करीब 5 महीने बाद CBI ने यस बैंक के वाइस प्रेसिडेंट धीरज अहलावत के अपहरण और मौत मामले की जांच अपने हाथ में ले ली है. इस केस की जांच पहले हरियाणा पुलिस कर रही थी. 5 अगस्त को धीरज अपने घर से बाहर से लापता हो गए थे जिसके दो दिन बाद उनका शव रोहणी इलाके में मिला था.
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नई दिल्ली: यस बैंक (YES Bank) के वाइस प्रेसिडेंट धीरज अहलावत (Dhiraj Ahlawat) की मौत के करीब 5 महीने बाद यह मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने हरियाणा पुलिस (Haryana Police) से अपने हाथ में ले लिया है. इस साल 17 जनवरी को केंद्र से अधिसूचना मिलने के बाद CBI ने हत्या और अपहरण का मामला दर्ज किया. सीबीआई जांच के लिए अधिसूचना राज्य सरकार के अनुरोध पर जारी की गई थी.
यस बैंक के कॉरपोरेट बैंकिंग में उपाध्यक्ष के रूप में कार्यरत अहलावत बीते साल 5 अगस्त को गुरुग्राम के सेक्टर 46 में अपने आवास के पास टहलते हुए लापता हो गए थे. दो दिन बाद उनका शव दिल्ली के रोहिणी इलाके में मिला था. सीबीआई की एफआईआर के अनुसार, 38 वर्षीय अहलावत को आखिरी बार 5 अगस्त को शाम 7.45 बजे गुरुग्राम स्थित उनके आवास के पास एक सर्विस लेन में उनके नौकर महेंद्र ने चलते हुए देखा था.
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उस शाम घर न लौटने पर उनके पिता ने अहलावत के दोस्तों से उनके बारे में जानने की कोशिश की, लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया. अगले दिन उनके परिवार ने सेक्टर 50 पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 346 के तहत एक एफआईआर दर्ज की गई थी. रोहिणी में एक नहर में उनका शव मिलने के बाद, अपहरण और हत्या की धारा भी एफआईआर में जोड़ी गई.
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चूंकि जांच में बहुत कम प्रगति हुई थी, उनके परिवार ने 17 अक्टूबर को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) से मुलाकात की और मामले की सीबीआई जांच की मांग की. इससे पहले मामले की जांच तीन सदस्यीय स्पेशल टॉस्क फोर्स (SIT) कर रही थी, जिसमें एसपी स्तर के अधिकारी शामिल थे.
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