Amitabh Bachchan: क्या आपको लगता है कि इंद्रजीत नाम किसी अमिताभ बच्चन की फिल्म का हो सकता हैॽ एक सीनियर एक्टर को ऐसा नहीं लगता था. यह फिल्म आई थी 1991 में. फिल्म अमिताभ की एंग्री यंग मैन इमेज को ध्यान में रख कर लिखी गई थी मगर तब तक उनकी बढ़ती उम्र पर्दे पर नजर आने लगी थी.
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Amitabh Bachchan Film: 1990 के दशक की शुरुआत में अमिताभ बच्चन का जादू अचानक गुम हो गया था. एक के बाद एक उनकी फिल्में फ्लॉप हो रही थीं. अमिताभ ने तब फिल्मों से ब्रेक लिया था, मगर ब्रेक से पहले जो फिल्में साइन की थीं उनमें आज का अर्जुन (Aaj Ka Arjun), इंसानियत (Insaniyat), अग्निपथ (Agnipath) और खुदा गवाह (Khudagwaah) जैसी फिल्मों के साथ इंद्रजीत (Indrajeet) भी थी. निर्देशक के.वी. राजू की यह फिल्म 1991 में रिलीज हुई परंतु अमिताभ के एंग्री रोल (Angry Young Man) के बावजूद फ्लॉप साबित हुई. फिल्म की सबसे बड़ी त्रासदी यह थी कि इसकी मेकिंग के दौरान प्रोड्यूसर रमेश बहल का निधन हो गया. परंतु सभी कलाकारों ने मिलकर फिल्म को हर हाल में पूरा करने की कसम खाई और इसे कम से कम बजट में पूरा किया गया. फिल्म की हीरोइन नीलम ने फीस नहीं ली. फिल्म को रमेश बहल की पत्नी, बेटी और बेटे गोल्डी बहल ने मिलकर पूरा किया.
बढ़ी उम्र में यंग रोल
यूं तो फिल्म की कहानी अमिताभ की गुस्सैल छवि को ध्यान में रख कर लिखी गई थी परंतु समस्या यह थी कि बढ़ती उम्र के बावजूद बिग बी फिल्म में लगभग आधी उम्र के युवक का रोल भी निभा रहे थे. उनके साथ जया प्रदा थीं. पुलिस इंस्पेटर इंद्रजीत (अमिताभ) जिस उद्योगपति को फेक्ट्री यूनियन लीडर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार करना चाहता है, वह उसकी प्रेमिका शांति (जया प्रदा) का पिता है. बेटी इंद्रजीत को रोकती है और वह उससे रिश्ता खत्म कर लेता है. वह यूनियन लीडर की बेटी (नीलम) को गोद लेकर पालता है. रिटायर होता है. मगर गोद ली बेटी की शादी के बाद पति समेत हत्या हो जाती है. पुलिस केस दर्ज नहीं करती क्योंकि हत्यारे रसूखदार हैं. यहां हत्या का केस शांति के भाई पर बनता है. अंततः इंद्रजीत कानून अपने हाथ में लेकर हिसाब बराबर करता है. दर्शकों को कहानी में दम नहीं लगा.
कराटे मास्टर को सबक
खैर, इस फिल्म में कराटे का एक दृश्य फिल्माते समय फाइट मास्टर यज्ञेश अमिताभ पर चिल्लाए. सीन में अमिताभ नीलम को कराटे सिखाते नजर आते हैं. अमिताभ बार-बार गलत स्टेप कर रहे थे और नीलम सही कर रही थीं. तब यज्ञेश को गुस्सा आया और उन्होंने अमिताभ से ऊंची आवाज में स्टेप सुधारने को कहा. पूरी यूनिट स्तब्ध रह गई. लेकिन अमिताभ चुप रहे. कुछ घंटों बाद अमिताभ यज्ञेश के पास गए और उन्हें अपना चार लाइन का डायलॉग दिया और कहा कि इसे ठीक से याद करके सुनाएं. यह सुनकर यज्ञेश को पसीना आ गया. तब अमिताभ ने कहा कि ऐसा ही होता है, जब आप कोई ऐसा काम करते हैं, जिसके बारे में आपमें आत्मविश्वास नहीं होता. खैर, फिल्म फ्लॉप होने के यूं तो कई कारण थे परंतु एक्टर रणधीर कपूर को इसका नाम पसंद नहीं था. इन्होंने निर्माता को इसे बदलने की सलाह दी थी. उन्होंने कहा कि इंद्रजीत नाम ऐसा लगता है कि यह अमिताभ बच्चन की फिल्म का नहीं, बल्कि विजय अरोड़ा की फिल्म का टाइटल है.
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