Rahul Gandhi: कैंडिडेट तय करने वाली बैठक में क्यों नहीं जा रहे राहुल गांधी? कांग्रेस का यह कैसा मैसेज है
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Rahul Gandhi: कैंडिडेट तय करने वाली बैठक में क्यों नहीं जा रहे राहुल गांधी? कांग्रेस का यह कैसा मैसेज है

Lok Sabha Chunav Congress: राहुल गांधी ने सैकड़ों किमी की पैदल यात्रा कर अपनी इमेज बदलने की कोशिश की है. हजारों की संख्या में लोग उनके साथ भी दिखे. वह वायनाड से फिर चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस का INDIA गठबंधन एनडीए के खिलाफ पूरी ताकत लगा रहा है लेकिन लोकसभा चुनाव में कैंडिडेट चुनने के लिए होने वाली सीईसी (Central Election Committee) की बैठक में राहुल गांधी का न दिखना लोगों को हैरान कर रहा है. 

Rahul Gandhi: कैंडिडेट तय करने वाली बैठक में क्यों नहीं जा रहे राहुल गांधी? कांग्रेस का यह कैसा मैसेज है

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद सभी पार्टियां जल्द से जल्द अपने कैंडिडेट घोषित करना चाहती हैं. धड़ाधड़ चुनाव समिति की बैठकें हो रही हैं. कल शाम कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की एक और बैठक हुई. आज लोकसभा उम्मीदवारों की अगली लिस्ट भी आ सकती है. इस बैठक में गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र के उम्मीदवारों के नाम पर मुहर लगी है. हालांकि इस महत्वपूर्ण CEC बैठक में राहुल गांधी शामिल नहीं हुए. यही नहीं, अभी तक एक भी CEC बैठक में राहुल गांधी नहीं पहुंचे हैं. इससे दो सवाल उठ रहे हैं कि क्या कैंडिडेट सिलेक्शन को वह महत्व नहीं दे रहे हैं या हालात को समझते हुए वह खुद को जानबूझकर इस प्रक्रिया से अलग रखना चाहते हैं? 

कल की बैठक में राहुल के मौजूद न होने से माना जा रहा है कि अमेठी पर कोई फैसला नहीं हुआ होगा जबकि वायनाड से उनकी उम्मीदवारी काफी पहले घोषित हो चुकी है. जिस तरह से कांग्रेस के साउथ में सिकुड़ने का पर्सेप्शन जनता में जा रहा है, उसे तोड़ने के लिए यूपी कांग्रेस ही नहीं, रणनीतिकारों का एक तबका मानता है कि गांधी परिवार को यूपी से चुनाव जरूर लड़ना चाहिए. इससे कार्यकर्ताओं को नया जोश मिलेगा, जो हाल के चुनावों में सीटें घटने से निराश रहे हैं.  

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वैसे भी उम्मीदवारों को तय करने के लिए होने वाली बैठकों में राहुल गांधी का मौजूद न होना लोगों को हैरान करता है. वह पार्टी के वरिष्ठ नेता और कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति के सदस्य भी हैं. अध्यक्ष से लेकर कार्यकर्ता तक उन्हें प्रधानमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट करता है. ऐसे में राहुल कैंडिडेट सिलेक्शन से दूर क्यों हैं? सीईसी की पहली बैठक में वह भारत जोड़ो न्याय यात्रा में थे. बताते हैं कि चूंकि वायनाड सीट पर फैसला होना था इसलिए वह वर्चुअल तरीके से जुड़े थे. दूसरी बैठक में दिल्ली में होने के बावजूद नहीं आए. कल की बैठक शाम में थी. सुबह कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में राहुल आए थे लेकिन उम्मीदवारों के चयन के लिए सबसे महत्वपूर्ण बैठक से वह शाम को दूर रहे. 

कारण नंबर 1 - मैसेज देने की कोशिश

सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि राहुल गांधी चाहते हैं कि मल्लिकार्जुन खरगे कांग्रेस के अध्यक्ष हैं और वही फैसला लें कि कौन कहां से चुनाव लड़ेगा. उनके मीटिंग में न होने से कोई सवाल नहीं उठा सकेगा कि राहुल गांधी अध्यक्ष न होने के बावजूद दखल दे रहे हैं. भाजपा भी इस तरह के 'कठपुतली' जैसे आरोप लगाती रही है. इस तरह से राहुल गांधी शायद खुद को निष्पक्ष दिखाना चाहते हैं. हो सकता है इसके जरिए वह कांग्रेस में टिकट को लेकर खींचतान से भी अलग रहना चाह रहे हों. मैसेज यही है कि अध्यक्ष खरगे ही सब तय कर रहे हैं. हालांकि एक सवाल भाजपा यह भी उठा सकती है कि राहुल समझ चुके हैं कि माहौल क्या है और इस कारण वह प्रक्रिया से दूर रहकर अपनी प्रतिष्ठा बचाना चाहते हैं.

कारण नंबर 2 - पहले से सेट है!

हां, दूसरा कारण यह हो सकता है कि सब पहले से तय हो. अगर राहुल गांधी को कुछ राय देनी होगी तो वह महासचिव वेणुगोपाल के जरिए दे देंगे. कहा जा रहा है कि यात्रा के दौरान ही वह टिकट के दावेदारों पर विस्तार से बात कर चुके हैं. जिस दिन जिस राज्य की चर्चा होती है वह वेणुगोपाल को अपनी राय पहले ही बता देते हैं. 

खैर, वजह जो भी हो इससे कांग्रेस के भीतर भी अच्छा संदेश नहीं जा रहा है. उधर, अमेठी और रायबरेली पर सस्पेंस अभी बना रह सकता है. 

कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति में कौन-कौन?

कांग्रेस की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार इसके अध्यक्ष पार्टी के प्रेसिडेंट मल्लिकार्जुन खरगे हैं. सदस्यों में दूसरे नंबर पर राहुल गांधी का नाम है. यहां क्लिक कर देखिए कांग्रेस में कैंडिडेट तय करने वाले कौन लोग हैं.

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