Hyderabad: Gold Smuggling Case में ED की Raid, Preet Agarwal अरेस्ट
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Hyderabad: Gold Smuggling Case में ED की Raid, Preet Agarwal अरेस्ट

ED Investigating Gold Smuggling Case: जांच के मुताबिक, 250 किलोग्राम ड्यूटी फ्री सोना भारतीय बाजारों में बेचा गया, जिससे सरकार को तो करोड़ों का नुकसान हुआ लेकिन इन तीनों आरोपियों ने काफी पैसा कमाया.

फाइल फोटो | फोटो साभार: रॉयटर्स

हैदराबाद: प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने सोने की तस्करी (Gold Smuggling) के मामले में कोलकाता के ज्वैलर प्रीत अग्रवाल को मनी लॉन्ड्रिग के तहत मामला दर्ज करके गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया. ईडी (ED) ने ये गिरफ्तारी हैदराबाद में 5 ठिकानों पर की गई छापेमारी के बाद की है.

बता दें कि ईडी (ED) से पहले इस मामले की जांच डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (Directorate of Revenue Intelligence) कर रही थी. इस मामले में प्रीत अग्रवाल के भाई अजय अग्रवाल और पिता संजय अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया था.

एक्सपोर्ट के नाम पर हासिल किया ड्यूटी फ्री सोना

आरोप है कि प्रीत अग्रवाल ने अपने पिता और भाई के साथ मिलकर ज्वैलरी एक्सपोर्ट करने के लिए MMTC/State Trading Corporation of India Ltd और Diamond India Ltd के जरिए ड्यूटी फ्री सोना आयात किया. लेकिन ज्वैलरी बनाकर एक्सपोर्ट करने के बजाय ये ज्वैलरी भारतीय बाजारों में बेच दी.

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250 किलो सोने की हेराफेरी

जांच के मुताबिक, 250 किलोग्राम ड्यूटी फ्री सोना भारतीय बाजारों में बेचा गया, जिससे सरकार को तो करोड़ों का नुकसान हुआ लेकिन इन तीनों आरोपियों ने काफी पैसा कमाया.

गोल्ड स्मगलर्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई

इसी वजह से इन तीनों आरोपियों के खिलाफ सेंट्रल इकोनॉमिक इंटेलिजेंस ब्यूरो (Central Economic Intelligence Bureau) ने Cofeposa (Conservation Of Foreign Exchange and Prevention of Smuggling Activities Act) लगाया. जान लें कि ये एक्ट उन अपराधियों पर लगाया जाता है जो कुख्यात तस्कर और विदेशी मुद्रा में अवैध कारोबार कर देश की आर्थिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचाते हैं.

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जिस तरह से इन आरोपियों ने ज्वैलरी एक्सपोर्ट करने के लिए ड्यूटी फ्री सोना मंगाया और फिर उस सोने को लोकल बाजार में बेच दिया, पहला मामला सामने आया था और यही वजह है कि इन तीनों आरोपियों पर ये सख्त एक्ट लगाया गया. इस कानून के तहत तस्करी करने, शामिल रहने, तस्करी के सामान को छिपाने, ले जाने जैसे मामलों में अकेले आरोपी पर भी कार्रवाई की जा सकती है.

डीआरआई (DRI) के इसी मामले के बाद ईडी (ED) ने मनी लॉन्ड्रिग का मामला दर्ज करके जांच शुरू की और प्रीत अग्रवाल को गिरफ्तार किया. ईडी (ED) ने छापेमारी में अहम दस्तावेज और सबूत बरामद किए हैं, जिससे पता चलता है कि आरोपियों ने हवाला के जरिए पैसे लिए हैं और साथ ही दूसरों के नाम पर प्रॉपर्टी में भी निवेश किया है.

बता दें कि डीआरआई (DRI) और ईडी (ED) के अलावा सीबीआई (CBI) ने भी आरोपी प्रीत अग्रवाल के पिता संजय अग्रवाल के खिलाफ बैंक से 65 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में मामला दर्ज किया हुआ है.

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