Devdas Film: 1955 में बिमल रॉय ने दिलीप कुमार (Dilip Kumar) को देवदास बनाया, उसके बाद शाहरुख खान इस रोल में नजर आए. अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र (Dharmendra) जैसे सुपर सितारे चाह कर भी पर्दे पर देवदास का रोल नहीं निभा सके. जबकि तैयारियां पूरी थीं. क्यों हुआ ऐसा. जानिए यह दिलचस्प दास्तान...
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Amitabh Bachchan: देवदास बनना सबकी किस्मत में नहीं होता. यही वजह है कि शायद योजना बनने के बावजूद अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र जैसे बेजोड़ सितारे कभी पर्दे पर देवदास के किरदार को नहीं निभा सके. लेकिन ऐसा नहीं कि दिलीप कुमार की देवदास के बाद सीधे ही संजय लीला भंसाली (Sanjay Leela Bhansali) ने शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) को लेकर देवदास (Film Devdas) बना ली. बीच में कई बार ऐसा हुआ कि मेकर्स ने देवदास बनाने की सोची, मगर योजना कभी अंजाम तक नहीं पहुंच सकी. अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र जैसे सितारे साथ हों तो कौन मेकर देवदास बनाना नहीं चाहेगा. अमिताभ को लेकर निर्देशक प्रकाश मेहरा और धर्मेंद्र को लेकर गुलजार (Gulzar) जैसे दिग्गज ने देवदास की योजना बनाई थी, परंतु फिल्म नहीं बन सकी.
मॉडर्न वर्जन का विवाद
आज शाहरुख खान, ऐश्वर्या राय बच्चन (Aishwarya Rai Bachchan) और माधुरी दीक्षित (Madhuri Dixit) स्टारर देवदास (2001) को 21 साल पूरे हो रहे हैं. लेकिन इस फिल्म से बरसों पहले अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र पूरी योजना के बाजवूद देवदास नहीं बन सके. 1976 में प्रकाश मेहरा ने अमिताभ बच्चन को देवदास बनाना चाहा था. अमिताभ के साथ वह पारो और चंद्रमुखी की भूमिका में शर्मीला टैगोर (Sharmila Tagora) और हेमा मालिनी (Hema Malini) को लीड भूमिकाओं में ले रहे थे. देवदास की कहानी तो प्रकाश मेहरा को पसंद थी परंतु वह चाहते थे कि इसमें समय के हिसाब से कुछ बदलाव किए जाएं. कहानी का मॉडर्न वर्जन बनाया जाए. मगर प्रोड्यूसर को बात जमी नहीं. वह फिल्म से अलग हो गए. उधर, देवदास की कहानी को प्रकाश मेहरा ने नया अंदाज दिया. मुकद्दर का सिकंदर (Muqaddar Ka Sikandar) बनाई. आप याद करें कि कहानी में सिकंदर बने अमिताभ राखी (Rakhee) को चाहते हैं और अंततः नाचने वाली जोहरा बाई बनी रेखा (Rekha) के कोठे पर उनके दिल को सुकून मिलता है. अमिताभ देवदास की तरह ही राखी का प्यार न मिलने के बाद इसमें शराब में डूबे होते हैं.
शूटिंग शुरू हुई मगर
रोचक बात यह है कि जो निर्माता प्रकाश मेहरा के साथ फिल्म बना रहे थे, वह गुलजार के पास पहुंच गए. गुलजार ने धर्मेंद्र को लेकर फिल्म की योजना बनाई. हीरोइनें वही थी, शर्मीला टैगोर और हेमा मालिनी. फिल्म की शूटिंग शुरू हुई मगर करीब दस दिनों के बाद आर्थिक संकट की वजह से बंद हो गई. धर्मेंद्र ने कई बार यह मीडिया में माना कि वह देवदास का रोल निभाना चाहते थे. यह उनका ड्रीम रोल था. लेकिन यह संभव नहीं हुआ. सोशल मीडिया में आज भी गुलजार की बनते-बनते रुक गई देवदास की कुछ तस्वीरें मिल जाती हैं. प्रकाश मेहरा भले ही खुलकर देवदास का मॉडर्न नहीं बना पाए, लेकिन अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) ने जरूर देव डी नाम से इसी कहानी को नए जमाने में दिखाया. अभय देओल (Abhay Deol) इसमें देव बने थे.