Sharmaji Namkeen Movie Review: ऋषि कपूर के फैन हैं, तो 'शर्माजी नमकीन' आपको भी मीठी लगेगी
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Sharmaji Namkeen Movie Review: ऋषि कपूर के फैन हैं, तो 'शर्माजी नमकीन' आपको भी मीठी लगेगी

Sharmaji Namkeen Review: ऋषि कपूर, परेश रावल, जूही चावला, सतीश कौशिक, शीबा चड्ढा, सुहैल नैय्यर, ईशा तलवार, आयशा रजा, परमीत सेठी  जैसे कलाकारों से सजी फिल्म Sharmaji Namkeen रिलीज हो गई है. देखने से पहले पढ़े रिव्यू.

शर्माजी नमकीन

कास्ट: ऋषि कपूर, परेश रावल, जूही चावला, सतीश कौशिक, शीबा चड्ढा, सुहैल नैय्यर, ईशा तलवार, आयशा रजा, परमीत सेठी आदि
निर्देशक:  हितेश भाटिया
स्टार रेटिंग: 3
कहां देख सकते हैं: अमेजन प्राइम पर

  1. Sharmaji Namkeen फिल्म रिव्यू
  2. ऋषि कपूर की आखिरी फिल्म रिलीज
  3. देखकर हो जाएंगे इमोशनल

नई दिल्ली: इस मूवी को कोई रेटिंग ना भी दिया जाए, तो भी चलेगा क्योंकि ये मूवी बहुत ही स्पेशल है, जिसकी रेटिंग का, जिसके हिट या फ्लॉप होने का, उसमें कमियों का, उसके क्लाइमेक्स और किरदारों का कोई फर्क नहीं पड़ता. उसकी वजह ये है कि ये मूवी नहीं बल्कि एक श्रद्धांजलि है, ऋषि कपूर साहब को, जिनकी ये आखिरी मूवी है. एक ऐसी मूवी जो अधूरी है, ऐसे कई सितारों की अधूरी मूवीज डब्बे में ही बंद हो गई, लेकिन ऋषि कपूर (Rishi Kapoor) की इस मूवी को पूरा किया गया, इसमें उनके परिवार की भी मदद ली गई, यहां तक मूवी की शुरुआत में आप रणबीर कपूर से भी मिलेंगे.

परेश रावल को ऐसे किया गया फिट

इस मूवी को देखने से पहले एक और खास बात जान लीजिए, इस मूवी में चूंकि ऋषि कपूर पूरी मूवी शूट नहीं कर पाए थे, इसलिए बाकी का हिस्सा परेश रावल ने शूट किया है. आप सोच रहे होंगे कि जहां ऋषि कपूर का हिस्सा खत्म होगा, वहां से परेश रावल मूवी में आएंगे, लेकिन ऐसा नहीं है. एक नया प्रयोग आप इस मूवी में देखेंगे कि एक सीन में उसी किरदार यानी ब्रज गोपाल शर्मा के रोल में आपको ऋषि कपूर दिखेंगे तो अगले ही सीन में उन्हीं के रोल में परेश रावल दिखेंगे. कभी कभी तो ऋषि कपूर किसी घर में घुसेंगे और बाद में उनके ही कपड़े पहनकर परेश रावल बाहर आते दिखेंगे. शुरू में ये अजीब लगेगा, लेकिन बाद में ये सामान्य सा लगेगा.

आम आदमी से जोड़ेगी कहानी

कहानी है ब्रज गोपाल शर्मा (ऋषि कपूर) की जो एक इलेक्ट्रोनिक्स उत्पाद बनाने वाली एक निजी कम्पनी में हैं और उनको उनकी कम्पनी वीआरएस देकर घर बैठा देती है. उनके सहयोगी उनके फेयरवेल में कहते हैं कि आपसे ज्यादा आपके हाथ के खाने को मिस करेंगे. दरअसल पत्नी की मौत के बाद दोनों बेटों के लिए खाना बनाते-बनाते अच्छे कुक बन चुके हैं, बड़े बेटे संदीप (सुहैल नैय्यर) की गर्लफ्रेंड भी उसके टिफिन से उनके हाथ का खाना खाकर उनकी मुरीद बन चुकी है. रिटायरमेंट के बाद वो खाली नहीं बैठना चाहते, और कुछ ना कुछ करने की जुगत में लगे रहते हैं, इससे उनके दोनों बेटे बड़े परेशान हो जाते हैं. बड़ा बेटा तो गर्लफ्रेंड उर्वी (ईशा तलवार) के साथ शादी करके गुड़गांव शिफ्ट होना चाहता है, लेकिन शर्माजी दिल्ली का अपना वह पुराना मकान नहीं छोड़ना चाहते, जहां से उनकी पत्नी की यादें जुड़ी हैं.

