ओम पुरी का जन्म लोअर मिडल क्लास फैमिली में हुआ था. उनका बचपन बहुत बुरा बीता.
Trending Photos
नई दिल्ली: ओम पुरी अगर आज जिंदा होते तो अपना 70वां जन्मदिन मना रहे होते. बॉलीवुड और हॉलीवुड में अपनी एक्टिंग की धाक जमाने वाले ओम पुरी बेहद जिंदादिल इंसान थे. हालांकि, बचपन में बेहद शर्मीले, संकोची और शांत स्वभाव वाले थे लेकिन उनकी जिंदगी में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जिनका जिक्र उन्हें परेशान कर देता था.
चाय की दुकान पर धोए बर्तन
ओम पुरी का जन्म गरीब परिवार में हुआ था. उनका बचपन बहुत अभाव में बीता. सात साल के थे जब पिता की नौकरी चली गई. घर में खाने के लाले पड़ गए. ओम पुरी उतनी छोटी उम्र में एक दुकान पर चाय के बर्तन धोने का काम करने लगे. सबसे ज्यादा तकलीफ उन्हें ठंड के दिनों में बर्तन मांजने में होती थी. इन पैसों से भी जब गुजारे में दिक्कत आने लगी, तब ओम पुरी बचे हुए समय में मंडी से कोयला खरीद कर घर-घर बेचने का काम करने लगे.
फौजी बनने की थी तमन्ना
एक दिन उन पर किसी ने कोयला चोरी का आरोप लगा दिया. ओम पुरी को पुलिस के पास ले जाया गया. उस दिन ओम पुरी इतना रोए कि पुलिस अफसर भी घबरा गया. उस समय कोई जब उनसे पूछता था कि तुम बड़े हो कर क्या बनोगे तो वे कहते थे फौजी. लेकिन जब फौज में फॉर्म भरने की बारी आई तो उनके पास फॉर्म खरीदने के लिए पैसे नहीं थे. इसके बाद उन्होंने तय किया कि वे रेलवे में इंजन ड्राइवर बनेंगे. तब तक उनके पिताजी दोबारा नौकरी करने लगे. ओम पुरी ने फिर से स्कूल जाना शुरू कर दिया. इस बार उन्होंने जमकर पढ़ाई की.
छोटी उम्र में इश्क
लगभग चौदह साल की उम्र में ओम पुरी का अपने घर में काम करने वाली नौकरानी से इश्क हो गया. ओम पुरी को हमेशा ये किस्सा असहज कर देता था. उन्हें अच्छा नहीं लगता था जब कोई उनसे इस बारे में बात करता. हालांकि उन्होंने यह बात अपने साथ कॉलेज में पढ़ने वाले दोस्तों को बताई थी कि कैसे उनके घर में काम करने वाली बाई उन्हें बहुत प्यार करती थी और कैसे वो उसके आगे-पीछे घूमा करते थे. ओम पुरी को लगता था कि अगर वे गॉसिप की तरह यह बात कहेंगे तो उस औरत की इज्जत कम हो जाएगी.
ओम पुरी की जिंदगी में उनके कई अफेयर्स रहे. नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में पढ़ने के दौरान, पुणे में फिल्म का कोर्स करने के दौरान और मुंबई में भी उनके रिलेशन कई महिलाओं से रहे. पर ओम पुरी ने कभी किसी का नाम नहीं लिया. हमेशा कहते थे ये मेरे डार्क सीक्रेट्स हैं और मेरे साथ ही जाएंगे. वे इस बात पर शर्मिंदा भी होते थे.