इस बीमारी के कारण सिर्फ 26 साल की उम्र में ले लिया था संन्यास, Sehwag से बेहतर थी Average
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इस बीमारी के कारण सिर्फ 26 साल की उम्र में ले लिया था संन्यास, Sehwag से बेहतर थी Average

बीमारी के मारे, ये सितारे: क्रिकेट को जान से प्यारा मानता था ये क्रिकेटर, मगर सिर्फ 27 ODI ही खेल पाया. जानें क्या थी ये बीमारी...

सांकेतिक तस्वीर

बीमारी के मारे, ये सितारे/सुरेंद्र अग्रवाल: सिर्फ 26 साल की उम्र में क्रिकेट से संन्यास लेकर जेम्स टेलर ने सभी को चौंका दिया था. दरअसल, जेम्स इंग्लैंड की क्रिकेट टीम के लिए बल्लेबाजी करते थे और उन्हें क्रिकेट काफी प्यारा था. लेकिन, ARVC बीमारी के कारण उन्हें क्रिकेट खेलना छोड़ना पड़ा. आपको बता दें कि, वैसे तो वीरेंद्र सहवाग की तुलना करना बेमानी है. लेकिन, क्रिकेटर जेम्स टेलर की काबिलियत इससे देखी जा सकती है कि 27 ODI मैच में उनकी बैटिंग एवरेज 42.24 थी. जो कि सहवाग की बैटिंग एवरेज से ज्यादा है.

आइए जानते हैं कि जेम्स टेलर को होने वाली बीमारी ARVC क्या है?

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ARVC: क्या है एआरवीसी बीमारी?
मेडलाइनप्लस के मुताबिक, एरिदमोजेनिक राइट वेंट्रिकुलर कार्डियोमायोपैथी (Arrhythmogenic Riht Ventricular Cardiomyopathy) को ही एआरवीसी (ARVC) कहा जाता है. जो कि मायोकार्डियम से जुड़ा एक डिसऑर्डर है. मायोकार्डियम दिल की एक मस्कुलर वॉल होती है, जिसका एक हिस्सा टूटने या डैमेज होने से यह बीमारी होती है. एआरवीसी बीमारी वयस्कों में दिखती है, जिसके कारण तेज या असामान्य धड़कन होने लगती है और अचानक मौत हो सकती है.

Symptoms of ARVC: एआरवीसी के लक्षण
Johns Hopkins के मुताबिक, एआरवीसी के लक्षण हार्ट फेलियर की तरह हो सकते हैं. जिसमें तेज या असामान्य धड़कन के साथ निम्नलिखित परेशानी दिख सकती है. जैसे-

  • पैरों में सूजन
  • पेट में सूजन
  • सांस फूलना
  • अत्यधिक थकान होना
  • जी मिचलाना
  • सिर घूमना, आदि

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ARVC Treatment: एआरवीसी का इलाज कैसे होता है?
Johns Hopkins कहता है कि एआरवीसी का इलाज हर किसी के शरीर और स्थिति पर निर्भर करता है. लेकिन, फिर भी कुछ तरीके निम्न हो सकते हैं. जैसे-

  • एरिदमिया (तेज धड़कन) को कम करने की दवाएं
  • एरिदमिया को कंट्रोल करने के लिए डिवाइस (Implantable Cardioverter Defibrillators) का इस्तेमाल
  • असामान्य धड़कन को कम करने के लिए प्रक्रिया (Catheter Ablation), आदि

यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.

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