Vegetarian Foods: शरीर की बनावट में प्रोटीम का अहम योगदान होता है. इसलिए आहार में प्रोटीन की भरपूर मात्रा लेनी चाहिए. प्रोटीन मांसपेशियों की मजबूती और रिकवरी को तेज करने में मदद करते हैं. लेकिन इसके लिए आपको नॉन वेज फूड्स का सहारा लेने की जरूरत नहीं है. जानिए कुछ शाकाहारी फूड्स के बारे में...
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Vegetarian Foods: सभी को पता है, कि मांसाहारी फूड्स जैसे, मछली, अंडा में प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है. हमारी बॉडी को भी पर्याप्त प्रोटीन की आवश्यक्ता होती है. ऐसे में हम ज्यादातर नॉन वेजिटेरियन फूड आइटम्स को ही चुनते हैं. लेकिन अगर इसकी तुलना में शाकाहारी खाने की बात करें तो, कुछ फूड्स ऐसे हैं, जिनमें प्रोटीन की भरपूर मात्रा पाई जाती है. यह केवल एक मिथक है कि मांसाहारी भोजन प्रोटीन के अच्छे सोर्स होते हैं. आपको बता दें, शाकाहारी फूड्स भी प्रोटीन से भरपूर होते हैं. तो आइए जानें ऐसे वेजीटेरियन फूड आइटम्स के बारे में जिनमें प्रोटीन की उच्च मात्रा होती है...
प्रोटीन से भरपूर होते हैं शाकाहारी फूड्स-
1. राजमा
किडनी बीन्स प्रोटीन, कार्ब्स और फाइबर से भरपूर होते हैं. देशभर में राजमा और चावल का कॉम्बीनेशन मशहूर है. यह न सिर्फ स्वाद में बेहतरीन होता है, बल्कि यह एक कम्प्लीट मील भी है. इसे आप पापड़, अचार आदि के साथ खा सकते हैं.
2. दूध
अगर आप रोजाना दूध पीते हैं, तो आपको प्रोटीन की अच्छी खुराक मिल रही है. दूध प्रोटीन से भरपूर होने के साथ कैल्शियम से भी भरा होता है, जो हड्डियों, दांतों, इम्यून सिस्टम को मज़बूती देता है और त्वचा पर ग्लो लाता है.
3. पनीर
दुनिया भर में चीज़ जितना पॉपुलर है, वैसा ही कुछ हाल भारत में पनीर का है. पनीर में केसिएन की अच्छी मात्रा होती है, जो एक तरह का धीरे पचने वाला प्रोटीन है. इसमें कैल्शियम का स्तर भी उच्च होता है, जो आपको लंबे समय तक भूख नहीं लगने देता और फैट्स को जल्दी बर्न करता है.
4. दालें
भारतीय खाना बिना दाल के अधूरा होता है, फिर चाहे अरहर हो, उड़त या फिर मूंग. दाल हर मील का हिस्सा होती है, इसे बनाना आसान है और डाइट में प्रोटीन, फाइबर और जरूरी खनिज पदार्थ भी शामिल हो जाते हैं.
5. चना
चने में मौजूद पोषक तत्व काफी अलग तरह के होते हैं. 200 ग्राम उबले हुए चने में 729 कैलोरीज होती हैं. इसमें 67% कार्ब्स होते हैं और बाकी प्रोटीन और फैट्स. एक कप चने खाने से आपको 40 फीसदी फाइबर, 70 फीसदी फोलेट और 22 फीसदी आयरन मिलता है. इसके साथ ही इसका ग्लायसेमिक इंडेक्स भी कम होता है, यानी इसे पचाने में शरीर को समय लगता है, जिसकी वजह से आपको लंबे समय तक भूख नहीं लगती और ब्लड ग्लूकोज का स्तर भी एकदम से नहीं बढ़ता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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