कोटा में छात्रों को मिलेगी Unique ID, पेरेंट्स की होगी काउंसलिंग, बीच में कोर्स छोड़ने पर फीस मिलेगी वापिस
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कोटा में छात्रों को मिलेगी Unique ID, पेरेंट्स की होगी काउंसलिंग, बीच में कोर्स छोड़ने पर फीस मिलेगी वापिस

कोटा के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर डॉ. रविन्द्र गोस्वामी ने घोषणा की है कि कोचिंग इंस्टीट्यूट्स 15 जुलाई से एडमिशन लेने वाले सभी स्टूडेंट्स को यूनिक आईडी दी जाए. इसके अलावा पेरेंट्स की काउंसलिंग भी की जाए. साथ ही उन्होंने कोचिंग इंस्टीट्यूट को फीस रिफंड पॉलिसी भी तैयार करने को कहा है.

कोटा में छात्रों को मिलेगी Unique ID, पेरेंट्स की होगी काउंसलिंग, बीच में कोर्स छोड़ने पर फीस मिलेगी वापिस

नई दिल्ली: राजस्थान के कोटा जिला के कलेक्टर डॉ. रविन्द्र गोस्वामी ने आज घोषणा की कि कोचिंग इंस्टीट्यूट्स को अब एडमिशन के समय सभी स्टूडेंट्स को एक यूनिक आईडी उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है. यह नियम 15 जुलाई के बाद एडमिशन लेने वाले सभी स्टूडेंट्स पर लागू किया जा रहा है.

यह यूनिक आईडी अल्फा-न्यूमेरिक होगी, जो कोचिंग स्टूडेंट्स को एक स्पेशल आइडेंटिटी प्रदान करेगा. गोस्वामी ने कहा कि कोचिंग कक्षाओं में डेली अटेंडेंस की व्यवस्था अनिवार्य की जाए और अगर कोई बच्चा लगातार तीन दिन तक कक्षा से एब्सेंट रहता है, तो इंस्टीट्यूट को इसका कारण पता लगाना होगा. इसके अलावा किसी भी प्रकार का संदेह होने पर जिला प्रशासन एवं पुलिस को सूचना देनी होगी, ताकि समय रहते आवश्यक कदम उठाए जा सकें.

उन्होंने कहा कि कोचिंग इंस्टीट्यूट्स की एक टीम समय-समय पर होस्टल और पीजी में जाकर स्टूडेंट्स से बातचीत करेगी. कोचिंग इंस्टीट्यूट के टीचर्स के अलावा कोई अन्य व्यक्ति भी होस्टल में रहने वाले स्टूडेंट्स से जाकर मिले और उनकी समस्याओं के बारे में जाने. साथ ही उन्होंने कहा कि घर से दूर रहकर पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स को अपनेपन का एहसास कराने के लिए व्यक्तिगत स्पर्श भी जरूरी है. उन्होंने कोचिंग इंस्टीट्यूट के टॉप मैनेजमेंट से भी अपील की है कि वे स्टूडेंट्स से उनके रहने के माहौल में ही मिलें.

टीचर्स और अभिभावकों के लिए आचार संहिता बनाने के साथ ही अभिभावकों की काउंसलिंग भी की जाएगी. उन्होंने कहा कि स्टूडेंट्स और अभिभावकों को अन्य करियर ओरिएंटेड कोर्स के बारे में जानकारी दी जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि नीट-जेईई (NEET-JEE) पास न कर पाने पर निराश होने के बजाय स्टूडेंट्स को पॉजिटिव रहना चाहिए, क्योंकि डॉक्टर और इंजीनियर बनने के अलावा भी जीवन में आगे बढ़ने के कई अन्य विकल्प हैं.

कोचिंग सेंटरों को आर्थिक तंगी के कारण स्टूडेंट्स और उनके अभिभावकों पर पड़ने वाले मानसिक दबाव को कम करने के लिए जिला कलेक्टर ने कहा कि अनिवार्य रूप से निर्वासित छात्रों के लिए आसान एग्जिट और फीस वापसी की पॉलिसी बनाई जाए.

उन्होंने सभी हितधारकों को हर एक पीजी और होस्टल में एंटी-हैंगिंग डिवाइस, सुरक्षा गार्ड, सीसीटीवी आदि सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. साथ ही शिकायतों के लिए ड्रॉप बॉक्स रखने, पुलिस हेल्पलाइन और कंट्रोल रूम के नंबर प्रदर्शित करने के भी निर्देश दिए. उन्होंने कोचिंग इंस्टीट्यूट से कहा कि वे पीजी में रहने वाले स्टूडेंट्स से पीजी का पता और संचालक का फोन नंबर आदि की जानकारी एकत्र कर जिला प्रशासन को दें.

डॉ. गोस्वामी ने कोचिंग इंस्टीट्यूट में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को मानसिक संबल और सुरक्षा प्रदान करने के लिए किए गए प्रयासों और जिला प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुपालन में उठाए गए कदमों के संबंध में अगले दो दिनों में रिपोर्ट मांगी है. उन्होंने जिला प्रशासन के दिशा-निर्देशों का अनुपालन नहीं करने वाले होस्टल, पीजी और मकान मालिकों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि अगर कोई इंस्टीट्यूट, होस्टल या पीजी नियमों का पालन नहीं करता है तो उस इंस्टीट्यूट, होस्टल और पीजी को सील कर दिया जाएगा.

उन्होंने आगे कहा कि सहयोग नहीं करने वाले संचालकों की लिस्ट बनाकर जिला प्रशासन को दी जाएगी.

जिला कलेक्टर ने सभी कोचिंग इंस्टीट्यूट, होस्टल और पीजी को कोचिंग इंस्टीट्यूट में क्वालीफाइड साइकोलॉजिस्ट की नियुक्ति, ओरिएंटेशन कार्यक्रम, स्टूडेंट्स की लगातार काउंसलिंग, निःशुल्क हेल्पलाइन नंबरों का प्रदर्शन, लाइफ मैनेजमेंट पर टीचिंग, होस्टल्स में बायोमेट्रिक्स, गेटकीपर व्यवस्था सहित अन्य बिंदुओं पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कोचिंग कक्षाओं के दौरान कुछ समय के लिए जीवन के पाठ शुरू करने, रिवर-फ्रंट विजिट, सिंगिंग कॉम्पिटिशन, स्पोर्ट्स एक्टिविटी और अन्य को-करिकुलर एक्टिविटी को बढ़ावा देने के निर्देश दिए हैं.

उन्होंने डेंगू की रोकथाम के लिए कोचिंग इंस्टीट्यूट और होस्टल में लार्वा विरोधी गतिविधियां चलाने के भी निर्देश दिए हैं. 

डॉ. गोस्वामी शुक्रवार को कलेक्ट्रेट के नए सभागार में कोचिंग इंस्टीट्यूट, होस्टल और पीजी के प्रतिनिधियों, नोडल अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे.

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