चाहते हैं स्कूल में बेहतर हो बच्चों की परफॉर्मेंस तो प्ले स्कूल में दिलाएं एडमिशन, Play School भेजने के हैं ढेरों फायदे
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चाहते हैं स्कूल में बेहतर हो बच्चों की परफॉर्मेंस तो प्ले स्कूल में दिलाएं एडमिशन, Play School भेजने के हैं ढेरों फायदे

Play School: आजकर ज्यादातर कपल वर्किंग होते हैं. ऐसे में जब पेरेंट्स घर पर नहीं रहते तो बच्चों को अकेलेपन से जूझना पड़ता है. ऐसे में बच्चों के प्ले स्कूल भेजने से वो काफी एक्टिव रहते हैं. इसके और भी कई फायदे हैं. यहां जानिए...

चाहते हैं स्कूल में बेहतर हो बच्चों की परफॉर्मेंस तो प्ले स्कूल में दिलाएं एडमिशन, Play School भेजने के हैं ढेरों फायदे

Kids Play School: आज के समय में पेरेंट्स अपने बच्चों की बेहतर परफॉर्मेंस को लेकर जब वो स्कूल जाना स्टार्ट भी नहीं करते तभी बहुत कुछ प्लान करते हैं. वो चाहते हैं कि उनका बच्चा सबसे आगे रहे. ऐसे में पेरेंट्स बच्चों को डायरेक्ट स्कूल भेजने की अपेक्षा प्ले स्कूल भेजना पसंद करते हैं, क्योंकि यहां वो ऐसी-ऐसी बातें सीख लेते हैं, जो स्कूल जाकर ही सीख सकते हैं. ऐसे में अगर आपने अब तक प्ले स्कूल की एहमियत नहीं जानी है तो हम आपको बता रहे हैं कि क्यों आपको बच्चे को प्ले स्कूल भेजना जरूरी है...

नई-नई चीजें सीखते हैं
प्ले स्कूल में बच्चों को तरह-तरह के खेल और एक्टिविटी करने का मौका मिलता है. नई-नई चीजों को सीखते हैं. वहीं, नए-नए गेम्स खेलने से उनकी लर्निंग स्किल तेजी से इंप्रूव होती है. 

अपना काम खुद से करना सीखते हैं
बच्चे प्ले स्कूल में अपने सारे काम खुद से करना सीखते हैं. यहां अपने हाथ से खाना, हाथ साफ करना, अपनी चीजों को जगह पर रखना सीखते हैं.  

भाषा और शब्दों पर अच्छी पकड़ होती है
बच्चे घर में रहकर जितना कुछ सीखते हैं, उससे कहीं ज्यादा और तेजी से प्ले स्कूल में सीख जाते हैं. यहां आकर उनकी शब्दों पर पकड़ और उन्हें पहचानने की क्षमता बेहतर होती है, जिससे वे अच्छी तरह बोलना सीख पाते हैं. 

सामंजस्य बिठाने सीखते हैं 
प्ले स्कूल में दूसरे बच्चों के साथ रहकर वे सबके बीच रहना सीखते हैं और उनमें सबके साथ तालमेल बिठाने की आदत डलने लगती है. सबसे जरूरी चीज वे अपनी चीजों के शेयर करना सीखने लगते हैं.  

अपनी बात कहना सीखते हैं
प्ले स्कूल में धीरे-धीरे बच्चे खुद को एक्सप्रेस करना सीख लेते हैं. इससे आगे चलकर उन्हें परेशानी नहीं होती. 

तेज होता है दिमाग 
प्ले स्कूल में बच्चे रोज कुछ न कुछ नया और क्रिएटिव सीखते हैं. ऐसे में उनका दिमाग बाकी बच्चों की अपेक्षा ज्यादा शार्प होता है और वो काफी एक्टिव रहते हैं

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