रवि किशन के एक्टर बनने की कहानी बेहद दिलचस्प है. उन्हें आज भोजपुरी फिल्मों का महानायक भी कहा जाता है.
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नई दिल्ली: भोजपुरी फिल्मों के महानायक रवि किशन (Ravi Kishan) टीवी से लेकर बॉलीवुड और भोजपुरी इंडस्ट्री का एक चर्चित नाम हैं. रवि किशन आज 51 साल के हो गए हैं. 17 जुलाई 1969 में उत्तर प्रदेश के जौनपुर में उनका जन्म हुआ था. बॉलीवुड में कदम रखने के लिए रवि किशन ने भी अपनी काफी एड़ियां घिसी थीं. रामलीला में सीता का रोल करने से लेकर भोजपुरी फिल्मों के महानायक बनने तक उनका सफर बेहद दिलचस्प रहा है.
रामलीला में बनते थे सीता:
रवि किशन को बचपन से ही अभिनय का शौक था, लेकिन इस शौक के बिल्कुल खिलाफ थे उनके पिता. घर से नजरें बचाकर रवि किशन रामलीला में सीता का रोल प्ले किया करते थे, इतना ही नहीं जब पिता को इस बारे में पता चल जाता था जो वो रवि किशन को खूब पिटाई भी करते थे. रवि किशन इस बात का जिक्र अपने एक इंटरव्यू में कर चुके हैं. रवि किशन के पिता उनसे कहते थे कि नाचने वाला बनोगे. रवि किशन के पिता चाहते थे कि वो पूजा-पाठ करें, दूध बेचें, खेती करें या फिर नौकरी करें, लेकिन वो उन्हें कलाकार नहीं बनाना चाहते थे. रवि किशन को उनकी मां का पूरा सपोर्ट था. उनकी मां ने तो एक दिन रवि किशन से कह दिया था कि तुम घर से भाग जाओ नहीं तो पिता जी तुम्हें मार देंगे. बस मां का सपोर्ट ही था जो आज रवि किशन ने खुद को अभिनय करियर में स्थापित किया.
ऐसे मिला महानायक का तमगा:
रवि किशन को भोजपुरी फिल्मों का महानायक कहा जाता है. रवि किशन को ये तमगा कैसे हासिल हुआ उसकी भी दलचस्प कहानी है. 'गंगा' फिल्म की ऑडियो रिलीज पर अमिताभ बच्चन ने रवि किशन को भोजपुरी फिल्म के महानायक का तमगा दिया था और फिर यहीं से रवि किशन के करियर के साथ ये उपलब्धि भी जुड़ गई.
'बिग बॉस' से मिली देशभर में पहचान:
रवि किशन रिएलिटी शो 'बिग बॉस' में नजर आए थे. इस शो के दौरान उनका एक डायलॉग लोगों को काफी पसंद आया था, 'जिंदगी झंड बा फिर भी घमंड बा'. इस शो के बाद से जब रवि किशन बाहर निकले तो उनके लिए बॉलीवुड से लेकर भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के रास्ते पूरी तरह से खुल गए.
बिना गॉडफादर के बने सुपरस्टार:
रवि किशन ने जब इंडस्ट्री में कदम रखा था जो उन्हें कोई भी नहीं जानता था. सलमान खान की फिल्म 'तेरे नाम' में उन्होंने भूमिका चावला के मंगेतर की भूमिका अदा की थी और ये फिल्म उनके करियर को उठाने में काफी सफल साबित हुई. ऐसा नहीं की रवि किशन ने काम पाने के लिए संघर्ष नहीं किया लेकिन उनका मानना है कि किस्मत उनके साथ थी. रवि किशन का सफर अभिनय जगत तक ही सीमित नहीं रहा, आज इस होनहार कलाकार ने राजनीति में भी अपने पैर जमा लिए हैं.