Changing Weather: बदलता हुआ मौसम बुजुर्गों के लिए कितना खतरनाक? जानिए अपने बड़ों को बीमारियों से कैसे बचाएं
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Changing Weather: बदलता हुआ मौसम बुजुर्गों के लिए कितना खतरनाक? जानिए अपने बड़ों को बीमारियों से कैसे बचाएं

Elderly Health: जब बदलते मौसम में हर कोई बीमार पड़ सकता है, तो ऐसे में हमें अपने बड़े बुजर्गों का हर हाल में ख्याल रखना होगा, ताकि उनकी तबीयत अचानक से न बिगड़ जाए, आइए जानते हैं कि सर्दियों में उनको कौन-कौन से परेशानियां हो सकती हैं.

Changing Weather: बदलता हुआ मौसम बुजुर्गों के लिए कितना खतरनाक? जानिए अपने बड़ों को बीमारियों से कैसे बचाएं

Impact of Changing Weather on Elderly Health: बदलते हुए मौसम को सेहत का विलेन कहा जाता है, क्योंकि इस वक्त वायरल इंफेक्शन का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है. इस दौरान युवाओं तक को सर्दी, खांसी, जुकाम, फ्लू और बुखार हो जाता है, तो सोचें कि बुजुर्गों पर इस वेदर कंडीशंस का कैसा असर पड़ेगा. इसको लेकर हमने फोर्टिस एस्कॉर्ट, ओखला, नई दिल्ली के इंटरनल मेडिसिन कंसल्टेंट, डॉ. अंकुर गुप्ता (Dr. Ankur Gupta) से बात की, उन्होंने बदलते मौसम में बुजुर्गों की सेहत को लेकर कुछ खास पहलुओं पर प्रकाश डाला.
 

सर्दियों में बुजुर्गों को होने वाली परेशानियां

1. सांसों से जुड़ी परेशानियां (Respiratory Challenges)

सर्दियां न सिर्फ ठंडा तापमान लाती हैं, बल्कि एयर पॉल्यूशन में भी इजाफा करती है, इस मौसम में एवरेज एयर क्वालिटी इंडेक्स 350 के आसपास होता है. इससे बुजुर्गों की सेहत पर काफी बुरा असर पड़ता है क्योंकि इनमें से काफी लोगों को पहले से सांस लेने में परेशानी होती है. ठंडी हवा नाक में मौजूद वायुमार्ग को संकुचित कर सकती है, जिससे रिस्पिरेशन मुश्किल हो जाता है. प्रदूषण के कारण अस्थमा और सीओपीडी जैसी बीमारियां हो सकती हैं.

 2. दिल की सेहत पर असर (Cardiovascular Risks)

ठंडे तापमान और प्रदूषित हवा का कॉम्बिनेश कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम में तनाव पैदा कर सकता है, जिससे दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है, खासकर उन बुजुर्गों में जिनको पहले से हार्ट डिजीज हो सकती है. ठंड में गर्म रहने के लिए शरीर कड़ी मेहनत करता है, जिससे दिल पर एक्स्ट्रा प्रेशर पड़ता है.

4. इम्यूनिटी का कमजोर होना (Reduced Immunity)

सर्दियों के मुश्किल हालात इम्यूनिटी को कमजोर कर सकते हैं, जिससे हमारे बुजुर्ग संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील बन जाते है, इस दौरान गंभीर वायु प्रदूषण के लंबे समय तक संपर्क में रहने से शरीर की सुरक्षा और कमजोर हो जाती है, जिससे रिस्पिरेटरी इंफेक्शन का खतरा और भी ज्यादा बढ़ जाता है.

5. मेंटल हेल्थ पर असर (Mental Health Impact)

ठंडे मौसम की लंबी अवधि और सीमित बाहरी गतिविधियों के कारण बुजुर्गों में अकेलेपन और डिप्रेशन की भावनाएं जन्म लेने लगती हैं. कम धूप के संपर्क में आने से शरीर में विटामिन डी लेवल कम हो जाता है, जिससे मेंटल हेल्थ पर बुरा असर पड़ सकता है.

 

बदलते मौसम में कैसे रखें बुजुर्गों का ख्याल

1. न्यूट्रिएंट रिच डाइट खिलाएं (Nutrient-Rich Diet)

आप बुजुर्गों को विटामिंस और मिनरल्स से भरपूर डाइट खिलाएं, खासतौर से वो फूड्स जिनसे इम्यूनिटी बूस्ट होती हैं, इनमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन शामिल हैं. ठंडे मौसम में हाइड्रेट रहना जरूरी है, इससे ओवरऑल हेल्थ को मेंटेन रखना आसान होता है.

2. इंडोर एक्सरसाइज करें (Indoor Exercise Routine)

घर में ही इंडोर एक्सराइड को बढ़ावा दें, ताकि बाहर के मौसम का असर बुजुर्गों की सेहत पर नहीं पड़ेगा. आप योग, स्ट्रेचिंग, लाइट स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, इंडोर फिजिकल एक्टिविटीज के जरिए उनके कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ को बेहतर बना सकते हैं.

3. प्रोपर वेंटिलेशन (Proper Ventilation)

लिविंग स्पेस को ठीक से वेंटिलेट करके अच्छी इनडोर एयर क्वालिटी को सुनिश्चित करें. घर के अंदर केर प्रदूषण को कम करने के लिए एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल करें और मौसम सामान्य होने पर खिड़कियां खोल दें.

4. रेग्युलर हेल्थ चेक-अप (Regular Health Check-ups)

अगर आप नियमित अंतराल पर अपने बुजुर्गों का हेल्थ चेक-अप कराते रहेंगे तो इससे उनके ओवरऑल हेल्थ कंडीशन को मेंटेन रखना आसान हो जाएगा और तबीयत अचानक बिगड़ने से बचाया जा सकेगा.

5. इमोशनल सपोर्ट (Emotional Support)

बुजुर्गों का मेंटल हेल्थ को मेंटेन रखने के लिए आपका इमोशनल सपोर्ट जरूरी है. उनके साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त बिताएं और सोशल इंटरैक्शन को बढ़ावा दें जिससे एंग्जाइटी और डिप्रेशन का सामना न करना पड़े.

 

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मक़सद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

 

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