Bigg Boss OTT 3 कंटेस्टेंट सना मकबूल को है लिवर की ये जानलेवा बीमारी, कहा- शुक्र है पहले स्टेज पर ही चल गया पता
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Bigg Boss OTT 3 कंटेस्टेंट सना मकबूल को है लिवर की ये जानलेवा बीमारी, कहा- शुक्र है पहले स्टेज पर ही चल गया पता

Non- Alcoholic Hepatitis Symptoms: लिवर में सूजन एक सीरियस हेल्थ प्रॉब्लम है. सही समय पर इलाज शुरू न होने से मौत का भी खतरा होता है. बिग बॉस ओटीटी 3 की कंटेस्टेंट सना मकबूल इस बीमारी से ग्रसित हैं.

Bigg Boss OTT 3 कंटेस्टेंट सना मकबूल को है लिवर की ये जानलेवा बीमारी, कहा- शुक्र है पहले स्टेज पर ही चल गया पता

बिग बॉस ओटीटी 3 कंटेस्टेंट सना मकबूल ने हाल ही में अपने हेल्थ को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. उन्होंने बताया है कि वह लिवर की एक गंभीर बीमारी नॉन-एल्कोहॉलिक स्टीटोहेपेटाइटिस से जूझ रही हैं. उन्होंने कहा कि वह खुशकिस्मत हैं कि उन्हें शुरुआती स्टेज में ही इस बीमारी का पता लग गया. 

मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल, गुरुग्राम के इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर ट्रांसप्लांट एंड एचपीबी सर्जरी के निदेशक और विभागाध्यक्ष डॉ. पुनीत सिंघला बताते हैं कि नॉन-एल्कोहॉलिक स्टीटोहेपेटाइटिस (NASH)एक ऐसी स्थिति है जिसका मतलब है लिवर में सूजन जो अधिक शराब के सेवन से नहीं होती है. यह एक गंभीर स्थिति है जिसका समय पर उपचार होना बहुत जरूरी होता है. और यह तभी संभव है जब इसके लक्षण शुरुआती स्टेज में ही पता लग जाएं. 

नॉन-एल्कोहॉलिक स्टीटोहेपेटाइटिस के लक्षण

थकान
पेट दर्द
पीलिया (आंखों और त्वचा का पीला पड़ना) 
बढ़ा हुआ लिवर 

कैसे होती है ये बीमारी

मोटापा, इंसुलिन रेजिस्टेंस, मेटाबोलिक सिंड्रोम और लिवर में फैट जमा वसा जमा होना (स्टीटोसिस) आमतौर पर गैर-मादक स्टीटोहेपेटाइटिस से जुड़े होते हैं. इससे नॉन-अल्कोहलिक स्टीटोहेपेटाइटिस (NASH) हो सकता है, जो लिवर की कोशिकाओं में सूजन और क्षति का कारण बनता है.

नॉन-अल्कोहलिक स्टीटोहेपेटाइटिस का इलाज

नॉन-अल्कोहलिक स्टीटोहेपेटाइटिस के उपचार का मुख्य लक्ष्य अंतर्निहित बीमारियों का प्रबंधन और जीवनशैली में बदलाव करना है. जीवनशैली में बदलाव में चीनी और संतृप्त वसा का सेवन कम करना, वजन घटाने के लिए व्यायाम करना और मधुमेह और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी संबंधित स्वास्थ्य स्थितियों का इलाज शामिल हो सकता है. सूजन और लिवर में वसा को कम करने के लिए स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम आवश्यक हैं. अधिक गंभीर स्थितियों में सूजन को नियंत्रित करने और लिवर को अधिक नुकसान से रोकने के लिए दवा की सिफारिश की जा सकती है.

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बचाव के उपाय

संतुलित आहार, कम प्रसंस्कृत भोजन और मिठाई का सेवन, नियमित व्यायाम और स्वस्थ वजन बनाए रखना बचाव के उपाय हैं. एनएएफएलडी को एनएएसएच में विकसित होने से रोकने के लिए मधुमेह और मेटाबोलिक सिंड्रोम जैसी बीमारियों को नियंत्रित करना भी महत्वपूर्ण है.

जरूरी बात 

गैर-मादक फैटी लिवर रोग (एनएएफएलडी) से हेपेटाइटिस बी से होने वाले हेपेटाइटिस में अंतर करना महत्वपूर्ण है. एनएएफएलडी में साधारण स्टीटोसिस से लेकर नॉन-एल्कोहॉलिक स्टीटोहेपेटाइटिस तक सब शामिल हैं, जबकि हेपेटाइटिस बी एक वायरल संक्रमण है जिसे वायरल लोड को कम करने और लिवर को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए विशेष एंटीवायरल दवाओं से प्रबंधित करने की आवश्यकता होती है.

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