नोएडा-दिल्ली बॉर्डर (Noida- Delhi Border) पर होने वाली रैंडम कोरोना टेस्टिंग को लेकर लोगों के मन में क्या सवाल आ रहे हैं होंगे पहले आपको वो बताते हैं. जानकारी के मुताबिक, कोरोना वायरस (Coronavirus) के क्रॉस बॉर्डर संक्रमण को देखते हुए नोएडा से सटे सभी बॉर्डर पर रैंडम टेस्टिंग (Random Testing) की जाएगी.
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नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. कोरोना ने धीरे-धीरे दिल्ली को फिर से अपनी गिरफ्त में लेना शुरू कर दिया है, जिसके चलते नोएडा (Noida) में भी प्रशासन ने अपने स्तर पर तैयारियां शुरू की हैं. इसके लिए नोएडा प्रशासन के द्वारा नोएडा-दिल्ली बॉर्डर पर रैंडम टेस्टिंग (Random Testing) की जा रही है. हालांकि इस दौरान डीएनडी (DND) पर जाम भी लग गया है.
दरअसल, दिल्ली (Delhi) और नोएडा (Noida) के बीच हर दिन हजारों की संख्या में लोगों का आना-जाना होता है. जिस वजह से नोएडा प्रशासन ने भी कुछ ऐहतियाती कदम उठाने का फैसला लिया है. जानकारी के मुताबिक, जिले में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण को रोकने के लिए अब क्रॉस बॉर्डर संक्रमण को देखते हुए नोएडा से सटे सभी बॉर्डर पर रैंडम टेस्टिंग (Random Testing) की जाएगी.
नोएडा दिल्ली बॉर्डर पर होने वाली रैंडम कोरोना टेस्टिंग को लेकर मन में आ रहे सभी सवालों के जवाब हम सिलसिलेवार दे रहे हैं-
1. रैंडम टेस्ट के लिए लोगों की पहचान कैसे हो रही है?
2. किसी को रोककर जांच करने में कितना वक्त लग रहा है?
3. कोरोना रिपोर्ट कितनी देर में आएगी और रिजल्ट कैसे पता चलेगा?
4. टेस्ट के लिए रोके जाने पर लोगों को क्या परेशानी आएगी?
5. रिपोर्ट आने में देरी पर क्या संक्रमित व्यक्ति से संक्रमण नहीं फैलेगा?
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रैंडम टेस्टिंग के साथ ही प्रशासन ने कई और अहम फैसले लिए हैं. जिसके तहत एक से अधिक केस मिलने वाले इलाकों को माइक्रो कंटेनमेंट जोन घोषित किया जाएगा. डिलीवरी ब्वॉय, दुकानदार और रिक्शा चालकों की टारगेट सैंपलिंग की जाएगी. नोएडा से दिल्ली आने जाने वालों पर खास नजर रखी जाएगी.
कल मंगलवार को जिले में 132 नए मरीजों के मिलने के साथ ही नोएडा में कोरोना संक्रमितों की संख्या 20,500 के पार हो गई है. इनमें 19 हजार से अधिक मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं.
आपको बता दें कि कोरोना के सबसे ज्यादा नए मामले दिल्ली में ही सामने आ रहे हैं. नवंबर महीने में आई 8 शहरों की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में इस महीने 26.5% मामले बढ़े हैं. वहीं कोलकाता में 16.6%, सूरत में 8.4% मामले बढ़े हैं. इसके अलावा अहमदाबाद में 8%, बेंगलुरु में 6.4%, चेन्नई में 4.7%, मुंबई में 4.2% केस बढ़े और इस महीने पुणे में 2.5% कोरोना मामले बढ़े.
गौरतलब है कि दिल्ली में कोरोना से मरने वालों की मृत्यु दर सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ी है. आपको नवंबर महीने की 8 शहरों की रिपोर्ट के बारे में बताते हैं. दिल्ली में कोरोना से मरने वालों की दर 18.5% बढ़ी है. कोलकाता में कोरोना से मृत्यु दर 12.1% तक बढ़ी है. फिर तीसरे नंबर पर पुणे है, जहां मरने वालों की दर 7.3% तक बढ़ी. बेंगलुरु में 3.8%, चेन्नई में 3.7% और सूरत में 2.6% मृत्यु दर बढ़ी है. मुंबई में 2.3% और फिर आखिर में अहमदाबाद में 2.1% कोरोना से मरने वालों की दर बढ़ी है.
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