Trending Photos
नई दिल्ली: अगर आपको भी मांसाहारी भोजन- चिकन, मटन खाना बहुत अधिक पसंद है तो यह खबर आपके बहुत काम की है. जो लोग नॉन वेज (Non-Veg Food) के शौकीन होते हैं उनका बस चले तो वह डेली ही मीट और मांसाहारी भोजन खाएं. इसमें कोई शक नहीं कि मीट, प्रोटीन का बेहतरीन सोर्स होता है जो हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ ही आयरन, जिंक, विटामिन्स और जरूरी फैटी एसिड से भरपूर होता है और सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद होता है. लेकिन अगर आप भी उन लोगों में से है जो रोजाना मीट खाते हैं तो अपनी इस आदत को आज ही बदल दीजिए वरना आप हार्ट डिजीज (Heart Disease), डायबिटीज (Diabetes) और निमोनिया (Pneumonia) जैसी 9 खतरनाक बीमारियों का शिकार हो सकते हैं.
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के बीएमसी मेडिसिन (BMC Medicine) नाम के जर्नल में प्रकाशित इस नई स्टडी में यह बात सामने आयी है कि अगर कोई व्यक्ति हफ्ते में 3 दिन या इससे अधिक समय तक रेड मीट (Red Meat), प्रोसेस्ड मीट (Processed Meat)और पोल्ट्री मीट (Poultry Meat) जैसे- चिकन और टर्की का सेवन करता है तो उन्हें 9 अलग-अलग तरह की बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है. इससे पहले हुई कई स्टडीज और रिसर्च में यह बात साबित हो चुकी है कि रेड मीट और प्रोसेस्ड मीट का अधिक सेवन करने से पेट के कैंसर (Bowel Cancer) का जोखिम अधिक होता है. लेकिन इस स्टडी में पहली बार यह बात सामने आयी है कि मीट का सेवन अधिक करने का संबंध उन 25 गैर-कैंसरकारी बीमारियों से है जिसकी वजह से सबसे अधिक लोग अस्पताल में भर्ती होते हैं.
ये भी पढ़ें- लाइफस्टाइल से जुड़ी इन 5 चीजों की वजह से बढ़ जाता है हार्ट डिजीज का खतरा
शोधकर्ताओं की इस रिसर्च के साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी यह बात कई बार कह चुका है कि बहुत अधिक मांस खासकर रेड मीट और प्रोसेस्ड मीट का सेवन करने से सेहत को नुकसान गंभीर नुकसान हो सकता है. इस स्टडी में ब्रिटेन के 4 लाख 75 हजार मिडिल एज लोगों को शामिल किया गया. इस दौरान शोधकर्ताओं ने इन लोगों की डाइट के साथ ही मेडिकल रिकॉर्ड और अस्पताल में भर्ती होने और मौत के आंकड़ों की भी जांच की. यह स्टडी 8 सालों तक चली. स्टडी में यह नतीजे सामने आए कि औसतन जिन प्रतिभागियों ने हफ्ते में 3 दिन या इससे अधिक बार मीट का सेवन किया उनकी सेहत ज्यादा खराब रही उन लोगों की तुलना में जिन्होंने कम मांस खाया.
ये भी पढ़ें- वेजिटेरियन खाना है सेहत के लिए फायदेमंद, इन बीमारियों से होता है बचाव
अनप्रोसेस्ड रेड मीट और प्रोसेस्ड मीट अधिक खाने वाले लोगों में आईस्कैमिक हार्ट डिजीज, निमोनिया, डाइवर्टिकुलर डिजीज, कोलोन पॉलिप्स और डायबिटीज होने का जोखिम अधिक था. जबकि पोल्ट्री मीट अधिक खाने वाले लोगों में गैस्ट्रो-इसोफैगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD), गैस्ट्रिटाइटिस, ड्योडेनिटिस, डाइवर्टिकुलर डिजीज, गॉल ब्लैडर डिजीज और डायबिटीज होने का खतरा अधिक था. रोजाना 70 ग्राम अनप्रोसेस्ड रेड मीट और प्रोसेस्ड मीट का सेवन करने वालों में हार्ट डिजीज का खतरा 15 प्रतिशत और डायबिटीज होने का जोखिम 30 प्रतिशत अधिक था.
(नोट: किसी भी उपाय को करने से पहले हमेशा किसी विशेषज्ञ या चिकित्सक से परामर्श करें. Zee News इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)