Mathura Lok Sabha Chunav Results 2024: मथुरा लोकसभा सीट शुरु से ही जाट बाहुल्य मानी जाती है. इसकी तस्दीक इस सीट पर जीतने वाले उम्मीदवारों से लगाई जा सकती है. इस सीट पर अब तक चुने गए 17 सांसदों में से 14 जाट बिरादरी से रहे. पिछले 10 सालों से मथुरा पर एक्ट्रेस और बीजेपी नेता हेमा मालिनी सांसद हैं.
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Mathura Lok Sabha Chunav Results 2024: मथुरा लोकसभा सीट शुरु से ही जाट बाहुल्य मानी जाती है. इसकी तस्दीक इस सीट पर जीतने वाले उम्मीदवारों से लगाई जा सकती है. इस सीट पर अब तक चुने गए 17 सांसदों में से 14 जाट बिरादरी से रहे. पिछले 10 सालों से मथुरा पर एक्ट्रेस और बीजेपी नेता हेमा मालिनी सांसद हैं. उनकी शादी पंजाब के जट और एक्टर धर्मेंद्र से हुई है. इस नाते लोग उन्हें भी जाट मानते हैं. हालांकि मूल रूप से वे तमिलनाडु से संबंध रखती हैं.
मथुरा लोकसभा चुनाव रिजल्ट 2024
मथुरा सीट पर अब तक चुने गए 17 सांसदों में से 14 जाट बिरादरी से रहे. पिछले 10 सालों से मथुरा पर एक्ट्रेस और बीजेपी नेता हेमा मालिनी सांसद हैं. उनकी शादी पंजाब के जट और एक्टर धर्मेंद्र से हुई है. इस नाते लोग उन्हें भी जाट मानते हैं. हालांकि मूल रूप से वे तमिलनाडु से संबंध रखती हैं.
मथुरा सीट के जातीय समीकरण
मथुरा लोकसभा सीट में कुल मतदाताओं की संख्या करीब 19 लाख है. इनमें सबसे ज्यादा संख्या जाट मतदाताओं की है. उनकी वोटर संख्या करीब साढ़े तीन लाख बताई जाती है. इनके अलावा 3 लाख ब्राह्माण, 3 लाख ठाकुर, डेढ़ लाख जाटव, डेढ़ लाख मुस्लिम हैं. जबकि वैश्यों की संख्या 1 लाख और यादवकों की करीब 80 हजार बताई जाती है. अन्य लोगों में बाकी बची छोटी जातियां हैं.
मथुरा सीट से जुड़े दिलचस्प संस्मरण
मथुरा लोकसभा सीट से कई दिलचस्प संस्मरण भी जुड़े हुए हैं. इस सीट पर वर्ष 1952 और 1957 में हुए दोनों आम चुनावों में निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी. मजे की बात ये है इस आंधी में जनसंघ के नेता और देश के प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी बाजपेयी भी चुनाव हार गए थे. हुआ यूं कि वर्ष 1957 के चुनाव में अटल बिहारी बाजपेयी ने भारतीय जनसंघ के टिकट पर मथुरा से ताल ठोकी थी. उनके खिलाफ राजा महेंद्र प्रताप सिंह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उतरे. इस सीट पर 95 हजार वोट पाकर महेंद्र प्रताप सिंह विजयी रहे थे. जबकि दूसरे नंबर पर कांग्रेस प्रत्याशी दिगंबर सिंह रहे थे. वहीं अटल बिहारी बाजपेयी की चुनाव में जमानत जब्त हो गई थी.
जाट बहुल सीट लेकिन RLD का वर्चस्व नहीं
जाट बहुल सीट होने की वजह से आरएलडी मथुरा को अपनी पैतृक सीट मानती रही है. इस सीट से चौधरी चरण सिंह की बेटी ज्ञानवती ने चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें हार देखनी पड़ी थी. हालांकि बीजेपी से गठबंधन होने पर जयंत चौधरी वर्ष 2009 में इस सीट से जीत हासिल करने में कामयाब रहे थे. इसके बाद 2014 और 2019 से हेमा मालिनी लगातार 2 बैार से इस सीट की सांसद हैं.
बीजेपी ने हेमा मालिनी पर लगाया दांव
हेमा मालिनी इस सीट से एक बार फिर ताल ठोकने जा रही हैं. बीजेपी की ओर से घोषित की गई उम्मीदवारों की पहली सूची में मथुरा से हेमा मालिनी के नाम का ऐलान किया गया है. सपा ने अभी तक इस सीट पर अपने उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है. ऐसे में देखना होगा कि सपा- बसपा यहां पर फतह हासिल करने के लिए क्या रणनीति अपनाती हैं और हेमा मालिनी का करिश्मा क्या आगे भी जारी रहता है.
मधुवन से अपभ्रंश होकर हो गया मथुरा
मथुरा हमारे देश की वो दिव्यभूमि है, जो सदियों से मुस्लिम हमलावरों के निशाने पर रही. विदेशों से आए आक्रांताओं ने कई बार मथुरा में बने मंदिरों को तोड़ा और उनका खजाना लूटा. इसके बावजूद हर बार वे मंदिर नए रूप में उठ खड़े होते रहे. पुराणों की बात करें तो यह पहले सुरसेन साम्राज्य की राजधानी थी. उस वक्त वहां पर घने जंगल हुआ करते थे. जिन्हें मधुवन कहा जाता था. यही मधुवन बाद में मधुपुरा से होते हुए मथुरा हो गया.
मथुरा लोकसभा सीट का चुनावी इतिहास
वर्ष | विजेता | पार्टी |
2019 | हेमा मालिनी | बीजेपी |
2014 | हेमा मालिनी | बीजेपी |
2009 | जयंत चौधरी | आरएलडी |
2004 | मानवेंद्र सिंह | कांग्रेस |
1999 | तेजवीर सिंह | बीजेपी |
मथुरा लोकसभा चुनाव 2024
पार्टी | उम्मीदवार | वोट मिले | रिजल्ट |
बीजेपी | हेमा मालिनी | ||
सपा | |||
बसपा | |||
अन्य |