Fire: 20 मासूमों की जान का जिम्मेदार कौन? गर्मियों में क्यों बढ़ जाती हैं आग की घटनाएं, कैसे करें बचाव?
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Fire: 20 मासूमों की जान का जिम्मेदार कौन? गर्मियों में क्यों बढ़ जाती हैं आग की घटनाएं, कैसे करें बचाव?

भारत में फायर एक्सीडेंट के केस काफी ज्यादा बढ़ रहे हैं, आखिर इसकी वजह क्या है और इसको किस तरह रोका जा सकता है.

Fire: 20 मासूमों की जान का जिम्मेदार कौन? गर्मियों में क्यों बढ़ जाती हैं आग की घटनाएं, कैसे करें बचाव?

Reasons For Fire Accidents In Summer: आग के बिना इंसान का गुजारा मुश्किल है, लेकिन कई बार ये मौत की भी वजह बन जाती है. चूंकि उत्तर भारत में तापमान तेजी से बढ़ रहा है, तो ऐसे में फायर एक्सीडेंट के मामलों में भी काफी इजाफा देखने को मिलता है. गुजरात के राजकोट और दिल्ली में 20 बच्चों समेत 35 से ज्यादा लोग की जान आग में झुलसने से चली गई. आखिर इन खौफनाक हादसे का जिम्मेदार कौन है? और इनसे कैसे बचा जा सकता है?

गर्मियों में आग लगने की वजह

आप सोच रहे होंगे कि समर सीजन आते ही आगजनी की खबर ज्यादा क्यों सुनने को मिलती है? ऐसे हादसे बरसात और सर्दियों के मौसम में कम क्यों होते हैं? आइए इसके बड़े कारणों पर गौर करते हैं

1. हाई टेम्प्रेचर

गर्मी के मौसम में  कई बार तापमान 45 डिग्री के पास चला जाता है, इसकी वजह से लकड़ी, कपड़े और पुआल से बनी छत सूख जाती है और इसमें किसी तरह की नमी का नामोनिशान नहीं रहता है. एक छोटी सी भी गलती या चिंगारी खतरनाक आग का रूप ले सकती है. 

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2. शॉर्ट सर्किट

गर्मी के मौसम में इलेक्ट्रिसिटी का लोड काफी ज्यादा होता है, क्योंकि एसी, कूलर और पंखे लगातार ऑन रहते हैं. हद से ज्यादा पॉवर कंजम्पशन की वजह से बिजली के तार गर्म हो जाते हैं और फिर आग लगने की घटनाएं सामने आती हैं.
 

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3. चिमनी 

आजकल महानगरों, छोटे शहरों से लेकर गांव तक में चिमनी का इस्तेमाल काफी ज्यादा हो रहा है. इसमें किसी तरह की ब्लॉकेज आ जाए तो ये आग और धुएं को रोक पाने में नाकाम हो जाती है और फिर हादसे की वजह बनती है.

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कैसे रोके जा सकते हैं ऐसे हादसे?

आग लगने की ज्यादातर घटनाएं इंसानी गलतियों के कारण होती हैं, हमें खासतौर से गर्मियों के मौसम में थोड़ा सतर्क रहना चाहिए, ताकि ऐसे हादसों को रोका जा सके. हम आज आपको फायर एक्सिडेंट को टालने के उपाय बता रहे हैं.

1. पॉवर लोड घटाएं

आप अपने घरों में निजी तौर पर पॉवर लोड को कम कर सकते हैं. इसके लिए आप एसी उतने ही टेम्प्रेचर पर चलाओं और उतनी ही देर चलाएं जितनी जरूरत है. अगर घर में ज्यादा लोग हैं तो अलग-अलग एसी वाले रूम में सोने के बजाए एक ही कमरे में आराम करें. बेवजह कोई भी इलेक्ट्रिक चीजें ऑन करके न रखें. इसके अलावा आप बिजली कंपनी से अपनी मीटर का लोड बढ़वा सकते हैं.
 

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2. अच्छी क्वालिटी के तार लगाएं

आमतौर पर कई घरों में पैसे बचाने के लिए बिल्डर्स सस्ते इलेक्ट्रिक वॉयर लगा देते हैं जो ज्यादा पॉवर लोड नहीं ले सकता और शॉर्ट सर्किट से आग लगने का कारण बन जाता है. इसे अच्छी क्वालिटी के कॉपर वॉयर से रिप्लेस करें. जिससे ऐसी अप्रिय घटनाएं न हों.
 

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3. चिमनी साफ कराएं

चिमनी से आग लगने की घटनाओं को तभी रोका जा सकता है जब आप इसे नियमित तौर से साफ कराएं ताकि किसी भी तरह की ब्लॉकेज को हटाया जा सके. आप खुद भी सफाई कर सकते हैं और किसी प्रोफेक्शल की भी मदद ले सकते हैं.

 

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4. घर में रखें फायर एक्सटिंग्विशर

अगर घर में आग लग जाए तो फायर एक्सटिंग्विशर की मदद से इसको फैलने से रोका जा सकता है. चूंकि शॉर्ट सर्किट से लगी आग को पानी से नहीं बुझाया जा सकता, ऐसे में ये चीज आपकी जान को बचाने में काफी ज्यादा मदद कर सकती है.
 

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5. स्मोक डिटेक्टर लगाएं

स्मोक डिटेक्टर मदद से आग के धुएं को आसानी से डिटेक्ट किया जा सकता है, क्योंकि ऐसे में ये डिवाइस अलार्म बजा देता है जिससे सभी लोग अलर्ट हो जाते हैं और फिर आग को रोकने के जल्द उपाय किए जा सकते हैं.
 

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6. दमकल विभाग को फोन करें

इन तमाम कोशिशों के बाद भी अगर आग फैल जाए तो बिना किसी देरी के दमकल विभाग को बुलाएं. इसके लिए आप 101 नंबर पर फोन कर सकते हैं.

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