Pilibhit Lok Sabha Chunav Result 2024: पीलीभीत में भी चला भाजपा का सिक्का, जितिन प्रसाद ने 1.67 लाख वोटों के अंतर से जीता चुनाव
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Pilibhit Lok Sabha Chunav Result 2024: पीलीभीत में भी चला भाजपा का सिक्का, जितिन प्रसाद ने 1.67 लाख वोटों के अंतर से जीता चुनाव

Pilibhit Lok Sabha Chunav Result 2024 News: पीलीभीत में मां-बेटे यानी मेनका गांधी- वरुण गांधी का जादू मोदी मैजिक पर भारी है. पिछले 30 साल से इस सीट पर इन्हीं दो में से कोई जीतता आ रहा है. 

 

Pilibhit Lok Sabha Chunav Result 2024: पीलीभीत में भी चला भाजपा का सिक्का, जितिन प्रसाद ने 1.67 लाख वोटों के अंतर से जीता चुनाव

Pilibhit Lok Sabha Chuav Result 2024: उत्तराखंड के नैनीताल से सटी पीलीभीत लोकसभा सीट को अगर बीजेपी के गांधी परिवार का गढ़ कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होनी चाहिए. इस सीट से मेनका गांधी और उनके बेटे वरुण गांधी का वर्ष 1996 से लगातार कब्जा बना हुआ है. कभी वहां पर मेनका गांधी तो कभी वरुण गांधी सांसद रहे हैं. पिछले 28 साल से विपक्षी ने उन्हें चुनौती देने की कोशिश खूब की लेकिन मां- बेटे के वर्चस्व को कम नहीं कर पाए. वहां पर अब भी दोनों का जादू नजर आता है. 

पीलीभीत लोकसभा चुनाव रिजल्ट 2024

उत्तराखंड के नैनीताल से सटी पीलीभीत लोकसभा सीट को अगर बीजेपी के गांधी परिवार का गढ़ कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होनी चाहिए. इस सीट से मेनका गांधी और उनके बेटे वरुण गांधी का वर्ष 1996 से लगातार कब्जा बना रहा. इस सीट के जातीय समीकरणों की चर्चा करें तो यहां पर करीब 75 फीसदी हिंदू और 25 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं. इस दलित वोटर्स करीब साढे तीन लाख की तादाद में हैं, जो किसी भी उम्मीदवार की हार-जीत तय करते हैं. 

मेनका- वरुण गांधी का चलता है जादू

मेनका गांधी इस सीट से 6 बार सांसद का चुनाव जीत चुकी हैं. इनमें से एक बार वे बीजेपी के टिकट पर पीलीभीत से जीतीं. जबकि 2 बार जनता दल और 3 बार निर्दलीय इस सीट से जीतीं. इसी से आप समझ सकते हैं कि पीलीभीत की जनता मेनका गांधी से किस कदर प्यार करती है. उनके बेटे वरुण गांधी इस सीट से 2 बार सांसद रहे हैं. हालांकि इस मेनका गांधी की दावेदारी को लेकर संशय बना हुआ है. बीजेपी ने अपनी पहली लिस्ट में पीलीभीत से कोई उम्मीदवार घोषित नहीं किया है. इसे मेनका गांधी की दावेदारी पर संकट माना जा रहा है. 

नैनीताल से अलग होकर बनी पीलीभीत सीट

पहले पीलीभीत सीट नैनीताल लोकसभा सीट का एक हिस्सा थी. वर्ष 1951 में पहली बार हुए चुनाव में कांग्रेस के मुकुंद लाल अग्रवाल ने पहली बार जीत हासिल की थी. इसके बाद 1957 में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के मोहन स्वरूप यहां से जीते. वे लगातार 4 टर्म तक इस सीट से सांसद रहे. बाद में परिसीमन होने पर यह सीट अलग होकर पीलीभीत सीट बन गई. वर्ष 1989 में जनता दल के टिकट पर मेनका गांधी इस सीट पर पहली बार सांसद बनीं. 

पीलीभीत सीट पर क्या हैं जातीय समीकरण?

पीलीभीत लोकसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या करीब 18 लाख है. अगर इस सीट के जातीय समीकरणों की चर्चा करें तो यहां पर करीब 75 फीसदी हिंदू और 25 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं. इस दलित वोटर्स करीब साढे तीन लाख की तादाद में हैं, जो किसी भी उम्मीदवार की हार-जीत तय करते हैं. कृषि बहुल इस सीट पर राजपूत, जाट, ब्राह्मण वोटर्स भी ठीक-ठाक तादाद में हैं. 

पीलीभीत लोकसभा क्षेत्र का चुनावी इतिहास

वर्ष विजेता पार्टी
2019 वरुण गांधी बीजेपी
2014 मेनका गांधी बीजेपी
2009 वरुण गांधी बीजेपी
2004 मेनका गांधी बीजेपी
1999 मेनका गांधी बीजेपी

पीलीभीत लोकसभा चुनाव 2024

पार्टी उम्मीदवार मिले वोट रिजल्ट
बीजेपी      
सपा      
बसपा      
अन्य      

 

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