा करते हैं.

इनपुट- एजेंसी से

ये हैं दुनिया की टॉप स्पेस एजेंसी, जानिए कौनसे नंबर पर हैं भारत की ISRO

Trending news