Explainer: रॉकेट वापस लौटा तो टावर ने खुद लपक लिया, स्पेस मिशन में मस्क का कमाल, अब कितनी बदल जाएगी साइंस की दुनिया?
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Explainer: रॉकेट वापस लौटा तो टावर ने खुद लपक लिया, स्पेस मिशन में मस्क का कमाल, अब कितनी बदल जाएगी साइंस की दुनिया?

एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने रविवार को अपने स्टारशिप रॉकेट को अब तक की सबसे साहसिक परीक्षण उड़ान के तहत लॉन्च किया और यांत्रिक भुजाओं (आर्म) के सहयोग से लौट रहे बूस्टर को पैड पर वापस उतारा गया.

Explainer: रॉकेट वापस लौटा तो टावर ने खुद लपक लिया, स्पेस मिशन में मस्क का कमाल, अब कितनी बदल जाएगी साइंस की दुनिया?

एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) ने इतिहास रच दिया है और दुनिया के सबसे ताकतवर रॉकेट स्टारशिप (Rocket Starship) का 5वां टेस्ट सफल रहा है. 'स्पेसएक्स' ने अपने सुपर हेवी बूस्टर रॉकेट को अब तक की सबसे साहसिक परीक्षण उड़ान के तहत प्रक्षेपित किया. इसके बाद आसमान में भेजे गए सुपर हेवी बूस्टर को लॉन्चपैड पर वापस लाया गया, जिसे मैकेजिला ने लपक लिया. दरअसल, मैकेजिला दो मेटल आर्म हैं और चॉपस्टिक्स की तरह दिखते हैं. मैकेजिला ने बूस्टर को आसानी से पकड़ लिया.

96KM ऊपर जाकर लॉन्चपैड पर लौटा बूस्टर

लगभग 400 फुट (121 मीटर) लंबे स्टारशिप को सूर्योदय के समय मैक्सिको की सीमा के निकट टेक्सास के दक्षिणी सिरे से लॉन्च किया गया. टेस्ट में पृथ्वी से 96 किलोमीटर ऊपर भेजे गए सुपर हैवी बूस्टर को लॉन्चपैड पर वापस लाया गया.

पहले नष्ट हो गए थे चार स्टारशिप

इससे पहले स्पेसएक्स (SpaceX) ने चार बार इस टेस्ट को किया था, लेकिन वो असफल रहा था. पहले के सभी चार स्टारशिप मैक्सिको की खाड़ी के ऊपर से वक्र बनाते हुए गुजरे थे और फिर नष्ट हो गए थे. ये स्टारशिप या तो उड़ान भरने के तुरंत बाद नष्ट हो गए थे या समुद्र में गिरकर नष्ट हो गए थे.

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7 मिनट बाद वापस लौटा बूस्टर

स्पेसएक्स ने पहले चरण के बूस्टर को वापस उसी पैड पर उतारा जहां से उसने सात मिनट पहले उड़ान भरी थी. प्रक्षेपण टॉवर पर धातु की विशाल छड़ें लगी थीं, जिन्हें ‘चॉपस्टिक’ कहा जाता है. स्पेसएक्स ने कहा कि बूस्टर और प्रक्षेपण टॉवर दोनों को अच्छी और स्थिर स्थिति में होना चाहिए, नहीं तो इसका नतीजा पिछले लॉन्चिंग टेस्ट की तरह ही होता. इस लॉन्च के दौरान अंतरिक्ष में गए सुपर हेवी बूस्टर को प्रक्षेपण स्थल पर वापस लाकर टॉवर पर उतारा गया.

स्टारशिप में लगे हैं 33 रैप्टर इंजन

स्टारशिप में 6 रैप्टर इंजन लगे हैं, जबकि सुपर हेवी स्टारशिप में 3 रैप्टर इंजन लगे हैं. इसका थ्रस्ट पावर आम उड़ानों की अपेक्षा 700 गुना ज्यादा है. बूस्टर के बेस पर 33 इंजन लगभग 74 मेगान्यूटन का थ्रस्ट उत्पन करते हैं.

स्पेस साइंस के लिए ऐतिहासिक दिन

कैलिफोर्निया के हॉथोर्न स्थित स्पेसएक्स मुख्यालय से स्पेसएक्स (SpaceX) की केट टाइस ने कहा, 'यह इंजीनियरिंग इतिहास के क्षेत्र में एक बड़ा दिन है.' यह उड़ान निदेशक पर निर्भर था कि वह वास्तविक समय में यह निर्णय ले कि 'लैंडिंग' का प्रयास किया जाए या नहीं. कैलिफोर्निया के हॉथोर्न स्थित स्पेसएक्स मुख्यालय से स्पेसएक्स की केट टाइस ने कहा, 'मित्रों, यह इंजीनियरिंग के लिए ऐतिहासिक दिन है.'

साइंस की दुनिया में क्या बदला जाएगा?

एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) ने एक ऐसा स्पेसशिप तैयार किया है, जिसका इस्तेमाल बार-बार किया जा सकता है. इसका अर्थ है कि अंतरिक्ष में जाने के बाद अंतरिक्षयात्री आसानी से धरती पर दोबारा सकुशल लौट सकते हैं.

स्टारशिप सिस्टम पूरी तरह से है रीयूजेबल

एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) ने बनाया है और इसका निर्माण इस तरह से किया गया है कि इसका इस्तेमाल दोबारा किया जा सकता है. यानी यह पूरी तरह से रीयूजेबल है. इस व्हीकल की ऊंचाई 397 फीट है और 150 मीट्रिक टन भार ले जाने में सक्षम है. स्टारशिप सिस्टम इतना ताकतवर है कि एक बार में 100 लोगों को मंगल ग्रह पर ले जा सकेगा.
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी भाषा)

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