19 महीने के अर्जुन को चाहिए 17 करोड़ का इंजेक्‍शन, इस दुर्लभ बीमारी के हैं शिकार
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19 महीने के अर्जुन को चाहिए 17 करोड़ का इंजेक्‍शन, इस दुर्लभ बीमारी के हैं शिकार

राजस्थान के रहने वाले पंकज जांगिड़ का 19 महीने का पुत्र अर्जुन स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA) टाइप-1 नाम की एक दुलर्भ बीमारी से पीड़ित है. इसके लिए मासूम को अब 17.50 करोड़ के इंजेक्शन की जरूरत है.

19 महीने के अर्जुन को चाहिए 17 करोड़ का इंजेक्‍शन, इस दुर्लभ बीमारी के हैं शिकार

राजस्थान के नीमकाथाना में स्यालोदडा के रहने वाले पंकज जांगिड़ का 19 महीने का पुत्र अर्जुन स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SNA) टाइप-1 नाम की एक दुलर्भ बीमारी से पीड़ित है. इसके लिए मासूम को अब 17.50 करोड़ के Zolgensma इंजेक्शन की जरूरत है. अगर बच्चे को यह इंजेक्शन मिला तो उसकी मौत हो जाएगी.

मासूम के इलाज के लिए परिवार के लोग जी तोड़ कोशिशें कर रहे हैं, लेकिन Zolgensma इंजेक्शन के लिए उनके पास इतना पैसा नहीं है. इस बात को लेकर परिवार के लोगों की भी नींद उड़ी हुई है. वो लोग चाहकर भी वे अपने इकलौते बच्चे की जिंदगी बचाने के लिए कुछ कर नहीं पा रहे. बेटे की जिंदगी की डोर टूटने से बचाने के लिए उनके पास एक ही उम्मीद है वो है लोगों की मदद. 

2 साल से पहले मिले बच्चे को इंजेक्शन
मासूम अर्जुन के दादा रामजीलाल ने बताया कि उनका पोता अर्जुन एसएमए टाइप-1 बीमारी से ग्रसित है. उन्होंने बताया कि उनका पोता 19 महीने का है. 2 साल से पहले बच्चे को साढ़े 17 करोड रुपये का इंजेक्शन मिलेगा, तभी जाकर बच्चा पूरी तरह से सही होगा. मासूम के दादा और पिता सामाजिक संगठनों सहित लोगों से सहयोग की अपील कर रहे हैं. इसके लिए सोशल मीडिया पर हेल्प के लिए एक कैंपेन चला रखा है, जिसके जरिए अभी तक 8 दिन में 12 लाख रुपए ही इकट्ठा हो पाए हैं. बता दें कि मासूम के पिता पंकज जांगिड़ सिटीस्केन मशीने ठीक करने वाली एक प्राइवेट कंपनी में टेक्निशियन का काम करते हैं.

कैसी बीमारी है एसएमए टाइप-1?
स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) एक जेनेटिक डिसऑर्डर है, जो शरीर की मांसपेशियों को नियंत्रित करने वाली नर्वस सेल्स (मोटर न्यूरॉन्स) को नुकसान पहुंचाता है. एसएमए के चार मुख्य प्रकार हैं और एसएमए टाइप-1 सबसे गंभीर प्रकार है. एसएमए टाइप-1 के साथ बच्चे आमतौर पर दो साल की उम्र से पहले चलने में सक्षम नहीं होते हैं. वे व्हीलचेयर पर निर्भर हो जाते हैं और उनके पास सांस लेने में मदद के लिए आर्टिफिशियल वेंटिलेशन की आवश्यकता हो सकती है. एसएमए टाइप-1 वाले अधिकांश बच्चे 2 साल की उम्र से पहले मर जाते हैं.

एसएमए टाइप-1 के लक्षण
एसएमए टाइप-1 के लक्षण आमतौर पर जन्म के पहले या बाद में जल्दी दिखाई दे जाते हैं. इनमें शामिल हैं-
- कमजोर मांसपेशियां
- कंपकंपी
- निगलने में कठिनाई
- सांस लेने में कठिनाई

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