Gold Smuggling: साबिर अली नाम के एक यूट्यूबर ने 70 लाख रुपये में चेन्नई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक दुकान किराए पर ली और स्मग्लर्स की मदद से 2 महीने में 267 किलोग्राम सोने की तस्करी की है.
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Chennai Airport Gold Smuggling: साबिर अली एक यूट्यूबर है, लेकिन अब सुरक्षा एजेंसियों की गिरफ्त में है. साबिर पर गोल्ड स्मग्लर्स की मदद करने का आरोप है, जिसके लिए उसने चेन्नई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लाखों रुपये खर्च कर एक दुकान खोली थी. अब सुरक्षा एजेंसियों ने साबिर अली और उसकी दुकान में काम करने वाले 7 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है. तो चलिए आपको बताते हैं कि आखिर साबिर अली ने कैसे गैंग बनाया और किस तरह उसने 2 महीने में 267 किलोग्राम सोने की तस्करी की.
एयरपोर्ट पर ली 70 लाख की दुकान
न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, साबिर ने सोने की तस्करी के लिए चेन्नई एयरपोर्ट पर 70 लाख रुपये में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के लिए दुकानों का प्रबंधन का काम करने वाली विदवेदा कंपनी से एक दुकान किराए पर ली. इसके बाद उसने एयरपोर्ट पर गिफ्ट की एक फर्जी दुकान खोल ली. इतना ही नहीं, उसने यहां काम करने के लिए 7 कर्मचारी भी रख लिए, जो सोनी की तस्करी में साबिर की मदद करते थे. दुकान का असली मकसद विदेशों से लाए गए तस्करी के सोने को एयरपोर्ट के बाहर निकालना था.
कैसे चलता था साबिर का खेल?
विदेशों से गोल्ड लेकर आने वाले स्मग्लर्स सोने को साबिर की दुकान पर काम करने वाले कर्मचारियों को चुपके से दे देते थे. ये कर्मचारी इन यात्रियों से बाथरूम में सोना ले लेते थे. एयरपोर्ट पर सोना साबिर के कर्मचारियों को देने के बाद स्मग्लर्स एयरपोर्ट से बाहर नहीं निकलते थे, बल्कि वहीं से श्रीलंका चले जाते थे. इसके बाद साबिर और उसकी गैंग में शामिल कर्मचारी इस सोने को एयरपोर्ट से बाहर निकालते थे. साबिर के कर्मचारियों को एयरपोर्ट पर काम करने की वजह से विशेष पहचान पत्र मिले थे और इन्हें सोना एयरपोर्ट से बाहर निकालने में दिक्कत नहीं होती थी, क्योंकि इनको सुरक्षा जांच में छूट मिली हुई थी.
2 महीने में 267 किलो सोने की तस्करी
सूत्रों के अनुसार, साबिर अली को खुदरा व्यापार का कोई पूर्व अनुभव नहीं था, अबूधाबी में रहने वाले एक श्रीलंकाई ने उससे संपर्क किया और उसे दुकान पर किराए पर लेने के लिए 70 लाख रुपये भी दिए. दुकान इस साल फरवरी में खोली गई और ऑनलाइन जॉब पोर्टल के माध्यम से कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर कर्मचारियों की भर्ती की गई. पूछताछ में पता चला है कि साबिर और उसके गैंग ने पिछले 2 महीने में 267 किलोग्राम सोने की तस्करी की है, जिसकी कीमत 167 करोड़ रुपये बताई जा रही है. सीमा शुल्क अधिकारियों के अनुसार, साबिर अली और उसकी दुकान पर काम करने वाले कर्मचारियों ने पिछले दो महीने में लगभग 3 करोड़ रुपये का कमीशन कमाया है.
साबिर के कर्मचारियों को कैसे मिला पहचान पत्र
सूत्रों ने कहा कि सीमा शुल्क विभाग यह भी जांच कर रहा है कि एयरहब के आठ कर्मचारियों ने ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी (BCAS) द्वारा प्रदान किए गए पहचान पत्र कैसे प्राप्त किए, क्योंकि उनकी भर्ती कॉन्ट्रैक्ट पर हुई थी और वो एयरपोर्ट के रियायतकर्ता के रोल पर नहीं थे. यह एयरपोर्ट के नियमों का उल्लंघन है. हालांकि, चेन्नई एयरपोर्ट के निदेशक ने अब तक इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं की है.