ZEE NEWS से बोले सोनू सूद, 'जब तक आखिरी प्रवासी को घर तक नहीं पहुंचा दूंगा, सड़क पर ही रहूंगा'
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ZEE NEWS से बोले सोनू सूद, 'जब तक आखिरी प्रवासी को घर तक नहीं पहुंचा दूंगा, सड़क पर ही रहूंगा'

ट्विटर से लेकर हर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सोनू सूद की तारीफें हो रही हैं. कुछ ही देर पहले सोनू सूद ने अपनी इस मुहिम को लेकर ZEE NEWS से खास बातचीत की. 

फोटो साभार : वीडियोग्रैब

नई दिल्ली: बॉलीवुड के रॉबिनहुड के नाम से मशहूर हो चुके एक्टर सोनू सूद (Sonu Sood) ने बीते दिनों से अपनी दरियादिली दिखाकर हर देश वासी का दिल जीत चुके हैं. दरअसल सोनू सूद (Sonu Sood) इन दिनों उन लोगों की सहायता के लिए सड़क पर उतरे हैं जो पैदल अपने घर जा रहे थे. सोनू सूद ने अपने पैसों से बसें बुक करके उन प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने का काम शुरू किया. जिसके बाद अब हजारों की तादात में सोनू लोगों को उनके घर भेज चुके हैं. इस नेक काम के बाद से ही ट्विटर से लेकर हर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सोनू सूद की तारीफें हो रही हैं. कुछ ही देर पहले सोनू सूद ने अपनी इस मुहिम को लेकर ZEE NEWS से खास बातचीत की. आइए जानते हैं कि आगे और क्या करने वाले हैं सोनू सूद...

हर एक को भेजेंगे घर
जब सोनू सूद से पूछा गया कि वह कितने मजदूरों को और उनके गांव वापस भेजेंने वाले हैं तो उन्होंने ZEE NEWS से कहा, 'जब तक हर एक प्रवासी मजदूर अपने घर नहीं पहुंच जाता अपनी मुहिम को जारी रखूंगा. इसके लिए चाहे कितना भी काम और मेहनत करनी पड़े. अंतिम मजदूर के उसके घर पहुंचने तक चैन से नहीं रह सकता.'

क्या हैं परेशानियां
सोनू सूद ने बताया कि मजदूरों को वापस भेजने में उन्हें सबसे बड़ी परेशानी यह आई कि मजदूरों को कागजी कार्यवाही के लिए काफी भागदौड़ करनी पड़ती है. ऐसे में जो अनपढ़ लोग हैं उनके लिए ये सब करना काफी मुश्किल हो जाता है. सरकार को इस प्रक्रिया को आसान बनाना चाहिेए. 

क्यों लिया यह बड़ा फैसला
अपने इस फैसले के पीछे का कारण बताते हुए सोनू सूद ने बताया कि वह यह नहीं चाहते कि कोई भी बच्चा अपने माता पिता के साथ इस गरमी में सड़क पर पैदल जाए और पूरे जीवन वह इस बात को इस कड़वाहट को याद रखे. इसलिए वह इस मुश्किल समय में मजदूरों के साथ खड़े हैं.  

मां ने दी थी ऐसी सीख
ZEE NEWS से बात करते हुए सोनू सूद ने बताया कि वह अपनी नेकी को क्यों प्रचारित नहीं करना चाहते. सोनू ने बताया कि उनकी मां एक प्रोफेसर थीं और उन्होंने सिखाया था कि अगर दायां हाथ दान करे तो बाएं हाथ को पता नहीं लगना चाहिए. इसलिए वह चुपचाप मीडिया से दूर अपना काम करने में जुटे थे.  

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