चुनाव आयोग की परिसीमन अनुशंसा के बाद फतेहपुरी सीकरी को वर्ष 2008 में नई लोकसभा सीट घोषित किया गया. इसके बाद वर्ष 2009 में इस सीट पर पहली बार लोकसभा चुनाव हुए, जिसमें बसपा ने दूसरी पार्टियों को हराते हुए कब्जा जमाया. बसपा के पावरफुल लीडर रहे रामवीर उपाध्याय ने अपनी पत्नी सीमा उपाध्याय को इस सीट पर चुनाव लड़वाया था, जो 30 प्रतिशत वोट पाकर जीत हासिल करने में कामयाब रही थी. जबकि एक्टर और कांग्रेस उम्मीदवार राजबब्बर दूसरे नंबर पर रहे थे. वहीं बीजेपी को तीसरे नंबर से संतोष करना पड़ा. फतेहपुरी सीकरी लोकसभा क्षेत्र में कुल 5 असेंबली सीटें आती हैं, जिनके नाम खेरागढ़, फतेहपुर सीकरी, फतेहाबाद, आगरा ग्रामीण और बाह हैं. इन सभी पांचों सीटों पर इस वक्त बीजेपी का कब्जा है. अगर फतेहपुर सीकरी के जातीय समीकरणों की बात की जाए तो वहां पर सबसे ज्यादा तादाद करीब 3.10 लाख राजपूतों की बताई जाती है. इसके बाद करीब ढाई लाख ब्राह्मण, 2 लाख जाट, 2 लाघ लोध, 2 लाख निषाद, डेढ़ लाख जाटव और इतने ही कुशवाहा मतदाता बताए जाते हैं. इस सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या करीब 80 हजार के करीब है.
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