दिल्ली में बढ़ेंगी B Tech और M Tech की सीटें, वर्तमान और नए छात्रों के लिए अलग होंगे नियम
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दिल्ली में बढ़ेंगी B Tech और M Tech की सीटें, वर्तमान और नए छात्रों के लिए अलग होंगे नियम

दिल्ली सरकार ने नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (Netaji Subhash University of Technology) में दो नए परिसरों के विस्तार का निर्णय लिया है. इसके साथ ही बीटेक में 360 और एमटेक में 72 सीटें बढ़ाई जाएंगी.

छात्रों को मिलेगा विशेष लाभ

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (Netaji Subhash University of Technology) में दो नए परिसरों के विस्तार का निर्णय लिया है. इसके साथ ही चौधरी ब्रह्म प्रकाश राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, जाफरपुर (Chaudhary Brahm Prakash Government Engineering College)  और अंबेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च, गीता कॉलोनी (Ambedkar Institute of Advanced Communication Technology & Research) को एनएसयूटी से जोड़ा जाएगा. 

  1. नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी में दो नए परिसरों के विस्तार का निर्णय लिया है
  2. इन दोनों में अब प्रवेश जेईई परीक्षा के माध्यम से मिलेगा
  3. बी टेक में 360 और एम टेक में 72 सीटें बढ़ाई जाएंगी

छात्रों को मिलेगा फायदा
एनएसयूटी (NSUT) से जुड़ने के बाद दोनों संस्थानों में शिक्षण और अनुसंधान के क्षेत्र में विकास होगा. इस विलय से बीटेक (B.Tech) में 360 तथा एमटेक (M.Tech) में 72 अतिरिक्त सीटें बढ़ जाएंगी. इसके बाबत उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने कहा, "दोनों कॉलेजों को एनएसयूटी की प्रतिष्ठा और संसाधनों का लाभ मिलेगा. तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में एनएसयूटी का इतिहास बेहद गौरवशाली है. शैक्षणिक कौशल और उद्योग जगत के साथ इसके संबंध भी काफी महत्वपूर्ण हैं. एनएसयूटी के कारण दोनों कॉलेजों को समुचित विकास का अवसर मिलेगा."

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स्पेशलाइज्ड पढ़ाई पर रहेगा ध्यान
इस विस्तार के बाद जाफरपुर स्थित वेस्ट कैंपस में सिविल (Civil), इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (Information Technology) और मेकैनिकल इंजीनियरिंग (Mechanical Engineering) की स्पेशलाइज्ड (Specialised) पढ़ाई होगी. इसी तरह गीता कॉलोनी स्थित ईस्ट कैंपस में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग (Electronics & Communication Engineering) और कंप्यूटर साइंस (Computer Science) की स्पेशलाइज्ड पढ़ाई पर फोकस किया जाएगा.

जेईई से मिलेगा प्रवेश
एनएसयूटी में जेईई (मेन्स) परीक्षा (JEE Mains) के जरिए नामांकन होता है. इसलिए विस्तार के बाद इन परिसरों में भी जेईई परीक्षा के माध्यम से प्रवेश लिया जाएगा. इससे नामांकित छात्रों की गुणवत्ता में सुधार होगा. दिल्ली सरकार के मुताबिक, वर्तमान में इन दोनों कॉलेजों के आईटी छात्रों को प्लेसमेंट पैकेज (Placement Package) मात्र 3.5 से 6.5 लाख रुपए तक मिलता है, जबकि एनएसयूटी के स्टूडेंट्स को औसतन 11.5 लाख का पैकेज मिलता है और अधिकतम पैकेज 70 लाख तक जाता है.

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शिक्षकों के लिए फायदेमंद है विलय
इस निर्णय से शिक्षकों की नियुक्ति, वित्तीय निर्णय लेने की गति और स्वायत्तता की कमी जैसी कई प्रशासनिक जटिलताएं कम होंगी. अभी दोनों संस्थानों में नियमित शिक्षकों की कमी है. यह जटिलता नियुक्ति प्रक्रिया धीमी होने और अदालत में कुछ मामले लंबित होने के कारण है. वर्तमान में दोनों कॉलेज संविदा या गेस्ट फैकल्टी (Guest Faculty) के जरिए अपनी जरूरतें पूरी कर रहे हैं. स्थायी शिक्षकों के अभाव के कारण तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है. अन्य प्रशासनिक कर्मचारियों के साथ सपोर्ट स्टाफ के मामले में भी यही स्थिति है. इन दोनों कॉलेजों में रिक्त एवं स्वीकृत पदों के लिए अब एनएसयूटी के नियमों के अनुसार नियुक्ति होगी.

फीस का भुगतान
दोनों कॉलेजों के वर्तमान स्टूडेंट्स को उनके प्रवेश के समय निर्धारित फीस का ही भुगतान करना होगा. उन्हें जीजीएसआइपी विश्वविद्यालय (GGSIP University) द्वारा ही डिग्री दी जाएगी. नए नामांकित छात्रों को एनएसयूटी के तहत डिग्री मिलेगी. नए छात्रों की फीस का निर्धारण एनएसयूटी प्रबंधन बोर्ड करेगा.

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