कॉफी पीना, खासकर एक दिन में 25 कप तक, धमनियों के लिए उतना भी बुरा नहीं है जितना पूर्व के अध्ययनों में माना गया है. धमनियां हमारे ह्रदय से ऑक्सीजन एवं पोषक तत्वों से युक्त रक्त को हमारे पूरे शरीर तक पहुंचाती हैं.
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नई दिल्ली : अक्सर देखा जाता है जो लोग ऑफिस में देर तक काम करते हैं या फिर रात को जगते हैं उन्हें कॉफी और चाय की ऐसी लत लग जाती है. इस आदत के बाद दुनियावाले चाहे कितनी भी बुरी और भली बात करते रहें आपको कोई फर्क नहीं पड़ता. कॉफी पीने के बाद लोगों का कहना होता है इससे दिमाग को शांति मिलती है और यह एक बार फिर काम में जुट जाता है. कॉ़फी पीकर मूड बेशक से लाइट हो जाता हो, लेकिन आपके शरीर का क्या जनाब? रोजाना 2 से 4 कॉपी पीने के बाद आपको भी यही चिंता सताती है तो टेंशन छोड़िए और एक दिन में जितनी चाहे, उतनी कॉफी पीजिए.
कॉफी पीना, खासकर एक दिन में 25 कप तक, धमनियों के लिए उतना भी बुरा नहीं है जितना पूर्व के अध्ययनों में माना गया है. धमनियां हमारे ह्रदय से ऑक्सीजन एवं पोषक तत्वों से युक्त रक्त को हमारे पूरे शरीर तक पहुंचाती हैं. अगर इनका लचीलापन खत्म होता है और ये सख्त हो जाती हैं तो ह्रदय पर जोर पड़ता है तथा व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ने या आघात का खतरा बढ़ जाता है.
8 हजार लोग हुए थे अध्ययन में शामिल
ब्रिटेन के क्वीन मैरी लंदन विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं के इस अध्ययन में 8,000 लोगों को शामिल किया गया था. यह अध्ययन पूर्व के अध्ययनों को गलत बताता है जिनमें दावा किया गया था कि कॉफी पीने से धमनियों में सख्ती आ जाती है. शोधकर्ताओं ने कहा कि कॉफी पीने को धमनियों की सख्ती से जोड़ने वाले पूर्व अध्ययन परस्पर विरोधी थे और प्रतिभागियों की कम संख्या होने की वजह से इनको सर्वमान्य नहीं माना जा सकता.
तीन श्रेणियों में बांटी गई कॉफी की खपत
अध्ययन के लिए कॉफी की खपत को तीन श्रेणियों में बांटा गया था. पहला जो एक दिन में एक कप से कम कॉफी पीते हैं, दूसरा जो प्रतिदिन एक से तीन कप और तीसरा जो तीन कप से ज्यादा कॉफी पीते हैं.