मीडिया रिपोर्ट की मानें तो रश्मि देसाई (Rashmi Desai) को सोरायसिस नामक एक बीमारी थी, जिसका इलाज लगभग 4 साल चला...
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गर्दिश में सितारे/भूपेंद्र राय: Psoriasis symptoms and treatment: Bigg Boss 13 की कंटेस्टेंट्स रश्मि देसाई टीवी सीरियल्स का एक जाना-पहचाना चेहरा हैं. 'उतरन', 'दिल से दिल तक' और 'बेलन वाली बहू' जैसे सीरियल्स में काम कर चुकीं रश्मि देसाई की एक्टिंग को लोगों ने काफी सराहा और पसंद भी किया है. क्या आप जातने हैं कि सीरियल 'उतरन' से लोगों के दिलों में मजबूत जगह बनाने वाली टीवी एक्ट्रेस रश्मि देसाई एक बड़ी बीमारी से जूझ चुकी हैं. यही वजह है कि वह कुछ समय पहले अचानक से स्क्रीन से गायब हो गई थीं और महीनों तक घर में ही कैद रहीं, क्योंकि उन्हें धूम में निकलने से मना किया गया था.
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो रश्मि देसाई (Rashmi Desai) को सोरायसिस नामक एक बीमारी थी, जिसका इलाज लगभग 4 साल चला. अपनी बीमारी को लेकर रश्मि देसाई ने एक इंटरव्यू में बताया था कि इस बीमारी के कारण उन्होंने घर से बाहर निकलना बंद कर दिया था, हालांकि अब वो पूरी तरह ठीक हो गई हैं. जिस बीमारी का रश्मि देसाई सामना कर चुकी हैं उसका नाम है सोरायसिस. यह एक ऐसी बीमारी है, जो किसी को भी हो सकती. अगर समय रहते इसका इलाज नहीं किया गया तो परेशानी और बढ़ सकती है.
क्या है सोरायसिस
National Institutes of Health के अनुसार, सोरायसिस एक तरह का चर्म रोग है, जो ओवरएक्टिव इम्यून सिस्टम के कारण होता है. इसमें स्किन सेल ग्रोथ बढ़ जाती है. आमतौर पर शरीर में सेल्स बनते और खत्म होते रहते हैं, लेकिन सोरायसिस में डेड सेल्स त्वचा से अलग होने की जगह उसकी सतह पर इकट्ठा होने लगते हैं. ये शरीर पर लाल धब्बे बना देता है, जिसमें खुजली, जलन और चुभन होती है. स्किन एक्सपर्ट्स कहते हैं कि सोरायसिस एक क्रॉनिक यानी ऐसी बीमारी है, जो खत्म नहीं होती है. दवाइयों और लाइफस्टाइल में बदलाव के जरिए प्रभावित व्यक्ति को इसमें राहत मिल सकती है.
सोरायसिस के सामान्य लक्षण
क्यों होती है सोरायसिस की समस्या
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वैज्ञानिकों को अभी भी इसकी असल वजह के बारे में पता नहीं है, लेकिन जो पता है, उसके मुताबिक़ इम्यून सिस्टम और आनुवांशिक कारणों के चलते ये बीमारी किसी को भी हो सकती है.
कैसे पता चलेगा कि सोरायसिस हो गया है?
ज्यादातर लोग शरीर में खुजली और चकत्ते देखकर उन्हें अनदेखा कर देते हैं. सोचते हैं कोई इंफ़ेक्शन हो गया है. अगर आप भी ऐसी गलती कर रहे हैं तो सावधान हो जाएं. क्योंकि सोरायसिस के लिए कोई अलग से ब्लड टेस्ट नहीं होता है, लेकिन अगर आपको ये संकेत मिलें तो जल्द से जल्द किसी विशेषज्ञ को संपर्क कर सकते हैं. कई बार विशेषज्ञ उस हिस्से का स्किन सैंपल ले लेते हैं और माइक्रोस्कोप से जांच करते हैं.
बीबीसी में छपी खबर के अनुसार, सोरायसिस पांच तरह के होते हैं
सोरायसिस का इलाज
हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि सोरायसिस के लक्षण जितनी जल्दी समझ लिए जाएं, उतना ज्यादा बेहतर होता है. आमतौर पर इसके लक्षणों की शुरुआत 15 से लेकर 25 साल की उम्र के बीच होती है. समय पर इलाज शुरू होने पर इसे बढ़ने से रोकने व काबू में करने में मदद मिलती है. सोरायसिस कितना बढ़ा हुआ है, डॉक्टर उसके अनुसार ट्रीटमेंट और दवाइयां तय करते हैं. ये बीमारी किसी प्रभावित व्यक्ति को छूने से नहीं फैलती है.
सोरायसिस होने पर करें ये काम
पहला काम
हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि सोरायसिस के प्रबंधन में डाइट एक अहम भूमिका निभा सकती है. आप अपनी डाइट से लाल मांस, सेचुरेटेड फैट्स, रिफाइन्ड शुगर, कार्बोहाइड्रेट और एल्कोहल हटा दें, क्योंकि इससे परेशानी बढ़ सकती है. इनकी जगह आप सीड्स, नट्स और ओमेगा-3 फैटी एसिड डाइट में शामिल करें.
दूसरा काम
सोरायसिस के मरीजों को अपनी स्किन को ड्राई होने से बचाना चाहिए. इसके लिए मॉइश्चराइज का इस्तेमाल एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है, यह स्किन की नमी को बरकरार रखती है.
तीसरा काम
अधिकांश साबुन और डियोड्रेंट में केमिकल मौजूद होता है, जो आपकी सोरायसिस की समस्या को बढ़ा सकता है. इसलिए किसी भी सुगंध वाले प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से बचें.
सोरायसिस से बचने के उपाय
यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.