स्वास्थ्य मंत्रालय के पास हज यात्रियों के लिए टीकों की कमी
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स्वास्थ्य मंत्रालय के पास हज यात्रियों के लिए टीकों की कमी

उमरा या हज के लिए सऊदी अरब जाने वाले लोगों को दिमागी बुखार के टीके के संबंध में एक प्रमाणपत्र देना होता है जिससे यह साबित हो कि देश में उनके आगमन से पहले यह टीका लगाए उन्हें तीन साल से अधिक का समय ना हुआ हो और ना ही 10 दिन से कम समय हुआ हो.

इन टीकों की निर्माता कंपनी को उसकी पोलिया की दवा में वायरस पाए जाने के बाद पिछले साल उत्पादन रोकने के लिए कहा गया था. (प्रतीकात्मक)

नई दिल्ली: स्वास्थ्य मंत्रालय हज यात्रियों के लिए दिमागी बुखार के टीकों की कमी से जूझ रहा है. इन टीकों की निर्माता कंपनी को उसकी पोलिया की दवा में वायरस पाए जाने के बाद पिछले साल उत्पादन रोकने के लिए कहा गया था. स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, इन टीकों को बनाने वाली और सरकार को मुहैया कराने वाली एकमात्र कंपनी को सभी मानव टीकों का उत्पादन रोकने के लिए कहा गया है. उसकी पोलियो की दवा में टाइप-2 पोलियो वायरस पाया गया था.

सूत्रों ने बताया कि गाजियाबाद स्थित दवा कंपनी बायोमेड प्राइवेट लिमिटेड पर प्रतिबंध के बाद मंत्रालय अब हज यात्रियों को समय पर टीका लगाने के लिए टीकों की व्यवस्था करने के विकल्पों पर गौर कर रहा है. इस साल जुलाई में वार्षिक हज यात्रा के लिए करीब 1.27 लाख लोगों के जाने की उम्मीद है जिसके लिए मंत्रालय को कम से कम 1.47 लाख टीके मुहैया कराने होंगे. अतिरिक्त टीके इसलिए रखे जाते हैं क्योंकि राज्यों को इनकी आपूर्ति करने की प्रक्रिया में कुछ टीके निष्प्रभावी हो जाते हैं.

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सूत्रों ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय इन टीकों का आयात करने वाली दो कंपनियों से पहले ही बातचीत कर रहा है. उमरा या हज के लिए सऊदी अरब जाने वाले लोगों को दिमागी बुखार के टीके के संबंध में एक प्रमाणपत्र देना होता है जिससे यह साबित हो कि देश में उनके आगमन से पहले यह टीका लगाए उन्हें तीन साल से अधिक का समय ना हुआ हो और ना ही 10 दिन से कम समय हुआ हो.

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