Keshav Prasad Maurya Latest Updates: क्या अब तक संकेतों में सीएम योगी पर निशाना साध रहे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य खुलकर सामने आ गए हैं. सोमवार को उन्होंने 2 ऐसे काम कर दिए, जिससे उनके इरादे अब जाहिर हो रहे हैं.
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Keshav Prasad Maurya vs CM Yogi Update: क्या यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने योगी आदित्यनाथ को सीएम मानने से इनकार कर दिया है. क्या केशव अब योगी बाबा को गद्दी से हटाने के लिए आर-पार के मूड में आ गए हैं. यह सवाल इसलिए उठ रहा है कि अब तक इशारों- इशारों में सीएम योगी के खिलाफ अभियान चला रहे केशव प्रसाद मौर्य ने सोमवार को 2 ऐसे बड़े काम कर डाले, जिससे उनकी बगावत का अंदाजा नजर आता है. माना जा रहा है कि इस खुल्लमखुल्ला ऐलान ए जंग के बाद यूपी बीजेपी में आने वाले दिनों बड़ी उठा-पटक देखने को मिल सकती है.
प्रदेश के आला पुलिस अफसरों को किया तलब
केशव प्रसाद मौर्य ने आज यानी सोमवार को विधान परिषद भवन में यूपी के डीजीपी, एडीजी अमिताभ यश समेत तमाम आला अधिकारियों को तलब कर उनके साथ कानून-व्यवस्था पर लंबी बैठक की. इस बैठक में उन्होंने डीजीपी को जनता की समस्याओं को थानों पर प्राथमिकता से समाधान करवाने का निर्देश दिया. इसके साथ ही 'बढ़ते हुए भ्रष्टाचार' को रोकने और 'साइबर क्राइम से संबंधित बढ़ती हुई घटनाओं' को व्यापक तौर पर रोकने को कहा. प्रदेश के आला पुलिस अधिकारियों ने भी डिप्टी सीएम के आदेश गंभीरता से नोट किए.
क्या संदेश दे रहे हैं केशव प्रसाद मौर्य?
सवाल ये है कि पुलिस महकमा गृह विभाग के अंतर्गत आता है, जिसे सीएम योगी ने अपने पास रखा हुआ है. जबकि केशव प्रसाद मौर्य के पास लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), खाद्य प्रसंस्करण, मनोरंजन कर और सार्वजनिक उद्यम विभाग के विभाग हैं. जिसमें वे सक्रियता से काम करते हुए अक्सर कम ही दिखे हैं. ऐसे में अपने विभाग छोड़कर केशव मौर्य ने पुलिस अफसरों की बैठक करके क्या संदेश देने की कोशिश की है. क्या उन्होंने योगी आदित्यनाथ को सीएम मानने से इनकार कर दिया है. क्या वे प्रदेश के आला अफसरों को तलब कर यह मैसेज देना चाहते हैं कि सत्ता अब शिफ्ट हो रही है, लिहाजा अपने आपको भी उसी के हिसाब से ढाल लो.
दूसरा सवाल ये है कि 2017 से लेकर अबतक जब यूपी में बीजेपी की ही सरकार है, तो ये भ्रष्टाचार बढ़ने की बात कहना क्या अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा करना नहीं है? वह भी तब जबकि पुलिस-प्रशासन यानी गृह विभाग सीएम योगी आदित्यनाथ के पास है.
CM योगी को छोड़कर सबको किया टैग
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य यहीं तक नहीं रुके. उन्होंने पुलिस अफसरों के साथ अपनी मीटिंग के फोटो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर डालते हुए पीएम मोदी, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी के राष्ट्रीय ट्विटर हैंडल और यूपी बीजेपी के ट्विटर हैंडल को टैग किया. लेकिन उन्होंने सीएम योगी या यूपी सीएम कार्यालय को टैग करना गवारा नहीं किया.
आज विधान परिषद में उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक श्री प्रशांत कुमार जी तथा वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ मानसून सत्र के दौरान कानून व व्यवस्था के संबंध में बैठक की और जनता की समस्याओं को थानों पर प्राथमिकता से समाधान, बढ़ते हुए भ्रष्टाचार को रोकने तथा साइबर क्राइम से संबंधित… pic.twitter.com/65n15vwoZN
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) July 29, 2024
क्या योगी को सीएम मानने से कर रहे इनकार?
केशव प्रसाद मौर्य के इस एक्शन पर सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ कमेंट्स की बाढ़ आ गई है. एक यूजर ने मौर्य को आइना दिखाते हुए लिखा, ट्वीट में पार्टी, पार्टी अध्यक्ष, प्रदेश यूनिट, PM और केंद्रीय गृह मंत्री को टैग किया गया है, लेकिन राज्य का जो मुखिया है उसे ही टैग नहीं किया गया है. इसका सीधा अर्थ है कि दिल्ली से लौटने के बाद भी केशव प्रसाद मौर्य गुटबाजी में ही लगे हुए हैं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सरकार का मुखिया मानने से इनकार कर रहे हैं.
सोशल मीडिया पर लोगों ने दिखाया आइना
एक अन्य यूजर ने डिप्टी सीएम पर तंज कसते हुए लिखा, क्या भाजपा का शीर्ष नेतृत्व ये सब नहीं देख पा रहा? पुलिस विभाग में हस्तक्षेप करने से कुछ हासिल नहीं होगा. ऐसी खींचतान से प्रदेश में बाबा का प्रभाव कम नहीं होगा, बल्कि बढ़ेगा. पहले अपनी सीट जीतकर दिखाइए, क्योंकि यह आपके आत्मविश्वास और क्षमता को साबित करेगा. इसके बाद ही इस तरह के प्रयासों का महत्व होगा.
क्या सुनियोजित तरीके से बढ़ रहे मौर्य?
बताते चलें कि यूपी लोकसभा चुनाव में उम्मीदों के मुताबिक सीटें न जीत पाने के बाद से यूपी में यह बवाल शुरू हुआ है. पिछले 7 साल से यूपी में डिप्टी सीएम बने हुए केशव प्रसाद मौर्य इन चुनावी नतीजों के बाद अचानक एक्टिव हो गए. उन्होंने पहले सीएम योगी के नेतृत्व में होने वाली कैबिनेट की बैठकों से दूरी बनानी शुरू की. इसके बाद दिल्ली में उनका आना- जाना ज्यादा बढ़ गया. फिर कार्यकर्ता सम्मेलनों में योगी सरकार पर इशारे में हमला करते हुए उन्होंने कहना शुरू किया कि सरकार संगठन से बड़ा है.
उठापटक से कहीं ढह न जाए यूपी
राजनीतिक पंडितों का कहना है कि केशव प्रसाद मौर्य केवल एक मोहरा हैं. वे अपने बल पर लोकप्रियता में चरम पर चल रहे योगी आदित्यनाथ से टकराने का माद्दा नहीं रखते. उन्हें इस बगावत की असल ताकत दिल्ली से मिल रही है, जो यूपी लोकसभा चुनाव में हार और यूपी में सीएम योगी की बढ़ती ताकत से असहज महसूस कर रही है. अब बगावत का यह दौर कितना आगे बढ़ेगा और इसका अंजाम क्या होगा, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा. लेकिन इतना तय है कि योगी को सीएम पद से हटाना इतना आसान नहीं होगा. ऐसा करने से यूपी में बीजेपी का जमा जमाया बेस खत्म भी हो सकता है.