शर्माजी के खाने के मुरीद लोग

शर्माजी अपने दोस्त चड्ढा (Satish Kaushik) की मदद से एक किटी ग्रुप के लिए खाना बनाना शुरू कर देते हैं. जिसमें जूही चावला, शीबा चड्ढा जैसी महिलाएं थीं, जिन्हें शर्माजी का खाना इतना पसंद आता है कि वो उनकी फैन हो जाती हैं. जूही को शर्माजी पसंद करने लगते हैं. लेकिन बच्चों से अपना ये काम छुपाते हैं, जो एक वीडियो के जरिए बेटे को पता चल जाता है, वो उन पर काफी नाराज होते हैं. इस तरह दोनों बेटों से उनकी हलकी-फुलकी खींचतान, जूही से एकतरफा बढ़ता लगाव और पूरी मूवी में अलग-अलग किरदारों की सिचुएशनल चुहलबाजी मूवी में आपको बनाए रखती है. 

जबरदस्त है क्लाइमेक्स

अचानक मूवी तब एक बड़ा मोड़ लेती है, जब बिल्डर फॉरेस्ट की जमीन पर बिल्डिंग खड़ी करने के चलते बेटे संदीप का फ्लैट लटका देता है, पैसे भी वापस नहीं करता. गुस्से में संदीप बिल्डर के ऑफिस में भिड़ जाता है और पहुंच जाता है पुलिस थाने. तब कैसे शर्माजी की किटी फ्रेंड्स दिल्ली वेस्ट के मेयर रॉबी सचदेवा (परमीत सचदेवा) के जरिए संदीप को इस मुश्किल से निकालते हैं, वो इस मूवी का क्लाइमेक्स बनता है. 

पूरी तरह से है पारिवारिक फिल्म 

अभी तक अपने पिता को नाकारा समझ रहा संदीप पहली बार अपने पिता के बनाए रिश्तों का कायल हो जाता है. ऐसे में एक साफ सुथरी पारिवारिक कॉमेडी मूवी है 'शर्माजी नमकीन'. यूं निकालने निकलेंगे तो तमाम नुक्स आसानी से निकल जाएंगे क्योंकि ऋषि कपूर इस मूवी की शूटिंग पूरी किए बिना ही दुनिया छोड़ गए थे, आखिरी मूवी ना होती तो आप भी ऋषि-परेश के इस फ्लिप फ्लॉप को पसंद नहीं करते. लेकिन चूंकि आखिरी मूवी है इसलिए हर कोई इसे इमोशनल होकर देख रहा है. जूही चावला के लिए भी ऋषि कपूर खास थे, तभी तो सनी लियोनी के गाने पर भी उन्होंने डांस करना कुबूल कर लिया.

फिल्म में डायलॉग्स छोड़ते हैं फुलझड़ियां 

फिल्म के डायलॉग्स फिर भी औसत से बेहतर हैं, जो मूवी में आपको बनाए रखते हैं, बीच-बीच में फुलझड़ियां छोड़ते रहते हैं. म्यूजिक का भी जिक्र जरूरी है, स्नेहा खानवलकर ने वाकई में मेहनत की है, कैलाश खेर की आवाज में 'बूम बूम', कनिका कपूर और स्नेहा की आवाज में 'लाल टमाटर' अच्छे सुनने लायक बन पड़े हैं. गोपाल दत्त ने गीतों के लिए लाइनें भी अच्छी लिखी हैं. बाकी मूवी दिल्ली में शूट हुई है, दिल्ली के बैकग्राउंड पर है, सो दिल्ली वाला टच तो आपको पूरी मूवी में देखने को मिलेगा ही. 
 
मूवी की जान है नोकझोंक

ऋषि कपूर और परेश रावल की एक्टिंग पर सवाल उठाना बेमानी होगा, दोनों ही अपने बेहतरीन रंगों में हैं. हालांकि सुहैल नय्यर और छोटे बेटे के किरदारों से नोकझोंक मूवी की जान है, ईशा तलवार छोटे से रोल में भी असर छोड़ गई हैं. ऐसे में चूंकि 30 अप्रैल को ऋषि कपूर की बरसी है, सो ये मूवी देखना उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी. ये अलग बात है कि डायरेक्टर जैसी मूवी चाह रहे होंगे वैसी नहीं बन पाई होगी, लेकिन उनको ये भी नहीं पता था कि ये उनके सपनों से भी ज्यादा बड़ी और ऐतिहासिक होने जा रही है. 

 

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