Hizb ut-Tahrir: इजरायल-ईरान संघर्ष के बीच भारत ने लेबनान के संगठन को क्‍यों किया बैन?
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Hizb ut-Tahrir: इजरायल-ईरान संघर्ष के बीच भारत ने लेबनान के संगठन को क्‍यों किया बैन?

मौजूदा समय में हिज्‍ब-उत-तहरीर (Hizb ut-Tahrir) संगठन का हेडक्‍वार्टर लेबनान के बेरूत में है. Hizb ut-Tahrir का अंग्रेजी में आशय पॉटी ऑफ लिबरेशन है.

Hizb ut-Tahrir: इजरायल-ईरान संघर्ष के बीच भारत ने लेबनान के संगठन को क्‍यों किया बैन?

सरकार ने हिज्‍ब-उत-तहरीर (Hizb ut-Tahrir) को आतंकवादी संगठन घोषित करते हुए इस पर बैन लगा दिया है. Hizb ut-Tahrir का अंग्रेजी में आशय पॉटी ऑफ लिबरेशन है. एक बार फिर मुस्लिमों को एकजुट करके इस्‍लामिक खलीफा साम्राज्‍य की स्‍थापना और पूरी दुनिया में शरिया कानून इस संगठन का लक्ष्‍य है. मौजूदा समय में इस संगठन का हेडक्‍वार्टर लेबनान के बेरूत में है. खासबात ये है कि सरकार ने इस संगठन पर बैन ऐसे वक्‍त लगाया है जब इजरायल-ईरान के बीच तनातनी चरम पर है और लेबनान में शिया लड़ाकों हिजबुल्‍लाह पर इजरायल के हमले लगातार जारी हैं. 

हिज्‍ब-उत-तहरीर (Hizb ut-Tahrir)
1953 में इस पूर्वी यरुशलम में इस राजनीतिक संगठन की स्‍थापना की गई थी. उस वक्‍त पूर्वी यरुशलम पर जॉर्डन का नियंत्रण था. फलस्‍तीन के इस्‍लामिक स्‍कॉलर ताकी अल-दीन अल-नभानी ने इसकी स्‍थापना की थी. वो काजी था और उसने ही खिलाफत साम्राज्‍य के लिए संविधान तैयार किया था. इस वक्‍त इस संगठन का लीडर अता अबू राश्‍ता है. ये भी फलस्‍तीनी मूल का इस्‍लामिक विद्वान है. खाड़ी युद्ध के दौर में जब इराक ने कुवैत पर हमला किया तो उस वक्‍त अता अबू सुर्खियों में आया था. उस वक्‍त ये जॉर्डन में सक्रिय था. 

एचयूटी का इतिहास इजराइल और यहूदियों के खिलाफ हमलों की प्रशंसा करना और उनका जश्न मनाने का रहा है. यह ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया सहित कम से कम 30 से अधिक देशों में काम करता है. कई देशों ने एचयूटी को उसकी विध्वंसक गतिविधियों के लिए प्रतिबंधित कर दिया है. जिन देशों ने पहले ही इस समूह पर प्रतिबंध लगा दिया है, उनमें जर्मनी, मिस्र, ब्रिटेन और कई मध्य एशियाई और अरब देश शामिल हैं. 

भारत ने क्‍यों लगाया बैन  
मंगलवार को एनआईए ने हिज्ब-उत-तहरीर मामले में तमिलनाडु से एक प्रमुख आरोपी को गिरफ्तार किया था, जो भारत विरोधी संगठन की विचारधारा को बढ़ावा देकर असंतोष और अलगाववाद फैलाने से संबंधित है. इस मामले में अब तक एनआईए ने कुल सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है. एनआईए ने आरोप लगाया था कि गिरफ्तार आरोपी अलगाववाद का प्रचार करने और कश्मीर को आजाद कराने के लिए पाकिस्तान से सैन्य सहायता मांगने में सक्रिय रूप से लगे हुए थे. एनआईए ने आरोप लगाया, ‘‘साजिश का गुप्त उद्देश्य हिंसक जिहाद छेड़कर भारत सरकार को उखाड़ फेंककर खिलाफत स्थापित करना था.’’

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार को जारी एक अधिसूचना में कहा कि एचयूटी युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और उन्हें आईएसआईएस जैसे आतंकवादी संगठनों में शामिल होने के लिए प्रेरित करने तथा आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन जुटाने में संलिप्त है. इसलिए सरकार ने इस्लामी समूह हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) को प्रतिबंधित संगठन घोषित करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य जिहाद और आतंकवादी गतिविधियों के माध्यम से वैश्विक स्तर पर इस्लामी देश और खिलाफत स्थापित करना है.

एचयूटी विभिन्न सोशल मीडिया मंच, सुरक्षित ऐप का उपयोग करके और ‘दावाह’ (निमंत्रण) बैठक करके युवाओं को आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करके आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है.

गृह मंत्रालय ने कहा कि एचयूटी एक ऐसा संगठन है जिसका उद्देश्य देश के नागरिकों को (समूह में) शामिल करके जिहाद और आतंकवादी गतिविधियों के माध्यम से लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकारों को उखाड़ भारत सहित दुनिया भर में इस्लामी राष्ट्र और खिलाफत स्थापित करना है. यह देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है.

इस समूह को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत प्रतिबंधित संगठन घोषित करते हुए अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘केंद्र सरकार का मानना ​​है कि हिज्ब-उत-तहरीर आतंकवाद में शामिल है और भारत में आतंकवाद के विभिन्न कृत्यों में लिप्त हुआ है.’’ प्रतिबंध एचयूटी और उसके सभी स्वरूपों तथा मुखौटा संगठनों पर प्रभावी होगा. 

 

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