IAS Story: पहले ही तय था फर्स्ट अटेंप्ट ही होगा लास्ट, TV देखकर की थी तैयारी, अलग है महिला अफसर की स्टोरी
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IAS Story: पहले ही तय था फर्स्ट अटेंप्ट ही होगा लास्ट, TV देखकर की थी तैयारी, अलग है महिला अफसर की स्टोरी

IAS Exam Tips: किसी भी कैंडिडेट को अपनी शुरुआत पुराने 6 से सात साल के पेपरों से करनी चाहिए. हर रात उन सवालों को आधे घंटे देखें, जिससे तैयारी करते समय आपको आइडिया हो जाए कि ऐसे भी सवाल परीक्षा में आ सकते हैं. 

IAS Story: पहले ही तय था फर्स्ट अटेंप्ट ही होगा लास्ट, TV देखकर की थी तैयारी, अलग है महिला अफसर की स्टोरी

IAS Srushti jayant Deshmukh: यूपीएससी एग्जाम को सबसे कठीन परीक्षाओं में से एक माना जाता है, लेकिन अगर आप सही से तैयारी करें तो टॉप भी कर सकते हैं. ऐसा ही कर दिखाया था मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की रहने वाली सृष्टि जयंत देशमुख ( Srushti jayant Deshmukh) ने, जो पहले ही अटेम्ट में आईएस (IAS) अफसर बन गईं. 

सृष्टि जयंत देशमुख जब इंजीनियरिंग के तीसरे साल में थीं तो उन्हें ख्याल आया कि इंजीनियर बनकर एक सिंपल नौकरी के साथ पूरा जीवन नहीं बिता सकतीं. इसके बाद वह यूपीएससी की तैयारी में जुट गईं और यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा के साथ ही इंजीनियरिंग भी पूरा किया. 

मेरे परिवार, अभिभावक, दोस्तों और शिक्षकों ने मुझे खूब सपोर्ट दिया, इसलिए इसका श्रेय उन्हें भी जाता है. पहले प्रयास में सफलता पाने के सवाल पर सृष्टि ने कहा कि मैंने यह सोच लिया था कि मेरा पहला प्रयास ही मेरा अंतिम प्रयास होगा. मैंने निश्चय कर लिया था कि इस परीक्षा को पहले ही प्रयास में पास करना है. सृष्टि की मां टीचर हैं और पिता इंजीनियर, लेकिन उन्होंने कभी नहीं पूछा कि क्या कर रही हो और क्यों कर रही हो या कैसे होगा. उन्होंने हमेशा ही सृष्टि को एक हेल्दी एनवायरमेंट देने की कोशिश की.

सृष्टि का कहना है कि किसी भी कैंडिडेट को अपनी शुरुआत पुराने 6 से सात साल के पेपरों से करनी चाहिए. हर रात उन सवालों को आधे घंटे देखें, जिससे तैयारी करते समय आपको आइडिया हो जाए कि ऐसे भी सवाल परीक्षा में आ सकते हैं. सृष्टि के मुताबिक इंटीग्रेटेड प्रिपरेशन ज्यादा जरूरी है. प्रीलिम्स की तैयारी करें तो ऑब्जेक्टिव, मेन्स के लिए जरूरी टॉपिक्स और इंटरव्यू के लिए करंट अफेयर्स पढ़ते रहें. अपने ऑप्शनल सब्जेक्ट को अपनी जरूरत के हिसाब से नहीं बल्कि अपनी पसंद के हिसाब से चुनें. सृष्टि बताती हैं कि उन्हें केमिकल इंजीनियरिंग पसंद थी पर ऑप्शन न होने के कारण उन्होंने समाजशास्त्र लिया. इस तरह उन्होंने अपनी पसंद से संबंधित ही विषय चुना.

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