India Unemployment Rate: क्या है देश में बेरोजगारी का हाल? 6 साल में कहां हुए कितने बदलाव
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India Unemployment Rate: क्या है देश में बेरोजगारी का हाल? 6 साल में कहां हुए कितने बदलाव

Labour Force Participation: 15-29 साल की आयु वर्ग के लोगों के लिए युवा बेरोजगारी दर 2022-23 में 10 फीसदी से बढ़कर 2023-24 में 10.2 फीसदी हो गई.

India Unemployment Rate: क्या है देश में बेरोजगारी का हाल? 6 साल में कहां हुए कितने बदलाव

Unemployment Rate in India: देश में 15 साल और उससे ज्यादा आयु वर्ग के लोगों के लिए बेरोजगारी दर 2023-24 में 3.2% पर रही, इसमें कोई बदलाव नहीं आया है. जबकि महिलाओं के लिए बेरोजगारी दर पिछले साल के 2.9% से बढ़कर 3.2% हो गई, सोमवार को आधिकारिक आंकड़ों से पता चला. 

नेशनल सेंपल सर्वे ऑफिस द्वारा जुलाई 2023 से जून 2024 के लिए जारी पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (पीएलएफएस) की सालाना रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन रेट (एलएफपीआर) 2023-24 के दौरान सात साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई.

एलएफपीआर को जनसंख्या में काम करने वाले या काम की तलाश करने वाले या काम के लिए उपलब्ध लोगों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया जाता है. पीएलएफएस की सालाना रिपोर्ट, जो ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों को कवर करती है, ने दिखाया कि महिलाओं के लिए एलएफपीआर 2023-24 में बढ़कर 41.7 फीसदी हो गया, जो पिछले साल 37 फीसदी था.

द टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी की दर 2017-18 में 5.3 फीसदी से घटकर 2023-25 ​​में 2.5 फीसदी हो गई. पुरुषों के लिए, एलएफपीआर 2022-23 में 78.5 फीसदी से बढ़कर 78.8 फीसदी हो गई. कुल मिलाकर, यह दर पिछले साल के 57.9 फीसदी से बढ़कर 2023-24 में 60.1 फीसदी हो गई.

15-29 साल की आयु वर्ग के लोगों के लिए युवा बेरोजगारी दर 2022-23 में 10 फीसदी से बढ़कर 2023-24 में 10.2 फीसदी हो गई. महिलाओं के लिए, यह 2022-23 में 10.6 फीसदी से बढ़कर 2023-24 में 11 फीसदी हो गई, जबकि पुरुषों के लिए यह 2022-23 में 9.7 फीसदी से बढ़कर 2023-24 में 9.8 फीसदी हो गई, जैसा कि आवधिक श्रम बल (पीएलएफएस) डेटा से पता चलता है. 

हाल के सालों में बेरोजगारी एक प्रमुख मुद्दा बनकर उभरी है और कोविड-19 महामारी के दौरान इसकी दर में भारी बढ़ोतरी हुई है, जिसके कारण रोजगार पैदा करने के उपायों की मांग की गई है. सरकार ने अपने 2024-25 के बजट में इंटर्नशिप के लिए मोटिवेशन समेत रोज़गार सृजन के लिए कई उपायों की घोषणा की.

पीएलएफएस के आंकड़ों से पता चला है कि 15 साल और उससे ज्यादा आयु वर्ग के पुरुषों के लिए बेरोजगारी दर 2022-24 में 3.3 फीसदी से मामूली रूप से घटकर 2023-24 में 3.2 फीसदी हो गई है. यह दर 2017-18 में 6.1 फीसदी से घटकर 2023-24 में 3.2 फीसदी हो गई है. ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 2022-23 में 1.8 फीसदी से बढ़कर 2023-24 में 2.1 फीसदी हो गई, जबकि पुरुषों के लिए यह 2.7 फीसदी पर ही बनी रही. कोई बदलाव नहीं हुआ. 

सभी लोगों के लिए, ग्रामीण क्षेत्रों में दर पिछले साल के 2.4 फीसदी से थोड़ी बढ़कर 2023-24 में 2.5 फीसदी हो गई. आंकड़ों से पता चलता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 2017-18 में 5.3 फीसदी से घटकर 2023-24 में 2.5 फीसदी  हो गई है, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह 7.7 फीसदी  से घटकर 5.1 फीसदी हो गई है.

15 साल और उससे ज्यादा आयु वर्ग के लोगों के लिए श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर) 56 फीसदी से बढ़कर 58.2 फीसदी हो गया. आंकड़ों के मुताबिक, पुरुषों के लिए यह पिछले वर्ष के 76 फीसदी से बढ़कर 2023-24 में 76.3 फीसदी हो गया, जबकि महिलाओं के लिए यह 2022-23 में 35.9 फीसदी से बढ़कर 40.3 फीसदी हो गया. डब्ल्यूपीआर को जनसंख्या में नियोजित व्यक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया गया है.

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रोजगार और बेरोजगारी संकेतकों का अनुमान लगाने के लिए पीएलएफएस को 2017 में लॉन्च किया गया था. त्रैमासिक रिपोर्ट शहरी क्षेत्रों को कवर करती है जबकि वार्षिक रिपोर्ट शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के लिए होती है पीएलएफएस को रोजगार और बेरोजगारी के सभी पहलुओं को कवर करते हुए समय पर नौकरी संबंधी आंकड़े उपलब्ध कराने के लिए डिजाइन किया गया था.

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