Pankaj Tripathi new movie: बीते दस साल में एक्टर पंकज त्रिपाठी के आस-पास बहुत कुछ बदल गया है, लेकिन वह नहीं बदले. उनका कहना है कि मेरा सॉफ्टवेयर वही पुराना है. उनकी फिल्म शेरदिलः द पीलीभीत सागा शुक्रवार को रिलीज हो रही है. फिल्म और कुछ अन्य मुद्दों पर पंकज त्रिपाठी के साथ जी न्यूज डिजिटल की खास बातचीत.
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Sherdil The pilibhit saga: शेरदिल बाघ और जंगल की कहानी है. आपने सबसे पहले बाघ कब और कहां देखा?
मैंने सबसे पहले पटना के चिड़ियाघर में बाघ देखा था. छोटे शहरों में टिकट कटा कर चिड़ियाघरों में जाने का चलन है. उन दिनों नए साल या 15 अगस्त जैसे मौकों पर लोग घर से खाना-वगैरह बांध कर चिड़ियाघर में घूमने जाया करते थे. मैं भी गया था. पहली बार जब बाघ देखा तब मेरी उम्र करीब 20-21 साल की थी.
बाघ खत्म होता प्राणी है. क्या ऐसी चिंता शेरदिल में कहीं है?
बिल्कुल. फिल्म में यह चिंता है. शेर को लेकर, बाघ को लेकर और अन्य जंगली जानवरों को लेकर भी.
पिछले साल विद्या बालन की शेरनी रिलीज हुई थी. शेरदिल का ऑफर आपके पास पहले आया था या इसके बाद?
काफी पहले. तीन साल पहले श्रीजीत मुखर्जी (निर्देशक) ने फिल्म का वन लाइनर थॉट सुनाया था, कोलकाता में. आइडिया मुझे इंसपायरिंग लगा. मैंने कहा कि सुन कर तो अच्छा लग रहा है, आप लिखिए. फिर कोरोना आ गया. सब शूटिंग रुक गईं. जब बीच में शूटिंग शुरू हुई तो उन्होंने फोन किया कि रिलायंस फिल्म को बैक-अप कर रहा है, अगर बीस-पच्चीस दिन निकालें तो शूट कर सकते हैं. हमने पश्चिम बंगाल के गोरुमारा के जंगलों में शूटिंग की. छोटी यूनिट के साथ, छोटे बजट में. सत्तर फीसदी फिल्म में दो ही किरदर हैं. नीरज कबी और मैं.
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आपका कोविड का दौर कैसे बीता?
सबकी तरह घरों में था. मुंबई में जहां मैं रहता हूं मड आईलैंड, वहां आबादी थोड़ी कम है, तो हम कभी नीचे उतर कर घूम लिया करते थे. फिर मैं लंबे समय से शूटिंग में व्यस्त था तो थकान बहुत थी. मुझे थोड़ा आराम मिल गया. मैंने परिवार को पूरा समय दिया. पत्नी को, बेटी को. मैं कभी-कभी खाना बनाता था.
एक नई डिजिटल दुनिया आ चुकी है, जिससे आपकी लोकप्रियता भी बहुत बढ़ी. इसे कैसे देखते हैं?
निश्चित ही इससे बहुत सारे लोग हमें देखने लगे. काम की पहुंच बढ़ गई. अब बहुत सारे लोग हमारे बारे में ज्यादा जानना चाहते हैं. डिजिटल की पत्रकारिता भी थोड़ी अलग तरह की है. डिजिटल खबरों का समुंदर है. यहां क्लिक के लिए खबर को अलग तरह से पेश किया जाता है. जैसे पिछले दिनों मैंने एक इंटरव्यू में कहा कि मैंने कई बड़ी फिल्मों को बहुत विनम्रता से इंकार किया क्योंकि उनका आइडिया मुझे एक्साइट नहीं कर रहा था. पत्रकार ने हेडिंग लगा दी कि पंकज त्रिपाठी ने दिया कराया जवाब.
यहां देखें शेरदिल का ट्रेलर
कल 22 जून को गैंग्स ऑफ वासेपुर रिलीज हुए दस साल पूरे हो गए. इसमें सुल्तान के रोल से आपको पहचान मिली थी. कैसे मिला था यह रोल?
मुझे पता चला था कि बिहार-झारखंड कि किसी कहानी पर फिल्म बन रही है, तो लगा कि मुझे कोई रोल मिल ही जाएगा क्योंकि मैं बिहार से हूं. पता चला कि उन सबकी कास्टिंग हो गई. फिर दो महीने बाद सुल्तान के रोल के लिए फोन आया. मुकेश छाबड़ा को ऑडिशन दिया था. अनुराग कश्यप ने देखा. ऑडिशन कई राउंड में था और करीब आठ-नौ घंटे चला. फाइनली रोल मिला. मुझे नहीं पता था कि फिल्म इतनी चल जाएगी. तब सिर्फ इतना लगा था कि जैसे छोटे-मोटे रोल करता हूं, वैसा ही यह भी होगा.
अनुराग कश्यप के साथ तब कैसा अनुभव रहा?
मैं देखता था कि मैं जो भी करता हूं वह ओके कर देते हैं. कभी रीटेक नहीं. तो एक दिन मैं उनके पास गया कि क्या मैं ठीक कर रहा हूं. तो उन्होंने कहा कि बढ़िया है. तब मैंने कहा कि आप कुछ कहते नहीं, इसलिए मुझे संदेह हो रहा है, तो वह हंस कर बोले कि नहीं बहुत अच्छा है, कभी कुछ गड़बड़ हुआ तो कह दूंगा. और सचमुच उस फिल्म के बाद लोग मुझे ढूंढने लगे कि सुल्तान का रोल किसने किया. तब पहली बार मीडिया में मेरा नाम छपा.
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तब से अब तक व्यस्तता के अलावा जीवन कितना बदल गया है?
जीवन सिर्फ व्यस्तता के स्तर पर बदला है, बाकी मेरा सॉफ्टर सेम है, जैसा पहले था. मैं आज भी अपने चाहने वालों से पहले की तरह मिलता और फोटो खिंचाता हूं. अगर कभी व्यस्तता के कारण जल्दी में लोगों को छोड़ कर निकल जाता हूं, तो दुख होता है. मैं चाहता हूं कि भले ही कभी मैं अभिनेता औसत हो जाऊं लेकिन इंसान खराब या औसत न हो जाऊं. मेरे आचरण में कोई त्रुटि न रहे.
शेरदिल के बाद दर्शक आपको किन फिल्मों और वेब सीरीजों में देखेंगे?
ओ माई गॉड 2 की शूटिंग खत्म हो चुकी है. फुकरे 3 की शूटिंग भी लगभग खत्म है. अमेजन प्राइम की सीरीज है गुलकंदा, वह पूरी कर चुका हूं.
और मिर्जापुर 3? इसका सबसे ज्यादा इंतजार है.
इसकी शूटिंग अगले महीने शुरू होनी है. मिर्जापुर के कालीन भैया मुझसे बहुत बड़े हो चुके हैं. उनका चरित्र बहुत बड़ा हो चुका है. उनके आगे मैं छोटा व्यक्ति हूं.
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