कोई भी छात्र स्कॉलरशिप से वंचित न हो, इसलिए राज्य सरकार द्वारा यह फैसला लिया गया है. ऐसे में छात्रों को सलाह है कि वो फॉर्म पढ़कर कर भरें और सभी सूचनाएं सही-सही दें. फॉर्म में अधूरी जानकारी पाए जाने पर एप्लीकेशन रिजेक्ट कर दिया जाएगा. साथ ही गलत डॉक्यूमेंट्स देने वाले छात्रों का भी फॉर्म रिजेक्ट कर दिया जाएगा.
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नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हर वर्ष लगभग 55 लाख छात्रों को स्कॉलरशिप दी जाती है. यह स्कॉलरशिप छात्रों को पढ़ाई में रुकावट न आए, इसलिए दिया जाता है. इसी बीच सरकार ने बड़ा एलान करते हुए आवेदन के लिए अंतिम तारीख फिर बढ़ा दी है. अब छात्र 30 नवंबर तक फॉर्म भर सकेंगे. वहीं, पूर्व दशम छात्रवृत्ति के भी छूटे हुए छात्र-छात्राएं 29 अक्टूबर से 19 नवंबर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे.
इसलिए लिया गया फैसला
कोई भी छात्र स्कॉलरशिप से वंचित न हो, इसलिए राज्य सरकार द्वारा यह फैसला लिया गया है. ऐसे में छात्रों को सलाह है कि वो फॉर्म पढ़कर कर भरें और सभी सूचनाएं सही-सही दें. फॉर्म में अधूरी जानकारी पाए जाने पर एप्लीकेशन रिजेक्ट कर दिया जाएगा. साथ ही गलत डॉक्यूमेंट्स देने वाले छात्रों का भी फॉर्म रिजेक्ट कर दिया जाएगा.
ऐसे छात्रों की रुक सकती है छात्रवृत्ति
प्रदेश की योगी सरकार द्वारा इस ऐसे छात्रों की स्कॉलरशिप रोकी जा सकती है, जो छात्रवृत्ति लेने भी स्कूल को फीस नहीं देते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ऐसे छात्रों को हमेशा के लिए ब्लैकलिस्ट भी किया जा सकता है. इसको लेकर सामाज कल्याण विभाग द्वारा एक नियम भी बनाया जा रहा है.
वहीं, स्कॉलरशिप में पारदर्शिता के लाने के लिए प्रदेश सरकार इस बार डॉक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को भी मजबूत बना रही है. किसी भी तरह के फर्जी दस्तावेज लगाने वाले छात्रों का फॉर्म रिजेक्ट कर दिया जाएगा.
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