Yogasans for Acid Reflux: सीने में जलन तब होती है जब पेट में एसिड का उत्सर्जन अधिक होने लगता है. ऐसा अक्सर गड़बड़ खानपान से होता है. इस दौरान एसिड फूड पाइप के माध्यम से गले तक पहुंच जाता है.
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Yogasans for Acid Reflux: एसिड रिफ्लक्स यानी सीने में जलन की समस्या किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है. यह पाचन तंत्र से जुड़ी एक समस्या है, जो पेट में एसिड का उत्सर्जन अधिक होने पर होती है. हेल्थ एक्सपर्ट का मानना है कि एसिड रिफ्लक्स की दिक्कत खराब दिनचर्या, गलत खानपान और अत्यधिक आराम के साथ जन्म लेती है. कई लोगों को ये समस्या तला-भुना खाने की वजह से होती है. दरअसल, इस दौरान एसिड फूड पाइप के माध्यम से गले तक पहुंच जाता है. इस परेशानी का सरल उपाय है कि आप अपने खानपान और रहन सहन में व्यापक सुधार करें. इसके साथ ही रोजाना एक्सरसाइज करें. कुछ योगासन भी हैं जो सीने में जलन की समस्या में मददगार हैं. आइये जानते हैं.
हलासन
सीने में जलन से अगर आप आए दिन परेशान रहते हैं तो हलासन योग करें. इसे करने से कब्ज, बदहज़मी और पेट संबंधी सभी विकारों से छुटकारा मिल जाता है. पाचन क्रिया मजबूत करने के लिए आप ये योग कर सकते हैं. इस योग को करने से एसिड रिफ्लक्स की समस्या से निजात मिलता है. इस आसन को अंग्रेजी में ‘प्लो पोज’ कहते हैं. यह हिंदी के दो शब्द 'हल' और 'आसन' से मिलकर बना है, सीने में जलन की समस्या का हल करता है. रोजाना सुबह 10 मिनट के लिए ये योग करें. इसके लिए आप पीठ के बल लेट जाएं. फिर सांस भीतर की ओर खींचते हुए पैरों को ऊपर की तरफ उठाएं. अपने पैरों को कमर से 90 डिग्री का एंगल बनाएं. दबाव पेट की मांसपेशियों पर रहेगा. पैरों को सिर की तरफ झुकाते हुए सिर के पीछे ले जाएं. इसके बाद पैरों के अंगूठे से जमीन को छुएं. इसी स्थिति में एक मिनट तक बने रहें. सांसों पर ध्यान केंद्रित करें और सांस छोड़ते हुए सामान्य हो जाएं.
पवनमुक्तासन
इस योग को करने से शरीर में मौजूद दूषित वायु बाहर निकल जाती है. इस आसन को करने से पेट संबंधी सभी विकारों से निजात मिलता है. एसिड रिफ्लक्स, एसिडिटी, बदहजमी आदि परेशानियों से आराम पाने के लिए इस योग को हर रोज सुबह 15 मिनट के लिए करें. इसे करने से सेहत पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है. पवनमुक्तासन करने के लिए आप चटाई पर पीठ के बल लेट जाएं. फिर हाथों को फैलाकर पैरों तक ले जाएं. इसके बाद बाएं हाथ से बाएं पैर के घुटने को पकड़कर सीने तक लाएं. इस अवस्था में कुछ देर तक रहें. इसके बाद दाहिने हाथ से पवनमुक्तासन को दोहराएं.
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