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नई दिल्ली : Health benefits of Khichdi: गरमा गरम खिचड़ी, जो चावल और दाल के मिश्रण से बनाई जाती है, को आमतौर पर बीमार होने पर खाई जाती है. ऐसा इसीलिए क्योंकि ये पचने में आसान होती है. क्या आप जानते हैं खिचड़ी कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, विटामिन और कई अन्य एंटीऑक्सिडेंट का पावरहाउस है. खिचड़ी को एक पौष्टिक आहार माना जाता है. आज हम आपको बताएंगे हल्दी और नमक के साथ मसालेदार, और घी के साथ मूंग दाल की खिचड़ी खाने के आपको क्या-क्या फायदे हो सकते हैं.
खिचड़ी को इंडियन चिकन सूप माना जाता है. यह चावल और मूंग की दाल को मिलाकर हल्की मसालेदार, दही और पापड़ के साथ खाई जा सकती है.
खिचड़ी पेट और आंतों को शांत करती है. मसालों वाली डाइट से सामान्य डाइट में आने के दौरान खिचड़ी खाना बहुत आसान होता है. यह शिशुओं और बुजुर्गों के लिए भी एक स्वस्थ विकल्प है, क्योंकि यह नरम और पौष्टिक दोनों है.
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खिचड़ी आयुर्वेदिक आहार का मुख्य भोजन है. इसमें वात, पित्त और कफ को संतुलित करने की क्षमता होती है. शरीर को शांत करने और इसे डिटॉक्सीफाई करने के अलावा, खिचड़ी के अवयवों में ऊर्जा, प्रतिरक्षा और पाचन में सुधार के लिए आवश्यक बुनियादी तत्वों का सही संतुलन भी होता है.
जो लोग अपनी पसंद या आवश्यकता के अनुसार ग्लूटेन से परहेज कर रहे हैं वे सुरक्षित रूप से खिचड़ी खा सकते हैं, क्योंकि चावल में ग्लूटेन नहीं होता है.
खिचड़ी में कैलोरी और वसा कम होने के कारण वजन घटाने में यह आपकी मदद कर सकता है. यह शरीर द्वारा आसानी से पच जाता है और इसको खाने के बाद लंबे समय तक भूख नहीं लगती. इसके अलावा खिचड़ी शरीर से विषैले पदार्थों को भी बाहर निकालने में मदद कर सकती है.
खिचड़ी डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद कर सकती है. रिसर्च भी दावा कर चुके हैं कि यदि आप डायबिटीज या अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं तो खिचड़ी को डाइट में शामिल करना फायदेमंद हो सकता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)