इन लोगों के लिए गंभीर बीमारी का खतरा बढ़ा देता है गेहूं में पाया जाने वाला ग्लूटेन, ये लक्षण दिखते ही हो जाएं सावधान
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इन लोगों के लिए गंभीर बीमारी का खतरा बढ़ा देता है गेहूं में पाया जाने वाला ग्लूटेन, ये लक्षण दिखते ही हो जाएं सावधान

Disadvantages of Gluten Protein: ग्लूटेन से एलर्जी होने पर अगर उसका सेवन किया जाता है तो शरीर की आंतें कमजोर हो जाएंगी. पेट की समस्या हमेशा रहेगी. स्किन से जुड़ी समस्या भी हो सकती है. जानिए क्या है ग्लूटेन और ग्लूटेन इनटॉलेरेंस....

Disadvantages of Gluten Protein

Disadvantages of Gluten Protein: हमारी बॉडी कई बार कुछ विशेष खाद्य पदार्थों के सेवन को लेकर बेहद संवेदनशील हो जाता है. इन पदार्थों का सेवन करते ही शरीर तुरंत प्रतिक्रिया देने लगता है. इस बीमारी को हेल्थ एक्सपर्ट्स सीलिएक एलर्जी कहते हैं. यह छोटी आंत की बीमारी है, जिसे गेहूं या अन्य साबुत अनाजों से होने वाली एलर्जी भी कहा जाता है. ये बीमारी तब होती है जब शरीर ग्लूटेन नाम के प्रोटीन को एक्सेप्ट या फिर पचा नहीं पाता. जब आप ग्लूटेन का सेवन करने के बाद बीमार हो जाते हैं तो उसे ग्लूटेन इनटॉलेरेंस की स्थिति कहा जाता है. 

ग्लूटेन क्या है?
ग्लूटेन प्रोटीन के समूह का एक सामान्य नाम है. ये गेहूं, राई और जौ जैसे अनाज में पाए जाता है. यह पास्ता, बियर सहित कई पेय पदार्थों में हैं रहता है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
हेल्थ एक्सर्ट्स कहते हैं कि अगर आप  सीलिएक रोग से पीड़ित हैं तो ग्लूटेन का सेवन आपको कई तरह से नुकसान पहुंचा सकता है. सीलिएक रोग का कोई इलाज नहीं है. आप सिर्फ ग्लूटेन वाले फूड को अवॉइड कर पर इसे  कंट्रोल में रख सकते हैं. क्लिनिकल न्यूट्रिशनिस्ट और सीलिएक सोसाइटी ऑफ इंडिया के संस्थापक डॉ इशी खोसला के अनुसार, भारत में हर 140 व्यक्तियों में से एक को सीलिएक रोग होने का अनुमान है, जो छोटी आंत की एक पुरानी सूजन संबंधी बीमारी है. 

इन फूड्स में पाया जाता है ग्लूटेन
ग्लूटेन ज्यादातर प्रोसेस्ड फूड में फूड में पाया जाता है. प्रोसेस्ड अनाज से बने फूड प्रोडक्ट्स जैसे ब्रेड, पिज्जा, पास्ता, ब्रेडक्रंब, नूडल्स, वेजी बर्गर, पेस्ट्री, कुकीज शामिल हैं. इसके अलावा  सोया सॉस, बीयर, फ्लेवर्ड चिप्स, माल्ट सिरका, जौ माल्ट और कुछ तरह की वाइन में भी ग्लूटेन को मिलाया जाता है. यही वजह है कि एक हेल्दी शरीर के लिए इन फूड्स को नहीं खाने की सलाह दी जाती है. 

ग्लूटेन इनटॉलेरेंस और सीलिएक कैसे अलग-अलग हैं?

ग्लूटेन इनटॉलेरेंस और सीलिएक रोग अलग-अलग हैं. सीलिएक रोग वाले लोगों में ग्लूटेन के प्रति ऑटोइम्यून प्रतिक्रिया होती है. इसका मतलब है कि उनका शरीर ग्लूटेन से लड़ने की कोशिश करता हैं, जैसे कि यह एक वायरस हो. सेलिएक रोग से पीड़ित व्यक्ति की छोटी आंत पर इसका गहरा असर होता है और इसकी वजह से मरीज को उल्टी, दस्त, सूजन और पेट दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.

ग्लूटेन इनटॉलेरेंस क्या है?
ग्लूटेन इनटॉलेरेंस तब होती है जब आप ग्लूटेन खाने के बाद बीमार हो जाते हैं. इससे पीड़ित व्यक्ति का पेट फूला हुआ महसूस होता है और वह थका हुआ महसूस करता है. ग्लूटेन इनटॉलेरेंस का दूसरा नाम नॉन-सीलिएक ग्लूटेन सेंसिटिविटी (एनसीजीएस) है. 

ग्लूटेन इनटॉलेरेंस के लक्षण क्या हैं?
जिन लोगों को ग्लूटेन का सेवन करने के बाद नीचे दिए गए लक्षणों से दो चार होना पड़े, उन्हें इसके सेवन से बचना चाहिए. 

  • पेट में दर्द.
  • एनीमिया
  • चिंता में रहना
  • पेट में सूजन या गैस.
  • सिरदर्द.
  • जोड़ों का दर्द.

लो-ग्लूटन खाना ठीक है?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ महीने पहले तक लो-ग्लूटन यानी कम ग्लूटन वाले फूड प्रोडक्ट को FSSAI (फूड सेफ्ट एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया) ने मान्यता दी थी, लेकिन अब लो-ग्लूटन वाले प्रॉडक्ट की मान्यता पूरी तरह खत्म कर दी है. अब या तो फूड प्रॉडक्ट ग्लूटन-फ्री होगा या फिर ग्लूटनयुक्त. ग्लूटन इंटॉलरंस या सीलिएक रोग के मामले में ग्लूटन-फ्री खाना ही ठीक रहेगा.

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यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.

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