इंडियन नेवी छोड़ हीरो बनने आए थे 'करण अर्जुन' के 'शमशेर सिंह' Jack Gaud, किस्मत ने बना दिया विलन
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इंडियन नेवी छोड़ हीरो बनने आए थे 'करण अर्जुन' के 'शमशेर सिंह' Jack Gaud, किस्मत ने बना दिया विलन

Kaha Gum Ho Gaye Sitare: बॉलीवुड में ऐसे कई कलाकार है, जिन्होंने फिल्मों में बेहद दमदार किरदार निभाए, लेकिन फिर भी लोग बस हीरो की भूमिका को ही याद रखते हैं. ऐसे ही कुछ 'करण-अर्जुन' में 'शमशेर सिंह' का किरदार निभाने वाले जैक गौड़ के साथ भी हुआ. चलिए जानते हैं आज कहां खो गया ये सितारा?

इंडियन नेवी छोड़ हीरो बनने आए थे 'करण अर्जुन' के 'शमशेर सिंह', किस्मत ने बनाया विलन

Kaha Gum Ho Gaye Sitare Jack Gaud: बॉलीवुड अब पूरी तरह से बदल चुका है. नए-नए कलाकार फिल्मों की कहानियों के साथ इंडस्ट्री में कदम रख रहे हैं, लेकिन बॉलीवुड इंडस्ट्री में ऐसे भी कई किरदार और कलाकार आए हैं, जिन्होंने फिल्मों में अपना दमदार अभिनय दिखाया, लेकिन फिर भी वो आज कहीं गुम हो गए, जिसके पीछे की वजह है लोग बस फिल्मों में हीरो और उनके ईद-गिर्द घूमने वाले किरदारों को ही जरूरी समझते हैं. 

ऐसा ही कुछ शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) और सलमान खान (Salman Khan) की साल 1995 में आई 'करण-अर्जुन' में 'शमशेर सिंह' का किरदार निभाने वाले जैक गौड़ (Jack Gaud) के साथ भी हुआ. 90 से 2000 के दशक तक कई फिल्मों में जैक गौड़ ने विलेन का किरदार निभाया, लेकिन आज वो कहीं खो कर रह गए हैं. जैक गौड़ ने अपने करियर में यूं तो कई यादगार किरदार निभाए, लेकिन फिर भी आज वो लोगों की यादों से दूर हैं. जैक गौड़ का जन्म साल 1958 में राजस्थान के झुंझुनू जिले के खेत्री कस्बे में हुआ था. 

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हीरो बनने के लिए छोड़ी नौसेना की नौकरी

जैसे को बचपन से ही फिल्मों का शौक था, लेकिन उनके परिवार में ज्यादातर लोग भारतीय सेना में थे, जिसके चलते उनको भी भारतीय नौसेना का हिस्सा बनना पड़ा. जैक ने साल 1977 में भारतीय नौसेना में नौकरी की. हालांकि, अपना सपना पूरा करने के लिए उन्होंने साल 1980 में नौसेना की नौकरी छोड़ दी और मुंबई आ गए. इसके बाद उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 1984 में आई फिल्म 'इंसाफ कौन करेगा' से की. धर्मेंद्र, रजनीकांत, अमरीश पुरी और प्राण जैसे कलाकारों से भरी इस फिल्म में उन्होंने विलेन का किरदार निभाया था. 

हार्ट अटैक से हुआ था जैक गौड़ का निधन

जैक गौड़ ने अपने लंबे करियर में दर्जनों फिल्मों में विलेन का किरदार निभाया, जिसे देखने के बाद अच्छे-अच्छे लोगों के रोंगटे खड़े हो जाए, लेकिन दुख की बात यह है कि लंबी-चौड़ी कद काठी और हट्टा-कट्टा होने के बावजूद जैक गौड़ साल 2000 में महज 41 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गए. खबरों की मानें तो उनका निधन 8 जून, 2000 को दिल का दौरा पड़ने से हुआ था. उनकी मौत की खबर से इंडस्ट्री में काफी हचलच मच गई थी. इतना ही नहीं, जैक के निधन के बाद भी उनकी 4 फिल्में भी रिलीज हुई थी. 

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कई मशहूर फिल्मों में किया काम

जैक गौड़ ने अपने करियर में 'वतन के रखवाले', 'गंगा जमुना सरस्वती', 'वक्त की आवाज', 'शहजादे', 'तूफान', 'बेटा', 'तहलका', 'खुद्दार', 'राणव राज', 'करण अर्जुन', 'वीरगति', 'साजन चले ससुराल', 'मिस्टर एंड मिसेज खिलाड़ी', 'फूल और पत्थर', 'बड़े मियां छोटे मियां', 'लाल बादशाह', 'कारतूस', 'वास्तव', 'बागी', 'कोयला', 'जुड़वां' और 'वन टू का फोर' जैसी फिल्मों में काम किया था. बता दें, उनके बेटे अमित जैक गौड़ (Amit Jack Gaud) भी टीवी और फिल्मों में काम करते हैं और पिता की तरह ही ज्यादातर निगेटिव किरदार निभाते हैं. 

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